विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
स्थिरवैद्युत कीटाणुशोधन प्रौद्योगिकी
- 01 May 2020
- 4 min read
प्रीलिम्स के लिये:स्थिरवैद्युत कीटाणुशोधन मशीन मेन्स के लिये:स्थिरवैद्युत कीटाणुशोधन मशीन |
चर्चा में क्यों?
‘वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद’ (Council of Scientific and Industrial Research- CSIR ) की एक इकाई ‘केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन’, (Central scientific instruments organization-CSIO) चंडीगढ़ ने कीटाणुशोधन और स्वच्छता की एक नवीन तकनीक को विकसित किया है।
मुख्य बिंदु:
- ‘स्थिरवैद्युत कीटाणुशोधन मशीन’ (Electrostatic Disinfection Machine- EDM) को ‘स्थिरवैद्युत सिद्धांत’ (Electrostatic Principle) के आधार पर विकसित किया गया है।
- वैज्ञानिकों ने इस तकनीक को COVID- 19 महामारी तथा अन्य रोगाणुओं के प्रसार को रोकने में बहुत अधिक प्रभावी पाया है।
- CSIR-CSIO ने व्यावसायीकरण तथा बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिये इस तकनीक को नागपुर की एक कंपनी को हस्तांतरित किया है।
स्थिरवैद्युत कीटाणुशोधन:
- स्थिरवैद्युत कीटाणुशोधन प्रक्रिया में आवेशित कणों का सतह पर छिड़काव किया जाता है।
- स्थिरवैद्युत कीटाणुशोधन छिड़काव प्रक्रिया में विशेष प्रकार के विलयन का उपयोग करता है जो स्प्रेयर (Spraye) के अंदर मौजूद इलेक्ट्रोड की मदद से हवा के साथ संयुक्त होकर विशेष प्रकार के परमाणुओं (Atoms) का निर्माण करता है।
- विलयन में धनात्मक आवेशित कण होते हैं अत: वे किसी भी सतह की ओर आकर्षित होकर चिपक जाते हैं तथा सतह को साफ करते है।
EDM की कार्यप्रणाली:
- यह सूक्ष्मजीवों तथा वायरस को खत्म करने के लिये कीटाणुनाशक की 10-20 माइक्रोमीटर आकार की समान और बारीक बूंदों का उत्पादन करता है।
- बूंदों का आकार होने के कारण इन बूंदों का सतही क्षेत्रफल बढ़ जाता है जिससे हानिकारक सूक्ष्मजीवों और कोरोना वायरस के साथ बूंदों का संपर्क क्षेत्र बढ़ जाता है तथा ये बूंदें वायरस को खत्म कर देती है।
- यहाँ ध्यान देने योग्य तथ्य यह है कि किसी भी सतह का पृष्ठीय क्षेत्रफल बढ़ने पर अभिक्रिया की दर में वृद्धि हो जाती है।
EDM की विशिष्टता:
- यह मशीन पारंपरिक तरीकों की तुलना में बहुत कम कीटाणुशोधन सामग्री का उपयोग करती है। इससे प्राकृतिक संसाधनों को बचाने में मदद मिलती है तथा पर्यावरण में रासायनिक अपशिष्ट की वृद्धि भी नहीं के बराबर होती है।
स्वच्छ भारत मिशन (Swasth Bharat Mission):
- यह तकनीक लोगों के जीवन शैली तथा आम जनता के स्वास्थ्य से जुड़ी होने के कारण भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन से प्रत्यक्षत: जुड़ी है।