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सामाजिक न्याय

कोविड-प्रभावित परिवारों के लिये ईपीएफओ और ईएसआईसी का विस्तार

  • 02 Jun 2021
  • 7 min read

प्रिलिम्स के लिये

कर्मचारी राज्य बीमा निगम योजना, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन, कर्मचारी डिपॉजिट-लिंक्ड बीमा

मेन्स के लिये

कोविड-प्रभावित परिवारों के लिये बिमा सुरक्षा

चर्चा में क्यों?

हाल ही में सरकार ने कोविड-19 से मरने वालों के परिवारों के लिये पेंशन कवरेज और बीमा लाभों के विस्तार की घोषणा की।

  • कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees’ Provident Fund Organisation- EPFO) के तहत पंजीकृत सदस्यों के पेंशन कवरेज के लिये कर्मचारी राज्य बीमा निगम (Employees’ State Insurance Corporation- ESIC) योजना और कर्मचारी डिपॉज़िट-लिंक्ड बीमा (Employees’ Deposit-Linked Insurance) योजना के अंतर्गत बीमा लाभ को बढ़ाया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

ईएसआईसी योजना के तहत लाभों का विस्तार:

  • मौजूदा नियमों के अनुसार, ऐसे व्यक्तियों (जिनकी मृत्यु कोविड से हुई है) के परिवार के सदस्य कर्मचारी को दिये गए औसत दैनिक वेतन के 90% के बराबर पेंशन पाने के पात्र होंगे।
    • यह लाभ पूर्वव्यापी प्रभाव से 24 मार्च, 2020 से 24 मार्च, 2022 तक उपलब्ध रहेगा।
  • ईएसआईसी लाभों के लिये पात्रता शर्तों में यह मानदंड शामिल होने की संभावना है कि बीमित व्यक्ति को कोविड से मरने के कम-से-कम तीन महीने पहले ईएसआईसी ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकृत होना चाहिये, साथ ही उसने कम-से-कम 78 दिनों तक काम किया हो।

ईपीएफओ-ईडीएलआई के तहत लाभ:

  • अधिकतम बीमा लाभ 6 लाख रुपए से बढ़ाकर 7 लाख रुपए कर दिया गया है।
  • 2.5 लाख रुपए के न्यूनतम बीमा लाभ का प्रावधान बहाल कर दिया गया है और यह अगले तीन वर्षों के लिये फरवरी 2020 से पूर्वव्यापी रूप से लागू होगा।
  • उन कर्मचारियों के परिवारों को भी लाभ उपलब्ध कराया जा रहा है, जिन्होंने अपनी मृत्यु से पहले पिछले 12 महीनों में नौकरी बदली हो।
  • ईपीएफओ के अंतर्गत आने वाले कर्मचारी के मृत्यु के मामले में सभी आश्रित परिवार के सदस्य ईडीएलआई का लाभ उठाने के पात्र हैं।
    • इसके अंतर्गत लगभग 6.53 करोड़ परिवारों के पात्र होने की उम्मीद है।

कर्मचारी राज्य बीमा योजना:

कर्मचारी राज्य बीमा योजना के विषय में:

  • यह एक बहुआयामी सामाजिक व्यवस्था है जो ईएसआई योजना के तहत आने वाले श्रमिक या आश्रित परिवारों को सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है।
  • ईएसआई योजना कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948 में शामिल सामाजिक बीमा का एकीकृत रूप है।

कवरेज़:

  • ईएसआई अधिनियम 10 या अधिक व्यक्तियों को रोज़गार देने वाले सभी कारखानों और अधिसूचित प्रतिष्ठानों, साथ ही 21,000 रुपएप्रति माह (विकलांग व्यक्तियों के लिये 25,000 रुपए) तक वेतन पाने वाले कर्मचारियों पर लागू होता है।
  • यह कामगारों के लगभग 3.49 करोड़ परिवारों को कवर करता है और लगभग 13.56 करोड़ लाभार्थियों को नकद लाभ तथा उचित चिकित्सा सुविधा प्रदान करता है।

कर्मचारी डिपॉजिट-लिंक्ड बीमा

  • यह निजी क्षेत्र के वेतनभोगी कर्मचारियों के लिये ईपीएफओ द्वारा प्रदान किया जाने वाला एक बीमा कवर है। इसे वर्ष 1976 में लॉन्च किया गया था।
    • कोई भी कर्मचारी जिसके पास ईपीएफ खाता है, वह स्वतः ही ईडीएलआई योजना के लिये पात्र हो जाता है।
  • पंजीकृत नामांकित (Nominee) व्यक्ति को बीमित व्यक्ति की मृत्यु की स्थिति में एकमुश्त भुगतान प्राप्त होता है।
    • यह कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के तहत पंजीकृत सभी संगठनों पर लागू होता है।
  • ईडीएलआई योजना का प्रबंधन नियोक्ता द्वारा भुगतान किये गए मासिक वेतन के 0.5% के आधार पर किया जाता है और इसमें कर्मचारी का योगदान नहीं होता है। कर्मचारी द्वारा पंजीकृत नामांकित व्यक्ति योजना के तहत लाभ का दावा करने के लिये पात्र है।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन

  • यह एक सरकारी संगठन है जो सदस्य कर्मचारियों की भविष्य निधि और पेंशन खातों का प्रबंधन करता है।
  • यह कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान अधिनियम (Employee Provident Fund and Miscellanious Provisions Act), 1952 को लागू करता है।
    • कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 कारखानों तथा अन्य प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिये भविष्य निधि संस्थान (Provident Fund Institution) के रूप में काम करता है।
  • यह संगठन श्रम और रोज़गार मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रशासित है।

कर्मचारी भविष्य निधि योजना

  • ईपीएफ योजना कर्मचारी भविष्य निधि और विविध अधिनियम, 1952 के अंतर्गत आने वाली प्रमुख योजना है।
  • यह कारखानों और अन्य प्रतिष्ठानों में कार्य करने वाले कर्मचारियों को संस्थागत भविष्य निधि प्रदान करती है।
  • कर्मचारी के मूल वेतन और महँगाई भत्ते का 12% कर्मचारी और नियोक्ता दोनों ही ईपीएफ में जमा करते हैं।
    • आर्थिक सर्वेक्षण वर्ष 2016-17 में सुझाव दिया गया था कि कर्मचारियों को अपने वेतन का 12% ईपीएफओ में जमा करने या इसे वेतन के रूप में प्राप्त करने का विकल्प को चुनने अनुमति दी जाए।
  • यह योजना उन कर्मचारियों के लिये अनिवार्य है जिनका मूल वेतन प्रतिमाह 15,000 रुपए तक है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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