इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक ऑफ एंड लैंडिंग (eVTOL) एयरक्राफ्ट | 06 Jun 2022

प्रिलिम्स के लिये:

eVTOL एयरक्राफ्ट, कार्बन-14 

मेन्स के लिये:

वैज्ञानिक नवाचार और खोजें 

चर्चा में क्यों? 

भारत सरकार ईवीटीओएल (eVTOL) एयरक्राफ्ट को भारत लाने और उनके लिये मैन्यूफैक्चरिंग फैसिलिटी स्थापित करने की संभावना तलाश रही है। 

Electric-aircraft

eVTOL एयरक्राफ्ट 

  • परिचय: 
    • एक eVTOL एयरक्राफ्ट वह है, जो बिजली की शक्ति का उपयोग उड़ान भरने, टेक ऑफ और लंबवत रूप से लैंड करने के लिये करता है। 
    • अधिकांश eVTOL भी वितरित विद्युत प्रणोदन तकनीक का उपयोग करते हैं जिसका अर्थ है एयरफ्रेम के साथ एक जटिल प्रणोदन प्रणाली को एकीकृत करना। 
  • विशेषताएँ: 
    • इसमें अधिक दक्षता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये कई मोटर हैं। 
    • यह वह तकनीक है जो मोटर, बैटरी, सेल ईंधन और इलेक्ट्रॉनिक नियंत्रक प्रौद्योगिकियों में प्रगति के आधार पर विद्युत प्रणोदन की सफलताओं के कारण विकसित हुई है तथा शहरी वायु गतिशीलता (UAM) सुनिश्चित करने वाली नई वाहन प्रौद्योगिकी की आवश्यकता से भी प्रेरित है। 
      • इस प्रकार eVTOL एयरोस्पेस उद्योग में नई तकनीकों और विकास में से एक है। 
    • UAM की अवधारणा को जीवंत करने के लिये अनुमानित 250 eVTOL अवधारणाओं या उससे अधिक का उपयोग किया जा रहा है। 
      • इनमें से कुछ में सेंसर, कैमरों और यहांँ तक कि रडार द्वारा समर्थित मल्टी-रोटर, फिक्स्ड-विंग एवं टिल्ट-विंग अवधारणाओं का उपयोग शामिल है। यहांँ मुख्य अवधारणा "स्वायत्त कनेक्टिविटी" है। 
      • इनमें से कुछ विभिन्न परीक्षण चरणों में हैं और कुछ अन्य भी परीक्षण उड़ानों से गुज़र रहे हैं ताकि उपयोग के लिये प्रमाणित किया जा सके। 
    • संक्षेप में eVTOLs की तुलना हवाई क्रांति में तीसरी लहर से की गई है। 
      • पहला, व्यावसायिक उड़ान का आगमन और दूसरा, हेलीकॉप्टरों का युग। 

eVTOLs का विकास: 

  • eVTOLs द्वारा अपनाई जाने वाली बैटरी प्रौद्योगिकी और ऑनबोर्ड विद्युत शक्ति की सीमाओं पर निर्भर करती हैं। 
  • उड़ान के प्रमुख चरणों जैसे- टेक ऑफ, लैंडिंग और उड़ान (विशेष रूप से उच्च हवा की स्थिति में) के दौरान शक्ति की आवश्यकता होती है। 
  • वज़न महत्त्वपूर्ण कारक: 
    • उदाहरण के लिये BAE सिस्टम्स विभिन्न प्रकार कलिथियम बैटरी का उपयोग करने वाले प्रारूपों का निरीक्षण कर रहा है। 
      • BAE सिस्टम्स एक ब्रिटिश बहुराष्ट्रीय हथियार, सुरक्षा और एयरोस्पेस कंपनी है जो लंदन, इंग्लैंड में स्थित है। 
    • नैनो डायमंड बैटरीज़ के निर्माण में "डायमंड न्यूक्लियर वोल्टाइक (डीएनवी) तकनीक" को अपनाने पर विचार किया जा रहा है, जिसमें ‘सेल्फ-चार्जिंग बैटरी' के निर्माण हेतु ‘लेयर्ड इंडस्ट्रियल डायमंड्स’ में कार्बन-14 ‘ न्यूक्लियर वेस्ट' की न्यूनतम मात्रा का उपयोग किया जाता है। 
  • विशेषज्ञों द्वारा केवल बैटरियों के उपयोग और उड़ान मिशन के आधार पर हाइड्रोजन सेल एवं बैटरी जैसी हाइब्रिड तकनीकों को देखने पर सवाल उठाया गया है। 
  • यह गैस से चलने वाले जनरेटर का उपयोग करता है जो एक छोटे विमान के इंजन को शक्ति प्रदान करता है, बदले में बैटरी सिस्टम को चार्ज करता है। 
    • लेकिन तकनीक जो भी हो इसके लिये बहुत सख्त जाँच और प्रमाणन की आवश्यकतएँ होगी। 

चुनौतियाँ: 

  • दुर्घटना निवारण प्रणाली:  
    • चूँकि अब तक की तकनीक ‘पायलट रहित’ और ‘पायलट सहित’ विमानों का मिश्रण है, इनके फोकस क्षेत्रों में "दुर्घटना निवारण प्रणाली" शामिल है। 
    • इनमें कैमरे, रडार, जीपीएस (ग्लोबल पोज़िशनिंग सिस्टम) और इंफ्रारेड स्कैनर का प्रयोग होता है। 
  • सुरक्षा सुनिश्चित करना: 
    • पावर प्लांट या रोटर की विफलता के मामले में सुरक्षा सुनिश्चित करने जैसे मुद्दे भी हैं। साइबर हमले से विमान की सुरक्षा, फोकस का एक अन्य क्षेत्र है। 
  • नेविगेशन और उड़ान सुरक्षा: 
    • यह तकनीक नेविगेशन और उड़ान सुरक्षा तथा कठिन इलाके, असुरक्षित संचालन वातावरण और खराब मौसम में काम करते समय काम आएगी। 

बाज़ार मूल्य: 

  • वर्ष 2021 में eVTOL का वैश्विक बाज़ार 8.5 मिलियन यूएस डॉलर था जिसके वर्ष 2030 तक 30.8 मिलियन यूएस डॉलर तक बढ़ने की संभावना है। 
  •  मांग में यह वृद्धि हरित ऊर्जा और शोर-मुक्त विमान, कार्गो ले जाने की अवधारणा तथा परिवहन के नए साधनों की आवश्यकता के कारण होगी। 
  • UAM बाज़ार का विस्तार वर्ष 2018-25 के बीच 25% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से होने की उम्मीद है। 
    • वर्ष 2025 तक इस बाज़ार के 74 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने की संभवना है। इसमें eVTOL बाज़ार भी शामिल है क्योंकि UAM आदर्श रूप से eVTOL के उपयोग पर केंद्रित है। 

स्रोत: द हिंदू