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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 : सेवा क्षेत्र परिदृश्य

  • 07 Feb 2018
  • 9 min read

चर्चा में क्यों?

  • आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 के अनुसार भारत के सकल मूल्यवर्द्धन (Gross Value Added-GVA) में 55.2% की हिस्सेदारी के साथ सेवा क्षेत्र भारत के आर्थिक विकास का मुख्य घटक बना रहा।
  • 2017-18 की सकल मूल्यवर्द्धन संवृद्धि दर में सेवा क्षेत्र की हिस्सेदारी 72.5% रही। जबकि 2017-18 के पूरे वित्तीय वर्ष में सेवा क्षेत्र की संवृद्धि दर 8.3% रहने का अनुमान है।
  • 2017-18 की प्रथम छमाही में सेवा क्षेत्र के निर्यातों की संवृद्धि दर 16.2% रही।

मुख्य सेवाओं का क्षेत्रवार निष्पादन और प्रमुख सरकारी पहलें निम्नलिखित हैं: 

पर्यटन

  • आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबि संयुक्त राष्ट्र के विश्व पर्यटन संगठन के अनुसार 2016 में अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक आगमन कुल मिलाकर 1.2 बिलियन तक पहुँच गया जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 46 मिलियन अधिक रहा।
  • भारत में 2016 में 9.7% की वृद्धि के साथ 8.8 मिलियन विदेशी पर्यटक आए और 8.8% की वृद्धि के साथ $22.9 मिलियन की विदेशी मुद्रा प्राप्त हुई।
  • पर्यटन मंत्रालय के आँकडों के अनुसार 2017 के दौरान 15.6% की वृद्धि के साथ 10.2 मिलियन विदेशी पर्यटकों का आगमन हुआ जबकि 2016 की तुलना में 20.4% प्रतिशत की वृद्धि के साथ $27.7 बिलियन विदेशी मुद्रा अर्जित की गई।
  • 2015 की तुलना में वर्ष 2016 में 12.7% की वृद्धि के साथ घरेलू पर्यटकों की संख्या 1,614 मिलियन रही।
  • तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और कर्नाटक शीर्ष पाँच पर्यटन गंतव्य राज्यों में शामिल हैं।

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये सरकारी पहलें

  • 163 देशों के नागरिकों के लिये तीन श्रेणियों- पर्यटक, मेडिकल और बिजनेस के अंतर्गत ई-वीजा की शुरूआत।
  • विभिन्न चैनलों पर 2017-18 के लिये ग्लोबल मीडिया अभियान की शुरुआत। 
  • भारत में विश्व धरोहर स्थलों को लोकप्रिय बनाने के लिये ‘द हेरिटेज ट्रेल्स’ (The Heritage Trails) का संचालन।
  • पर्यटन पर्व का आयोजन।
  • पर्यटन पर्व के तीन घटक निम्नलिखित हैं-
    ► भारतीयों को अपने देश के प्रति जागरूक करने की दृष्टि से ‘देखों अपना देश’ कार्यक्रम।
    ► सभी राज्यों में पर्यटन स्थलों पर पर्यटन संबंधी कार्यकर्मों के आयोजन के लिये  ‘टूरिज़्म फॉर ऑल’ कार्यक्रम।
    ► हितधारकों के साथ विभिन्न विषयों पर वर्कशॉप और इंटरेक्शन के लिये ‘पर्यटन एवं शासन’ (Tourism & Governance) का आयोजन।

सूचना प्रौद्योगिकी – बीपीएम सेवाएं

  • नैसकॉम के आँकडों के अनुसार ई-कॉमर्स और हार्डवेयर को छोड़कर भारत का सूचना प्रौद्योगिकी-बीपीएम (Information Technology – Business Process Management- IT-BPM) क्षेत्र 8.1% की संवृद्धि दर से  2015-16 में $129.4 बिलियन से बढ़कर 2016-17 में $139.9 बिलियन हो गया।
  • IT-BPM निर्यातों में 7.6% की वृद्धि हुई और इसी अवधि के दौरान यह $107.8 बिलियन से बढ़कर $116.1 बिलियन हो गया।
  • 2016-17 में ई-कॉमर्स बाज़ार के 19.1% की वृद्धि दर के साथ लगभग $33 बिलियन होने का अनुमान है। 

IT-BPM के लिये सरकारी पहलें 

  • 1.45 लाख लोगों को रोज़गार देने और डिजिटल समावेशन सुनिश्चित करने हेतु BPO Promotion and Common Services Centres की स्थापना।
  • 5000 सीटों और 15000 व्यक्तियों की रोज़गार क्षमता के साथ एक पृथक Northeast BPO Promotion Scheme की शुरुआत।
  • ओपन डेटा प्रोटेक्शन नीति का मसौदा तैयार करना।
  • डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्मार्ट सिटीज़, ई-गवर्नेंस जैसी दीर्घकालिक पहलों के अलावा, स्किल इंडिया के ज़रिये डिजिटल प्रतिभा को बढ़ावा, कैशलेस अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन और स्टार्ट-अप इंडिया के माध्यम से नवाचार को प्रोत्साहित करने का प्रयास।

रियल एस्टेट और आवासन

  • 2017 की प्रथम छमाही में इस क्षेत्र में $257 मिलियन का निवेश हुआ जो कि वर्ष 2016 की तुलना में दोगुना है।
  • हाल ही में रियल एस्टेट क्षेत्र से संबंधित भारत सरकार द्वारा किये गए कुछ सुधारों और नीतियों में प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana-PMAY) शामिल है, जिसमें सरकार ने नवंबर 2017 तक शहरी क्षेत्रों में किफायती आवास भाग के तहत 3.1 मिलियन से अधिक आवासों को मंज़ूरी दी है।
  • इनमें से लगभग 1.6 मिलियन घरों का निर्माण विभिन्न चरणों में है और करीब 0.4 करोड़ घरों का निर्माण किया जा चुका है।
  • 21 सितंबर, 2017 को किफायती आवास के लिये PPP नीति की घोषणा की गई थी, जो कि ‘2022 तक सभी के लिये आवास’ जैसे महत्त्वाकांक्षी मिशन को पूरा करने में सहायक होगी।
  • PMAY के तहत क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम को मध्यम आय समूह तक बढ़ा दिया गया है।
  • रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 के अधिनियमन से अचल संपत्ति मूल्य श्रृंखला में जवाबदेही और विकास को बढ़ावा मिलेगा जबकि अनिवार्य प्रकटीकरण और पंजीकरण से पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
  • अनुसंधान और विकास (Research and Development)
  • अनुसंधान और विकास (R&D) सेवाओं के अंतर्गत व्यावसायिक, वैज्ञानिक और तकनीकी गतिविधियों को शामिल किया जाता है।
  • R&D सेवाओं में वर्ष 2014-15 और 2015-16 में क्रमशः 17.5% और 41.1% की वृद्धि देखने को मिली।
  • भारत आधारित R&D सेवाओं, जिनकी वैश्विक बाज़ार में 22% की हिस्सेदारी है में 12.7% की दर से वृद्धि हुई।
  • हालाँकि, R&D क्षेत्र में भारत का कुल खर्च जीडीपी का लगभग 1% ही है।
  • वैश्विक नवाचार सूचकांक 2017 में भारत 127 देशों में 60वें स्थान पर है जबकि 2016 में यह 66वें पायदान पर था।
  • आर्थिक सर्वेक्षण में R&D के लिये मिशन प्रेरित दृष्टिकोण के तहत छह प्रमुख मिशनों की पहचान की गई है, जो कि निम्नलिखित है-
    ► डार्क मैटर पर राष्ट्रीय मिशन
    ► जीनोमिक्स पर राष्ट्रीय मिशन
    ► ऊर्जा भंडारण पर राष्ट्रीय मिशन
    ► गणित पर राष्ट्रीय मिशन
    ► साइबर भौतिक प्रणाली पर राष्ट्रीय मिशन
    ► कृषि संबंधी राष्ट्रीय मिशन

अंतरिक्ष

  • उपग्रह प्रक्षेपण के मामले में भारत ने पिछले कुछ वर्षों में शानदार प्रदर्शन किया है। मार्च 2017 में 254 उपग्रहों के प्रक्षेपण के साथ भारत ने उपग्रह प्रक्षेपण के क्षेत्र में मिसाल कायम की। 
  • इससे भारत को काफी मात्रा में विदेशी मुद्रा प्राप्त हुई। 2015-16 और 2016-17 में क्रमशः 394 करोड़ और 275 करोड़ रूपए का राजस्व उपग्रह प्रक्षेपण से हासिल हुआ। 
  • वैश्विक उपग्रह प्रक्षेपण से प्राप्त होने वाले राजस्व में भारत की हिस्सेदारी बढ़ रही है। इसमें 2015-16 में 1% प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है जबकि 2014-15 में 0.3% की वृद्धि हुई थी।
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