चुनाव आयोग द्वारा सरकारी विज्ञापनों की स्क्रीनिंग प्रारम्भ | 12 Jan 2017
सन्दर्भ
चुनाव आयोग द्वारा सरकारी विज्ञापनों की स्क्रीनिंग प्रारंभ कर दी गई है | पाँच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को मद्देनज़र रखते हुए मुख्य चुनाव अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सभी होर्डिंगों और विज्ञापनों में लगी राजनेताओं की तस्वीरें हटाई या ढंकी जाएँ।
पृष्ठभूमि
- दरअसल, 10 जनवरी को निर्वाचन आयोग ने इस बात को दोहराया था कि सरकार द्वारा वित्तपोषित विज्ञापन जो किसी राजनीतिक कार्यकर्ता या दल की उपलब्धियों का प्रचार करते हों – आदर्श आचार संहिता के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हैं|
- विदित हो कि चुनाव आयोग का यह आदेश कांग्रेस द्वारा की गई शिकायत के बाद आया था|
- कांग्रेस ने चुनाव आयोग से विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पोस्टर हटाए जाने की मांग की थी|
- वस्तुतः कांग्रेस ने तेल कंपनियों द्वारा घरेलू गैस वितरण पहल के पोस्टर्स में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर की मौजूदगी पर रोष जाहिर किया था और चुनाव आयोग को लिखित शिकायत द्वारा इस मामले पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी|
- शिकायत में कहा गया था कि विधानसभा चुनाव से पहले 5 राज्यों में, पेट्रोल पंपों समेत सभी सार्वजनिक स्थलों पर लगे सरकारी पोस्टरों से नरेंद्र मोदी की तस्वीरें हटाई जाएँ।
- इस सन्दर्भ में, यह तर्क भी दिया गया था कि चुनाव आयोग को ऐसे पोस्टर हटाने का आदेश देना चाहिये क्योंकि उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर में होने वाले चुनावों के चलते लगी आदर्श आचार संहिता के दौरान इसकी इजाज़त नहीं है।
- याचिका में कहा गया कि प्रधानमंत्री की तस्वीरों के साथ केंद्र सरकार की होर्डिंग्स, पोस्टर्स, बैनर्स किसी भी चुनावी राज्य में नहीं लग सकते, क्योंकि यह आचार संहिता का उल्लंघन है जो स्वतन्त्र चुनाव में बाधा है।
- कांग्रेस ने अपनी शिकायत में आयोग से अनुरोध किया कि वह इन राज्यों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पोतो वाले होर्डिंग्स, केंद्र सरकार या विभागों के किसी भी विज्ञापन और बैनर से उनकी तस्वीर हटवाने का आदेश दे।
- इसके अतिरिक्त, चुनाव आयोग को एक प्रेस क्लिपिंग भी प्राप्त हुई है जिसमें दिखाया गया है कि उत्तराखंड में तेल कंपनियों द्वारा रसोई गैस सब्सिडी का त्याग करने वाले उपभोक्ताओं को प्रधानमंत्री के छायाचित्र वाले प्रमाणपत्र वितरित किये जा रहे थे|
- 2004 के एक आदेश के अनुसार, किसी भी राजनीतिक दल या कार्यकर्त्ता द्वारा अपनी प्रशंसा या छवि बनाने के लिये सार्वजानिक संसाधनों का प्रयोग नहीं किया जा सकता|
- हालाँकि, सरकारी होर्डिंगों पर सामाजिक कल्याण योजनाओं और जागरूकता अभियान सम्बन्धी सामान्य संदेश की अनुमति है|
आयोग का निर्णय
- आयोग ने निर्देश दिया है कि राज्यों में ऐसे चुनावी पोस्टर जिनमे राजनीतिक दलों या उनके कार्यकर्ताओं की उपलब्धियों का प्रचार किया गया है, उन्हें या तो हटा दिया जाना चाहिये या सही तरीके से ढँक दिया जाना चाहिये।
- इसके अतिरिक्त, तेज़ी से स्क्रीनिंग और विज्ञापनों को मंजूरी देने के लिये चुनाव आयोग द्वारा स्क्रीनिंग समितियों का गठन भी किया गया है।
- चुनाव आयोग ने 12 जनवरी, 2017 को कैबिनेट सचिव को पत्र लिखकर गोवा के पेट्रोल पंपों पर लगे प्रधानमंत्री की तस्वीरों वाले होर्डिंगों को आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए हटाने के लिये कहा है| साथ ही, उत्तराखंड में गैस ग्राहकों के प्रमाणपत्रों से भी प्रधानमंत्री की तस्वीर हटाने के लिये कहा गया है|