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भारतीय राजव्यवस्था

ई-पोस्टल बैलट की सफलता

  • 22 Jul 2019
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव के दौरान इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित पोस्टल बैलट सिस्टम (Electronically Transmitted Postal Ballot System-ETPBS) के माध्यम से होने वाले मतदान में लगभग 60.14% मतदान दर्ज किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि पहली बार ऑनलाइन पंजीकरण में सक्षम एक समर्पित पोर्टल के माध्यम से डाक मतदाताओं को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से प्रसंस्करित समय एवं संसाधनों की बचत करने और मानवीय त्रुटियों से बचने के लिये डाक मतपत्र भेजे गए।
  • देश के बाहर दूतावासों में तैनात केंद्रीय बलों में काम करने वाले व्यक्तियों को डाक मतदाता के रूप में वर्गीकृत किया जाता है और उनके लिये ऑनलाइन नामांकन का प्रावधान किया जाता है।
  • वर्ष 2019 के आम चुनाव में भारत के चुनाव आयोग के प्रमुख IT कार्यक्रम ETPBS का उपयोग करते हुए इलेक्ट्रॉनिक रूप से कुल 18,02,646 डाक मतपत्र भेजे गए थे। इससे कुल 10,84,266 ई-पोस्टल मत प्राप्त हुए जिन्होंने अपने नामांकन संख्या से लगभग 60.14% मतदान किया।

इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित पोस्टल बैलट सिस्टम

Electronically Transmitted Postal Ballot System-ETPBS

  • ETPBS पूरी तरह से एक सुरक्षित प्रणाली है, जिसमें सुरक्षा के दो चरण हैं।
  • OTP और पिन के उपयोग से मतदान की गोपनीयता बनी रहती है और पोर्टल में अनूठे QR कोड के कारण डाले गए ETPB का कोई दोहराव संभव नहीं है।
  • इस प्रणाली के माध्यम से डाक मतदाता अपने निर्वाचन क्षेत्र के बाहर कहीं से भी, इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्राप्त डाक मतपत्र पर अपना वोट डाल सकते है, जिससे मतदान का अवसर खोने की संभावना कम हो जाती है।

उद्देश्य

  • ऑनलाइन प्रणाली का उद्देश्य रक्षा कार्मिकों के लिये डाक मतदाता बनने हेतु सुविधाजनक एवं उपयोग में आसान ऑनलाइन प्रणाली तैयार करना था।
  • उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014 में डाक मतदाता द्वारा सिर्फ 4% मतदान दर्ज किया गया था।
  • भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने ETPBS के माध्यम से राष्ट्र के लिये अपना कर्तव्य निभाते हुए आदर्श वाक्य ‘कोई मतदाता पीछे न छूटे’ (No Voter to be Left Behind) के साथ संवैधानिक अधिकार के तहत सभी पात्र डाक मतदाताओं का सशक्तीकरण सुनिश्चित किया है।

स्रोत: पी.आई.बी.

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