निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक | 11 May 2019

संदर्भ-

हाल ही में निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव के लिये पश्चिम बंगाल में विशेष पर्यवेक्षक और केंद्रीय पुलिस पर्यवेक्षक के तौर पर दो सेवानिवृत्त नौकरशाहों की नियुक्ति को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार एवं अन्य से जवाब मांगा है।

प्रमुख बिंदु-

  • यह याचिका पश्चिम बंगाल के बैरकपुर लोकसभा क्षेत्र के एक निर्दलीय उम्मीदवार द्वारा दायर की गई।
  • इस याचिका की सुनवाई सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई एवं न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने की।
  • याचिकाकर्त्ता ने आरोप लगाया कि चुनाव के समय इन पर्यवेक्षकों की नियुक्ति एक पक्ष को लाभ पहुँचाने के लिये की गई।
  • याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि दोनों पर्यवेक्षकों की नियुक्ति जन-प्रतिनिधित्व अधिनियम1951 के तहत निर्धारित अनिवार्य अहर्ताओं को पूरा नहीं करती।

चुनाव आयोग पर्यवेक्षक कौन होता है?

पर्यवेक्षकों का चयन विभिन्न केंद्रीय सेवाओं से किया जाता है जैसे- भारतीय राजस्व सेवा, भारतीय प्रशासनिक सेवा और भारतीय पुलिस सेवा। ये पर्यवक्षक चुनाव प्रक्रिया के समापन तक निर्वाचन आयोग के प्रतिनिधि  के रूप में कार्य करते हैं।

नियुक्ति

  • अगस्त 1996 में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 में एक नई धारा 20B को जोड़ने हेतु संशोधन किया गया। जो पर्यवेक्षकों को चुनाव के संचालन,  विशेष रूप से वोटों की गिनती के संबंध में वैधानिक शक्तियाँ प्रदान करता है।
  • पर्यवेक्षकों की नियुक्ति के संबंध में भारत निर्वाचन आयोग (ECI) को  जन-प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 20B और भारत के संविधान के तहत समस्त शक्तियों प्राप्त हैं।
  • ये आयोग के सदस्य होते हैं, जो नियुक्ति से लेकर चुनाव प्रक्रिया पूर्ण होने तक आयोग के अधीक्षण, नियंत्रण और अनुशासन में कार्य करते हैं।

भूमिका और कर्त्तव्य 

  • विशेष पर्यवेक्षक और पुलिस पर्यवेक्षक चुनावों के स्वतंत्र और निष्पक्ष संचालन में आयोग की सहायता करते हैं।
  • ये पर्यवेक्षक अपने क्षेत्र में ज़मीनी स्तर पर चुनावी प्रक्रिया के कुशल और प्रभावी प्रबंधन की भी देखरेख करते हैं।
  • आयोग के सभी उद्देश्यों की पूर्ति हेतु चुनाव अवधि के दौरान ये आयोग की आँख और कान के रूप में कार्य करते हैं और चुनाव मशीनरी, उम्मीदवारों, राजनीतिक दलों, तथा निर्वाचकों के संबंध में आयोग को सीधे सूचनाएँ प्रदान करते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि  मतदान के समय चुनाव से संबंधित नियमों, प्रक्रियाओं, निर्देशों का निष्पक्ष रूप से पालन हो।

भारत निर्वाचन आयोग- भारत का निर्वाचन आयोग एक स्वायत्त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में संघ और राज्य चुनाव प्रक्रियाओं के संचालन के लिये जिम्मेदार है। यह आयोग भारत में लोकसभा, राज्यसभा, राज्य विधानसभाओं और राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव आयोजित करता है। वर्तमान में सुनील अरोड़ा  मुख्य चुनाव आयुक्त है।

जन-प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951- निर्वाचन आयोग का पर्यवेक्षक जो कि सरकार का अधिकारी होगा। किसी निर्वाचन क्षेत्र या निर्वाचन क्षेत्रों के समूह में निर्वाचन/निर्वाचनों के संचालन की निगरानी करेगा और ऐसे कृत्यों का पालन करेगा जो निर्वाचन आयोग द्वारा उसे सौंपे गए हैं।

स्रोत- ‘द हिन्दू’