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भारतीय राजव्यवस्था

चुनावी ट्रस्ट योजना, 2013

  • 24 Jun 2021
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

चुनावी ट्रस्ट योजना, चुनावी बॉण्ड

मेन्स के लिये:

चुनावी ट्रस्ट योजना से संबंधित विभिन्न पक्ष

चर्चा में क्यों?

पहली बार चुनावी ट्रस्ट (चुनावी ट्रस्ट योजना, 2013 के तहत) ने चुनावी बॉण्ड के माध्यम से दान की घोषणा की है, हालाँकि चुनावी बॉण्ड योजना के तहत गारंटीकृत नाम न छापने का हवाला देते हुए धन प्राप्त करने वाले राजनीतिक दलों के नामों का खुलासा नहीं किया गया है।

  • एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) के अनुसार, यह प्रथा ‘इलेक्टोरल ट्रस्ट्स स्कीम, 2013 और आयकर नियम, 1962 की भावना के विरुद्ध है, जो ट्रस्टों के लिये योगदान देने वाले के बारे में प्रत्येक विवरण प्रस्तुत करना अनिवार्य बनाते हैं। 
    • यदि चुनावी ट्रस्ट, बॉण्ड के माध्यम से दान करने की इस प्रथा को अपनाना शुरू कर देते हैं, तो यह पूर्णतः अनुचित होगा और इसमें तमाम गलत प्रथाएँ जैसे- पूर्ण गुमनामी, अनियंत्रित और असीमित धन, काले धन का मुक्त प्रवाह, भ्रष्टाचार, विदेशी धन, कॉर्पोरेट दान तथा हितों का टकराव आदि शामिल होंगी।

प्रमुख बिंदु

चुनावी ट्रस्ट योजना के बारे में

  • चुनावी ट्रस्ट भारत में गठित एक गैर-लाभकारी संगठन है जो किसी भी व्यक्ति से व्यवस्थित रूप से योगदान प्राप्त करने का कार्य करता है।
  • चुनावी ट्रस्ट भारत में अपेक्षाकृत नई अवधारणा है और यह देश में तेज़ी से हो रहे चुनावी पुनर्गठन का हिस्सा है।
  • चुनावी ट्रस्ट योजना, 2013 को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) द्वारा अधिसूचित किया गया था।
    • चुनावी ट्रस्ट से संबंधित प्रावधान आयकर अधिनियम, 1961 और आयकर नियम, 1962 के तहत शामिल हैं।

उद्देश्य

  • यह एक चुनावी ट्रस्ट को अनुमोदन प्रदान करने हेतु प्रक्रिया निर्धारित करता है, जो स्वैच्छिक योगदान प्राप्त करते हैं तथा इसे राजनीतिक दलों को वितरित करते हैं।
  • जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29A के तहत पंजीकृत एक राजनीतिक दल इस योजना के तहत पात्र राजनीतिक दल होगा और एक चुनावी ट्रस्ट केवल पात्र राजनीतिक दलों को ही धन वितरित करेगा।

ट्रस्ट के अनुमोदन के लिये मानदंड

  • एक चुनावी ट्रस्ट को अनुमोदित किया जाएगा यदि वह निम्नलिखित शर्तों को पूरा करता है:-
    • कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 25 के प्रयोजनों के लिये पंजीकृत कंपनी।
    • चुनावी ट्रस्ट का उद्देश्य कोई लाभ अर्जित करना अथवा अपने सदस्यों या योगदानकर्त्ताओं को कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष लाभ देना नहीं होना चाहिये।

चुनावी ट्रस्टों में योगदान:

  • स्वैच्छिक योगदान प्राप्त कर सकते हैं:
    • एक ऐसे व्यक्ति से जो भारत का नागरिक है;
    • ऐसी कंपनी से जो भारत में पंजीकृत है;
    • किसी फर्म या भारत में निवास कर रहे एक हिंदू अविभाजित परिवार या व्यक्तियों के एक संघ या व्यक्तियों के निकाय से।
  • योगदान स्वीकार नहीं कर सकते:
    • ऐसे व्यक्ति से जो भारत का नागरिक नहीं है।
    • किसी अन्य चुनावी ट्रस्ट से जो कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 25 के तहत एक कंपनी के रूप में पंजीकृत है और चुनावी ट्रस्ट योजना, 2013 के तहत चुनावी ट्रस्ट के रूप में अनुमोदित है;
    • कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 2 में परिभाषित किसी सरकारी कंपनी से;
    • किसी विदेशी स्रोत से, जैसा कि विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 की धारा 2 में परिभाषित किया गया है।
  • एक चुनावी ट्रस्ट केवल चेक, डिमांड ड्राफ्ट या बैंक खाते के माध्यम से हस्तांतरण द्वारा किये गए योगदान को ही स्वीकार कर सकता है।

अन्य बिंदु:

  • चुनावी/इलेक्टोरल ट्रस्ट एक वर्ष में प्राप्त कुल योगदान का 5% तक खर्च कर सकता है, जिसकी कुल सीमा निगमन के पहले वर्ष में 5 लाख रुपए और बाद के वर्षों में 3 लाख रुपए होगी।
  • ट्रस्ट पात्र राजनीतिक दल से एक रसीद प्राप्त करता है जिसमें राजनीतिक दल का नाम, उसकी स्थायी खाता संख्या आदि का उल्लेख होता है।
  • ट्रस्ट को अपनी प्राप्तियों, वितरण एवं व्यय के संबंध में ऐसी लेखा बही और अन्य दस्तावेज़ों को रखना तथा उनका अनुरक्षण करना आवश्यक है।

योजना का महत्त्व:

  • चुनावी ट्रस्टों को कॉरपोरेट संस्थाओं द्वारा राजनीतिक दलों को उनके चुनाव संबंधी खर्चों के लिये उपलब्ध कराए गए फंड में अधिक पारदर्शिता लाने के लिये अभिकल्पित किया गया है।
  • निर्वाचन आयोग ने पारदर्शिता के हित में चुनावी ट्रस्टों द्वारा प्राप्त और राजनीतिक दलों को उनके द्वारा वितरित किये गए योगदान के विवरण संबंधी वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिये चुनावी ट्रस्टों की योगदान रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु दिशा-निर्देश भी जारी किये थे।

चुनावी बॉण्ड

  • चुनावी बॉण्ड राजनीतिक दलों को दान देने हेतु एक वित्तीय साधन है।
  • चुनावी बॉण्ड बिना किसी अधिकतम सीमा के 1,000 रुपए, 10,000 रुपए, 1 लाख रुपए, 10 लाख रुपए और 1 करोड़ रुपए के गुणकों में जारी किये जाते हैं।
  • भारतीय स्टेट बैंक इन बॉण्डों को जारी करने और भुनाने (Encash) के लिये अधिकृत बैंक है, ये बॉण्ड जारी करने की तारीख से पंद्रह दिनों तक वैध रहते हैं।
  • यह बॉण्ड एक पंजीकृत राजनीतिक पार्टी के निर्दिष्ट खाते में प्रतिदेय होता है।
  • बॉण्ड किसी भी व्यक्ति (जो भारत का नागरिक है) द्वारा जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्तूबर के महीनों में प्रत्येक दस दिनों की अवधि हेतु खरीद के लिये उपलब्ध होते हैं, जैसा कि केंद्र सरकार द्वारा निर्दिष्ट किया गया है।
    • एक व्यक्ति या तो अकेले या अन्य व्यक्तियों के साथ संयुक्त रूप से बॉण्ड खरीद सकता है।
    • बॉण्ड पर दाता के नाम का उल्लेख नहीं किया जाता है।

स्रोत: द हिंदू

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