अंतर्राष्ट्रीय संबंध
बेरोज़गारी दर 11% के स्तर पर पहुँची, 12 लाख लोग हुए बेरोज़गार
- 08 Mar 2017
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गौरतलब है कि वर्ष 2014-15 के मध्य देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बेरोज़गारी दर (11%) में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है| दिल्ली के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, इस समयावधि के दौरान तकरीबन 12 लाख लोग रोज़गारविहीन रहे हैं| गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बेरोज़गारी की दर में निरंतर वृद्धि दर्ज की गई है| इस सन्दर्भ में वर्ष 2013, 2014 तथा 2015 के विषय में प्राप्त आँकड़ों का अध्ययन करने पर ज्ञात होता है कि राजधानी में इन वर्षों में क्रमशः 9.13 लाख, 10.97 लाख तथा 12.22 लाख लोग रोज़गारविहीन रहे हैं|
- हालाँकि, इस सन्दर्भ में वास्तविक आँकड़े उक्त आँकड़ों से भिन्न भी हो सकते हैं| इसका कारण यह है कि अनौपचारिक क्षेत्र में बहुत ही कम लोगों को कर्मचारियों के रूप में सूचीबद्ध किया जाता है|
शैक्षणिक स्थिति बनाम बेरोज़गारी
- उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 में सूचीबद्ध किये गए रोज़गारविहीन लोगों की शैक्षणिक स्थिति के संबंध में शोध करने पर ज्ञात होता है कि इस वर्ष बेरोज़गार रहे तकरीबन 12.22 लाख लोगों में से तकरीबन 1,95,450 लोग स्नातक (Graduates) की डिग्री प्राप्त किये हुए थे|
- उक्त लोगों के अतिरिक्त, 34,033 लाख लोग परास्नातक तथा 56,576 लोग डिप्लोमा धारक थे|ध्यातव्य है कि वर्ष 2013 एवं 2014 में राजधानी दिल्ली में क्रमशः 44,934 तथा 52,532 बेरोज़गार डिप्लोमा धारक लोग थे|
- बेरोज़गार व्यक्तियों की संख्या तथा इनकी शैक्षणिक स्थिति के विषय में अध्ययन करने के पश्चात् ज्ञात होता है कि वर्तमान में बेरोज़गारी के क्रम में शामिल लोगों में सबसे अधिक हिस्सेदारी पढ़े-लिखे लोगों की है जो कि एक गंभीर चिंता की ओर इशारा करती है|
- ध्यातव्य है कि वर्ष 2015 में बेरोज़गार संबंधी विवरण रखने वाले रजिस्टर में मात्र 5.56 लाख लोगों को ही बेरोज़गार के रूप में सूचीबद्ध किया गया|
राजधानी की स्थिति
- इसके अतिरिक्त, इस सर्वेक्षण में भी वर्णित किया गया है कि पिछले कुछ समय से राजधानी क्षेत्र में प्रवास की स्थिति में कमी दर्ज की गई है| ध्यातव्य है कि इस संबंध में वर्ष 2013, 2014 एवं 2015 के विषय में प्राप्त आँकड़ों के संबंध में गौर करने पर ज्ञात होता है कि इन वर्षों में क्रमशः 62,000, 88,000 तथा 98,000 प्रवासी लोगों ने दिल्ली में प्रवेश किया|
- स्पष्ट है कि उक्त संबंध में जहाँ वर्ष 2014 में 39 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई थी, वहीं वर्ष 2015 में मात्र 11 फीसदी की ही बढ़त दर्ज की गई है|
- वस्तुतः इस प्रवास की एक अहम वजह ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा शहरी क्षेत्रों में रोज़गार के अधिक से अधिक विकल्पों की मौजूदगी होना है|
सरकार की पहल
- राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के साथ-साथ देश में बेरोज़गारी के स्तर में हो रही दिनोंदिन वृद्धि के मद्देनज़र दिल्ली सरकार तथा केंद्र सरकार की प्रमुख प्राथमिकता रोज़गार के अवसरों में वृद्धि करना तथा सभी के बेहतर एवं सुरक्षित भविष्य हेतु विकल्प सुनिश्चित करना होनी चाहिये|
- ध्यातव्य है कि इस संबंध में कुछ समय पहले ही प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक अति-महत्त्वाकांक्षी परियोजना “स्किल इंडिया” (Skill India) का शुभारंभ किया गया| इस परियोजना के तहत वर्ष 2022 तक देश के 40 करोड़ लोगों को रोज़गार प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है|