आर्थिक सर्वेक्षण (सामान्य जानकारी) | 01 Feb 2020
प्रीलिम्स के लिये:आर्थिक सर्वेक्षण, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय, आर्थिक मामलों का विभाग, GDP, GVA मेन्स के लिये:भारत की आर्थिक स्थिति से संबंधित मुद्दे, राजकोषीय नीति एवं सरकारी रणनीति |
चर्चा में क्यों?
वित्त मंत्री द्वारा 31 जनवरी, 2020 को वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिये आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) संसद के समक्ष पेश किया गया।
महत्त्वपूर्ण बिंदु:
- केंद्रीय बजट पेश होने से एक दिन पहले देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार (Chief Economic Adviser- CEA) द्वारा आर्थिक सर्वेक्षण जारी किया जाता है।
आर्थिक सर्वेक्षण क्या है?
- आर्थिक सर्वेक्षण सरकार द्वारा पिछले एक साल में अर्थव्यवस्था की स्थिति पर प्रस्तुत एक रिपोर्ट है जो प्रमुख आर्थिक चुनौतियों का अनुमान लगाती है और उनके संभावित समाधान प्रस्तुत करती है।
- इस दस्तावेज़ को आर्थिक मामलों के विभाग (Department of Economic Affairs- DEA) के आर्थिक प्रभाग द्वारा CEA के मार्गदर्शन में तैयार किया जाता है। ध्यातव्य है कि वर्तमान में भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन (Dr. Krishnamurthy Subramanian) हैं।
- आर्थिक सर्वेक्षण तैयार होने के बाद इसे वित्त मंत्री द्वारा अनुमोदित किया जाता है।
- पहला आर्थिक सर्वेक्षण वर्ष 1950-51 में प्रस्तुत किया गया था। ध्यातव्य है कि वर्ष 1964 तक इस दस्तावेज़ को बजट के साथ प्रस्तुत किया जाता था किंतु अब बजट प्रस्तुत करने के एक दिन पहले प्रस्तुत किया जाता है।
- पिछले कुछ वर्षों से आर्थिक सर्वेक्षण को दो खंडों में प्रस्तुत किया जाता है। उदाहरण के लिये 2019-20 में खंड-1 (Volume-1) में भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने आने वाली चुनौतियों के अनुसंधान और विश्लेषण पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जबकि खंड-2 (Volume 2) में अर्थव्यवस्था के सभी प्रमुख क्षेत्रों को कवर करते हुए वित्तीय वर्ष की अधिक विस्तृत समीक्षा की गई है।
आर्थिक सर्वेक्षण क्यों महत्वपूर्ण है?
- यह देश की आर्थिक स्थिति पर सरकार के कदम का एक विस्तृत आधिकारिक संस्करण प्रदान करता है जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार देश की समस्याओं से निपटने की दिशा में क्या कदम उठा रही है।
- इसका उपयोग कुछ प्रमुख चिंताओं या फोकस क्षेत्रों को उजागर करने के लिये भी किया जा सकता है। उदाहरण के लिये वर्ष 2018 में तत्कालीन CEA द्वारा प्रस्तुत सर्वेक्षण में लैंगिक समानता पर ज़ोर दिया गया था और इसलिये इसे संकेत के रूप में गुलाबी रंग में प्रस्तुत किया गया था।
क्या यह सरकार के लिये बाध्यकारी है?
- सरकार संवैधानिक रूप से आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत करने या इसमें की गई सिफारिशों का पालन करने के लिये बाध्य नहीं है। अर्थात् इसमें की गई सिफारिशों को मानने से सरकार मना कर सकती है।
- किंतु इसके महत्त्व को देखते हुए सरकार इसे प्रतिवर्ष जारी करती है।