शासन व्यवस्था
प्रवासियों तथा स्वदेश वापसी करने वाले लोगों के राहत एवं पुनर्वास की परियोजना को मिली मंज़ूरी
- 06 Jul 2018
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चर्चा में क्यों?
केंद्र सरकार ने प्रवासियों तथा स्वदेश वापसी करने वाले लोगों के राहत व पुनर्वास की व्यापक योजना के अंतर्गत गृह मंत्रालय की मौज़ूदा आठ योजनाओं को वर्ष 2020 तक ज़ारी रखने की मंज़ूरी दे दी है।
परियोजना का उद्देश्य
- इन योजनाओं के माध्यम से शरणार्थियों, विस्थापितों, आतंक व जातीय हिंसा से प्रभावित लोगों, सीमापार से होने वाली गोलीबारी से पीड़ित तथा खान/IED (Improvised Explosive Device) विस्फोट से प्रभावित लोगों को राहत व् पुनर्वास प्रदान किया जाएगा।
परियोजना के लिये निर्धारित वित्तीय अनुदान
- 2017-18 से 2019-20 के दौरान इस उद्देश्य की पूर्ति के लिये वित्तीय अनुदान 3,183 करोड़ रुपए होगा।
- वर्षवार वित्तीय अनुदान 2017-18 के लिये 911 करोड़ रुपए, 2018-19 के लिये 1372 करोड़ रुपए और 2019-20 के लिये 900 करोड़ रुपए है।
योजनाएँ
- 1984 के सिक्ख विरोधी दंगों के मृतक आश्रितों के लिये राहत राशि को बढ़ा कर पाँच लाख रुपए किया गया।
- तमिलनाडु और ओडिशा के कैंपों में रह रहे श्रीलंकाई शरणार्थियों को राहत सहायता।
- पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) से विस्थापित परिवारों तथा जम्मू-कश्मीर के छाम्ब से विस्थापित परिवारों के पुनर्वास के लिये एकमुश्त केंद्रीय सहायता।
- तिब्बती शरणस्थलों में प्रशासनिक और सामाजिक कल्याण के परिव्यय के लिये पाँच वर्षों तक केंद्रीय तिब्बती राहत समिति (CTRC) को वित्तीय सहायता।
- त्रिपुरा के राहत कैंपों में रह रहे ब्रू समुदाय के लिये त्रिपुरा सरकार को वित्तीय सहायता।
- त्रिपुरा के ब्रू/रियांग समुदायों का मिज़ोरम में पुनर्वास।
- आतंक/जातीय हिंसा तथा सीमा पार से होने वाली फायरिंग से पीड़ित लोगों और खान/IED विस्फोटों के पीडि़तों की सहायता के लिये केंद्रीय योजना।
- सीमा भूमि समझौते के अंतर्गत भारत और बांग्लादेश के बीच रिहायशी इलाकों के हस्तांतरण के पश्चात बांग्लादेश व कूच बिहार ज़िले के रिहायशी इलाकों में पुनर्वास पैकेज तथा अवसंरचना का उन्नयन।