पेपर लीक के मामलों की रोकथाम के लिये उच्चाधिकार प्राप्त समिति गठित | 05 Apr 2018
चर्चा में क्यों?
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने पेपर लीक के मामलों की रोकथाम करने के उद्देश्य से सीबीएसई द्वारा दसवीं और बारहवीं कक्षाओं की परीक्षा कराने की समूची प्रणाली पर गौर करने के लिये एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति गठित की है।
समिति के विचारार्थ विषय निम्नलिखित हैं :
(क) इस प्रणाली में अंतर्निहित सुरक्षा जाँच से संबंधित समस्त पहलुओं पर नए सिरे से गौर करना, ताकि बिना किसी गड़बड़ी के प्रश्नपत्रों को परीक्षार्थियों तक पहुँचाना सुनिश्चित हो सके।
(ख) प्रिंटिंग प्रेस से परीक्षार्थियों तक प्रश्नपत्रों को पहुँचाने की वर्तमान प्रणाली में अंतर्निहित संभावित खामियों के समस्त पहलुओं पर नए सिरे से गौर करना तथा आकलन करना।
(ग) ऐसे उपाय सुझाना जिससे कि प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर तथा किसी भी व्यक्ति को प्रश्नपत्र सौंपने की आवश्यकता को न्यूनतम कर इस प्रणाली को और ज़्यादा सुरक्षित बनाया जा सके।
समिति की संरचना :
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अवकाश प्राप्त सचिव (उच्च शिक्षा) श्री विनय शील ओबेरॉय इस सात सदस्यीय उच्चाधिकार प्राप्त समिति के अध्यक्ष होंगे।
समिति के अन्य सदस्य :
- श्री पवनेश कुमार, अवकाश प्राप्त परीक्षा नियंत्रक, सीबीएसई और पूर्व सचिव, उत्तर प्रदेश परीक्षा बोर्ड।
- प्रो. जे.एस राजपूत, यूनेस्को के कार्यकारी बोर्ड में भारत के प्रतिनिधि, एनसीईआरटी के पूर्व निदेशक एवं एनसीटीई के पूर्व अध्यक्ष।
- प्रो. वसुधा कामत, स्वतंत्र निदेशक, इरकॉन एवं पूर्व कुलपति, एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय।
- प्रो. कृष्ण मोहन त्रिपाठी, पूर्व शिक्षा निदेशक, उत्तर प्रदेश और हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट शिक्षा बोर्ड, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष।
- एनआईसी के डीजी के वरिष्ठ प्रतिनिधि।
- संयुक्त सचिव (माध्यमिक शिक्षा–II)