न्यायपालिका हेतु अवसंरचनात्मक सुविधाओं का विस्तार | 18 Nov 2017
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने न्यायपालिका हेतु अवसंरचनात्मक सुविधाओं का विकास करने के लिये (बारहवीं पंचवर्षीय योजना अर्थात 01.04.2017 से 31.03.2020 के अतिरिक्त) राष्ट्रीय न्याय सुपुर्दगी एवं न्यायिक सुधार मिशन के माध्यम से केंद्रीय प्रायोजित स्कीम (सीएसएस) का कार्यान्वयन मिशन मोड में जारी रखने को मंज़ूरी दी है।
- मंत्रिमंडल द्वारा न्याय विभाग द्वारा जीओ टैगिंग के साथ एक ऑनलाइन निगरानी प्रणाली की स्थापना को भी मंज़ूरी दी गई है।
उद्देश्य
- इसका उद्देश्य भविष्य की परियोजनाओं के साथ-साथ संपूर्ण देश में न्यायालय परिसरों का निर्माण करना, आवासीय यूनिटों के संबंध में नियमावली तैयार करना है।
लाभ
- इस स्कीम से ज़िला, उप-ज़िला, तालुका, तहसील एवं ग्राम पंचायत और गाँव स्तर सहित संपूर्ण देश के ज़िला तथा अधीनस्थ न्यायालयों के न्यायिक अधिकारियों/न्यायाधीशों के लिये उपयुक्त संख्या में न्याय परिसर और आवासीय यूनिट की उपलब्धता में बढ़ोतरी होगी।
- इससे देश भर में न्यायपालिका कार्य प्रणाली और कार्य प्रदर्शन में सुधार करने में मदद मिलेगी।
वित्तीय सहायता
- ज़िला और अधीनस्थ न्यायालयों के न्यायिक अधिकारियों/न्यायाधीशों के लिये न्यायालय परिसरों और आवासीय यूनिटों के निर्माण के लिये केंद्रीय रूप से प्रायोजित स्कीम के अन्तर्गत राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों को केंद्रीय सहायता प्रदान की जाती है।
- पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों को छोड़कर राज्यों के संबंध में वर्तमान निधियों के आवंटन का अनुपात केंद्र और राज्य के लिये क्रमश: 60:40 है।
- पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों के संबंध में निधि आवंटन का अनुपात 90:10 और संघ राज्य क्षेत्रों के संबंध में 100 प्रतिशत है।
- इससे ज़िला और अधीनस्थ न्यायालयों के न्यायिक अधिकारियों/न्यायाधीशों के लिये 3000 न्यायालय परिसरों और 1800 आवासीय यूनिटों की निर्माणाधीन परियोजना को पूरा करने में मदद मिलेगी।
केंद्र एवं राज्यों के मध्य निधि आवंटन का अनुपात
परियोजना की निगरानी संबंधी प्रावधान
- न्याय विभाग द्वारा एक ऑनलाइन निगरानी प्रणाली की स्थापना की जाएगी, जिसके माध्यम से कार्य प्रगति, निर्माणाधीन न्यायालय परिसरों और आवासीय यूनिटों की कार्य प्रगति संबंधी आँकड़े एकत्रित किये जाने के साथ-साथ बेहतर परिसंपत्ति प्रबंधन भी सरलता से किया जा सकेगा।
- त्वरित और बेहतर निर्माण को सुनिश्चित करने के लिये विभिन्न राज्यों में राज्य के मुख्य सचिवों और पी.डब्लू.डी. अधिकारियों के साथ मॉनिटरिंग समिति की नियमित बैठकों का आयोजन किया जाएगा।
पृष्ठभूमि
केंद्र सरकार ने न्यायपालिका हेतु अवसंरचनात्मक सुविधाओं के विकास के लिये वर्ष 1993-94 से क्रियान्वित केंद्रीय प्रायोजित स्कीम के माध्यम से इस संबंध में राज्यों के संसाधनों में बढ़ोतरी करने का कार्य किया जा रहा है। ज़िला और अधीनस्थ न्यायालयों के न्यायिक अधिकारियों/न्यायाधीशों के लिये न्यायालय परिसरों और आवासीय यूनिटों के निर्माण के लिये केन्द्रीय रूप से प्रायोजित स्कीम (सी.एस.एस.) के अन्तर्गत राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों को केंद्रीय सहायता प्रदान की जाती है।