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सामाजिक न्याय

मलेरिया उन्मूलन

  • 12 Sep 2019
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

लांसेट कमीशन (Lancet Commission) द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, सही रणनीति एवं पर्याप्त वित्त आवंटन के माध्यम से वर्ष 2050 तक विश्व से मलेरिया का उन्मूलन संभव है।

प्रमुख बिंदु

  • वर्ष 2000 के बाद से वैश्विक स्तर पर मलेरिया के मामलों और इससे होने वाली मृत्यु दर में क्रमशः 36 और 60 प्रतिशत की गिरावट आई है।
  • वर्ष 2017 में विश्व के 86 देशों में मलेरिया के 219 मिलियन मामले दर्ज किये जबकि वर्ष 2000 में दर्ज 262 मिलियन दर्ज किये गए थे।
  • रिपोर्ट के अनुसार अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के 55 देशों में मलेरिया के मामलों में वृद्धि हो रही है।
  • रिपोर्ट के अनुसार, मलेरिया के मामलों में असमानता विद्यमान है, वर्ष 2017 में विश्व के 29 देशों में सबसे अधिक मामले दर्ज किये गए जिनमें 27 देश अफ्रीका के हैं। कुल वैश्विक मामलों में से 36% मामले नाइज़ीरिया (Nigeria) व कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (Democratic Republic of Congo) में दर्ज किये गए।

अफ्रीका में ही मलेरिया के अधिक मामले क्यों?

  • अफ्रीकी वेक्टर प्रजातियों की उत्तरजीविता अधिक होती है जिसकी वज़ह से प्लास्मोडियम परजीवी को वेक्टर प्रजाति में विकसित होने के लिये पर्याप्त समय मिल जाता है।
  • संक्रमण जलवायु परिस्थितियों जैसे- वर्षा का पैटर्न, तापमान और आर्द्रता आदि पर भी निर्भर करता है क्योंकि ये परिस्थितियाँ मच्छरों की संख्या और उनके अस्तित्व को प्रभावित कर सकती हैं।

मलेरिया

  • यह प्लास्मोडियम परजीवियों (Plasmodium Parasites) के कारण होने वाला मच्छर जनित रोग है।
  • यह परजीवी संक्रमित मादा एनोफिलीज़ मच्छर (Anopheles Mosquitoes) के काटने से फैलता है।
  • यह रोग मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है।
  • वेक्टर नियंत्रण (Vector Control) मलेरिया संचरण को रोकने और कम करने का मुख्य तरीका है।

मलेरिया के संदर्भ में भारत की स्थिति

  • वर्ष 2018 में WHO द्वारा जारी विश्व मलेरिया रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2017 में भारत में मलेरिया के लगभग 9.5 मिलियन मामले दर्ज किये गए जो कि वर्ष 2016 की तुलना में 3 मिलियन (24%) कम है।
  • विश्व भर में दर्ज किये जाने वाले मलेरिया के कुल मामलों के सिर्फ 4% मामले भारत में दर्ज होते हैं।
  • भारत में दर्ज किये जाने वाले कुल मामलों में से लगभग 50% ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ व पश्चिम बंगाल में दर्ज किये गए है।

आगे की राह:

लांसेट कमीशन द्वारा जारी की गई यह रिपोर्ट वर्ष 2050 तक मलेरिया उन्मूलन हेतु 3 सुझाव देती है-

  1. वैश्विक स्तर पर मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में सुधार करना।
  2. मलेरिया उन्मूलन के लिये जैविक चुनौतियों (Biological Challenges) को दूर करने हेतु नए उपकरणों को विकसित करना।
  3. मलेरिया से प्रभावित देशों और दानदाताओं द्वारा आवश्यक वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराना।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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