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भारतीय अर्थव्यवस्था

आर्थिक जनगणना-2019

  • 06 Jun 2019
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

7वीं आर्थिक जनगणना (Seventh Economic Census-7th EC) की तैयारियाँ प्रगति पर है। गौरतलब है कि आर्थिक जनगणना के तहत छोटे और घरेलू स्तर पर होने वाली आर्थिक गतिविधियों के साथ ही सभी आर्थिक इकाईयो/प्रतिष्ठानों की गणना की जाएगी।

  • देश भर में गणनाकारों द्वारा शुरू किये जाने वाले प्रक्षेत्र कार्य (Field Work) की तैयारी के लिये सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (Ministry of Statistics and Program Implementation) द्वारा कई कार्यकलापों की योजना तैयार की गई है।

आर्थिक जनगणना के बारे में

  • आर्थिक जनगणना भारत की भौगोलिक सीमाओं के भीतर स्थित सभी प्रतिष्ठानों का संपूर्ण विवरण है।
  • आर्थिक जनगणना देश के सभी प्रतिष्ठानों के विभिन्न संचालनगत एवं संरचनागत परिवर्ती कारकों पर भिन्न-भिन्न प्रकार की सूचनाएँ उपलब्ध कराती है।
  • आर्थिक जनगणना देश में सभी आर्थिक प्रतिष्ठानों की आर्थिक गतिविधियों के भौगोलिक विस्तार/क्लस्टरों, स्वामित्व पद्धति, जुड़े हुए व्यक्तियों इत्यादि के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी भी उपलब्ध कराती है।
  • आर्थिक जनगणना के दौरान संग्रहित सूचना राज्य एवं ज़िला स्तरों पर सामाजिक-आर्थिक विकास संबंधी योजना निर्माण के लिये उपयोगी होती है।

आर्थिक जनगणना-2019

  • वर्ष 2019 में 7वीं आर्थिक जनगणना का संचालन सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।
  • वर्तमान आर्थिक जनगणना में सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने 7वीं आर्थिक जनगणना के लिये कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत एक स्पेशल पर्पज़ व्हिकल्स, कॉमन सर्विस सेंटर ई-गवर्नेंस सर्विसेज़ इंडिया लिमिटेड (Common Service Center e-Governance Services India Limited) के साथ साझेदारी की है।
  • 7वीं आर्थिक जनगणना में आँकड़ों के संग्रहण, सत्यापन, रिपोर्ट सृजन एवं प्रसार के लिये एक आईटी आधारित डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग किया जाएगा।
  • 7वीं आर्थिक जनगणना के परिणामों को प्रक्षेत्र कार्य के प्रमाणन एवं सत्यापन के बाद उपलब्ध कराया जाएगा।
  • आर्थिक जनगणना के तहत गैर-फार्म कृषि एवं गैर-कृषि क्षेत्र में वस्तुओं/सेवाओं (स्वयं के उपभोग के एकमात्र प्रयोजन के अतिरिक्त) के उत्पादन या वितरण में जुड़े घरेलू उद्यमों सहित सभी प्रतिष्ठानों को शामिल किया जाएगा।

पुरानी आर्थिक जनगणना

  • अभी तक केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने 6 आर्थिक जनगणनाएँ (Economic censuses) संचालित की हैं।
    • पहली आर्थिक जनगणना, वर्ष 1977 में
    • दूसरी आर्थिक जनगणना, वर्ष 1980 में
    • तीसरी आर्थिक जनगणना, वर्ष 1990 में
    • चौथी आर्थिक जनगणना, वर्ष 1998 में
    • पाँचवीं आर्थिक जनगणना, वर्ष 2005 में
    • छठी आर्थिक जनगणना, वर्ष 2013 में

कॉमन सर्विस सेंटर ई-गवर्नेंस सर्विसेज़ इंडिया लिमिटेड (CSC e-Governance Services India Limited)

  • CSC ई-गवर्नेंस सर्विसेज़ इंडिया लिमिटेड को कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा स्थापित किया गया है जिसका उद्देश्य CSC योजना के कार्यान्वयन की निगरानी करना है।
  • योजना को प्रणालीगत व्यवहार्यता और स्थिरता प्रदान करने के अलावा यह CSC के माध्यम से नागरिकों को सेवाओं की डिलीवरी हेतु एक केंद्रीकृत और सहयोगी रूपरेखा भी प्रदान करता है।

स्रोत- पीआईबी

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