सामाजिक न्याय
एकल विद्यालय अभियान
- 07 Dec 2019
- 3 min read
प्रीलिम्स के लिये:
एकल विद्यालय अभियान
मेन्स के लिये:
भारत में शिक्षा में सुधार संबंधी मुद्दे
चर्चा में क्यों?
हाल ही में एकल विद्यालय अभियान के तहत देश भर में खोले गए एकल विद्यालयों की संख्या 1 लाख से ऊपर हो गई है।
प्रमुख बिंदु:
- एकल विद्यालय अभियान को एकल विद्यालय संगठन द्वारा ग्रामीण और जनजातीय भारत तथा नेपाल के एकीकृत और समग्र विकास के लिए शुरू किया गया है।
- एकल विद्यालय ‘'एक शिक्षक वाले विद्यालय' हैं जो विगत कई वर्षो से उपेक्षित ग्रामीण क्षेत्रों और आदिवासी क्षेत्रों में संचालित किये जा रहे हैं।
- इस अभियान के अंतर्गत 2.8 मिलियन से अधिक ग्रामीण और जनजातीय बच्चे लाभान्वित हुए हैं।
- इसके तहत बुनियादी शिक्षा, डिजिटल साक्षरता, कौशल विकास, स्वास्थ्य जागरूकता, आधुनिक और उत्पादक कृषि प्रथाओं एवं ग्रामीण उद्यमिता द्वारा आदिवासी और ग्रामीण समुदायों का सशक्तीकरण किया जाता है।
- कई ट्रस्ट और गैर-लाभकारी संगठनों की भागीदारी से यह अभियान भारत की मुख्य धारा से अलग गाँवों में संचालित गैर-सरकारी शिक्षा के क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा अभियान बन गया है।
- इसके तहत एकल विद्यालय संगठन द्वारा अब तक 1 लाख से अधिक एकल विद्यालय खोले जा चुके हैं।
- इस अभियान के अंतर्गत ग्रामीण विकास के लिये ग्रामोत्थान और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आरोग्य कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
- वर्ष 1990 में गठित राममूर्ति समिति की रिपोर्ट ने एकल अभियान के लिये दिशा-निर्देश बनाने और स्थापित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- एकल विद्यालय अभियान को वर्ष 2017 में गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
राममूर्ति समिति :
- वर्ष 1990 में भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सुधार के लिये आचार्य राममूर्ति की अध्यक्षता में राममूर्ति समिति का गठन किया गया।
- इस समिति ने शिक्षा के उद्देश्य, सामान्य स्कूल प्रणाली, कार्य हेतु व्यक्तियों का सशक्तीकरण,स्कूली विश्व व कार्य स्थल में संबंध स्थापित करना, परीक्षा सुधार, मातृभाषा को स्थान,स्त्रियों की शिक्षा, धार्मिक अंतरों को कम करना, शैक्षिक उपलब्धि, अवसरों आदि के संदर्भ में बुनियादी सुधार संबंधी सुझाव दिये थे।