इलेक्ट्रॉनिक मृदा | 30 Dec 2023
प्रिलिम्स के लिये:इलेक्ट्रॉनिक मृदा, हाइड्रोपोनिक्स, खाद्य और कृषि संगठन (FAO) मेन्स के लिये:किसानों की सहायता के लिये इलेक्ट्रॉनिक मृदा, ई-प्रौद्योगिकी। |
स्रोत:इंडियन एक्सप्रेस
चर्चा में क्यों?
हाल ही में स्वीडन में लिंकोपिंग (Linköping) यूनिवर्सिटी के शोधकर्त्ताओं ने 'इलेक्ट्रॉनिक मृदा' (ई-सॉइल)
- विकसित की है जो हाइड्रोपोनिक युक्त स्थानों में पौधों के विकास को गति दे सकती है।
इलेक्ट्रॉनिक मृदा क्या है?
- परिचय:
- इलेक्ट्रॉनिक मृदा (e-Soil) एक नवीन प्रवाहकीय कृषि क्रियाधार (Substrate) है जिसे विशेष रूप से हाइड्रोपोनिक प्रणालियों के लिये तैयार किया गया है।
- खनिज ऊन(Mineral Wool) जैसे पारंपरिक क्रियाधार के विपरीत, जो गैर-बायोडिग्रेडेबल होते हैं तथा ऊर्जा-गहन प्रक्रियाओं का उपयोग करके निर्मित होते हैं, ई-सॉइल (e-Soil) सेल्यूलोज़ से बना होता है जिसे एक बायोपॉलिमर, जिसे PEDOT (पॉली (3,4-एथिलीन डाइ-ऑक्सीथियोफीन)) नामक एक प्रवाहकीय बहुलक के साथ मिश्रित किया जाता है।
- सामग्रियों का यह अभिनव मिश्रण तापदीप्त वैद्युत धाराओं के माध्यम से पौधों में जड़ के विकास को उत्तेजित करने में सहायता करता है।
- महत्त्व:
- ई-सॉइल काफी कम ऊर्जा खपत का लाभ प्रदान करता है तथा उच्च-वोल्टेज प्रणालियों से संबंधित जोखिम को समाप्त करता है।
- ई-सॉइल का महत्त्व पौधों की वृद्धि को बढ़ाने की क्षमता में निहित है, जैसा कि एक अध्ययन से पता चलता है कि इस तकनीक का उपयोग करके हाइड्रोपोनिक प्रणालियों में कृषि की गई जौ के पौधों की वृद्धि दर में 50% की वृद्धि हुई है।
- ई-सॉइल के साथ मिलकर हाइड्रोपोनिक्स प्रणाली वैश्विक खाद्य मांगों को पूरा करने में संभावित रूप से सहायक हो सकती है, खासकर शहरी परिवेश में जहाँ सीमित कृषि योग्य भूमि है।
हाइड्रोपोनिक्स क्या है ?
- हाइड्रोपोनिक्स:
- हाइड्रोपोनिक्स तकनीक में पोषक तत्त्वों से भरपूर जल-आधारित,मृदा रहित माध्यम में पौधों की खेती करना शामिल है।
- हाइड्रोपोनिक्स मृदा रहित माध्यम में जल आधारित, पोषक तत्त्वों से भरपूर विलयन में पौधों को उगाने की एक विधि है।
- इसमें मृदा का उपयोग नहीं किया जाता है, इसके स्थान पर जड़ को पर्लाइट, रॉकवूल, मृदा के छर्रों, पीट काई, या वर्मीक्यूलाईट जैसे निष्क्रिय माध्यम का उपयोग किया जाता है।
- यह महत्त्वपूर्ण है कि पौधों की जड़ें पोषक तत्त्वों के विलयन के सीधे संपर्क के साथ ऑक्सीजन तक पहुँच हो, जो उनके स्वस्थ विकास के लिये आवश्यक हैं।।
- लाभ:
- भूमि और जल क्षमता: बंद लूप जल प्रणाली के साथ हाइड्रोपोनिक खेती तकनीक भूमि और जल तक सीमित पहुँच वाले किसानों के लिये एक व्यवहार्य विकल्प है।
- शहरी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त: जब शहरी और उप-शहरी क्षेत्रों की बात आती है जहाँ कृषि योग्य भूमि प्रदूषित होती है तब उस स्थान पर रहित प्रणालियों का महत्त्व कई गुना बढ़ जाता है।
- कम संसाधन खपत: कम संसाधन खपत इस वैकल्पिक कृषि तकनीक को विभिन्न हितधारकों द्वारा अपनाने की अनुमति देती है।
- अधिक उपज: खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के अनुसार, मृदा रहित कृषि प्रणालियों में सब्जियों की उपज पारंपरिक प्रणालियों की तुलना में 20-25% अधिक है क्योंकि प्रति वर्ग मीटर पौधों की संख्या अधिक है।
- कमियाँ:
- अधिक समय और ध्यान देने की आवश्यकता: जल को नियमित अंतराल पर बदलने की आवश्यकता होती है क्योंकि स्थिर या रुके हुए जल से पौधों में आसानी से रोग का संक्रमण हो सकता है, यदि रोगजनक जल आपूर्ति में प्रवेश करते हैं।
- जल और ऊर्जा गहनता: हाइड्रोपोनिक कृषि में जल और विद्युत् ऊर्जा दो आवश्यक कारक हैं, पर्याप्त जल आपूर्ति या स्थिर विद्युत् के अभाव में हाइड्रोपोनिक कृषि प्रणाली अच्छी तरह से विकसित नहीं होगी।
UPSC, सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. खेती में बायोचार का क्या उपयोग है? (2020)
उपर्युक्त कथनाें में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर:(d) व्याख्या
अत: विकल्प (d) सही है। |