इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


अंतर्राष्ट्रीय संबंध

यूरोपीय संघ तथा जापान ने किये मुक्त-व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर

  • 18 Jul 2018
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

यूरोपीय संघ और जापान ने दुनिया के सबसे बड़े मुक्त व्यापार सौदों में से एक पर हस्ताक्षर किये हैं। उल्लेखनीय है कि जापान तथा यूरोपीय संघ की GDP पूरी दुनिया की GDP का एक तिहाई है तथा इनकी आबादी  लगभग 600 मिलियन है।

प्रमुख बिंदु

  • यूरोप जापान को सबसे अधिक दुग्ध उत्पादों का निर्यात करता है, जबकि जापान द्वारा यूरोप को किया जाने वाला प्रमुख निर्यात कारों का है।
  • यूरोपीय संघ और जापान के बीच यह कारोबारी समझौता अमेरिका द्वारा उठाए गए कदमों के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है।
  • इस समझौते द्वारा यूरोपीय संघ और जापान ने यह संदेश दिया है कि ये दोनों देश संरक्षणवाद के खिलाफ हैं।
  • इस समझौते से प्रदर्शित होता है कि विश्व को नेतृत्व प्रदान करने के लिये यूरोपीय संघ और जापान में राजनीतिक इच्छाशक्ति है।

अमेरिका द्वारा आरोपित शुल्क

  • अमेरिका 18 महीने पहले जापान और अन्य एशियाई देशों के साथ व्यापक रूप से मुक्त व्यापार समझौते और ट्रांस-पैसिफ़िक व्यापार समझौते के बारे में बात कर रहा था, लेकिन राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने इन समझौतों को वापस ले लिया था।
  • तब से  उनकी "अमेरिका फर्स्ट" नीति के तहत इस्पात सहित कई वस्तुओं पर शुल्क लगाए गए हैं, जिनका निर्यात जापान और यूरोपीय संघ द्वारा अमेरिका को किया जाता है।

दुनिया का सबसे बड़ा फ्री-ट्रेड ज़ोन

  • यूरोपीय संघ में दुनिया का सबसे बड़ा फ्री-ट्रेड ज़ोन है  जो वर्तमान में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जापान को हर साल माल और सेवाओं में 100 बिलियन डॉलर (75 बिलियन यूरो) से अधिक मूल्य की वस्तुओं तथा सेवाओं का निर्यात करता है।

निष्कर्ष

  • ऐसे समय में जब संरक्षणवादी उपायों को विश्व स्तर पर बढ़ावा दिया जा रहा है, जापान और यूरोपीय संघ के बीच हुआ यह समझौता दुनिया को एक बार फिर से मुक्त व्यापार को बढ़ावा देने वाली अविश्वसनीय इनकी राजनीतिक इच्छाशक्ति को प्रदर्शित करता है।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2