अंतर्राष्ट्रीय संबंध
पूर्वी आर्थिक मंच
- 17 Sep 2022
- 9 min read
प्रिलिम्स के लिये:रूस के सुदूर पूर्व का महत्त्व, IPEF, चीन का RCEP, मेन्स के लिये:पूर्वी आर्थिक मंच और भारत का संतुलन अधिनियम, |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में रूस ने व्लादिवोस्तोक में 7वें पूर्वी आर्थिक मंच (Eastern Economic Forum-EEF) की मेज़बानी की।
- यह उद्यमियों के लिये रूस के सुदूर पूर्व (Russia’s Far East-RFE) में अपने कारोबार का विस्तार करने हेतु मंच/फोरम है।
पूर्वी आर्थिक मंच (Eastern Economic Forum):
- परिचय:
- EEF की स्थापना वर्ष 2015 में RFE में विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिये की गई थी।
- EEF क्षेत्र में आर्थिक क्षमता, उपयुक्त व्यावसायिक परिस्थितियों और निवेश के अवसरों को प्रदर्शित करता है।
- EEF में हस्ताक्षरित समझौते वर्ष 2017 के 217 से बढ़कर 2021 में 380 हो गए, जिनकी कीमत 3.6 ट्रिलियन रूबल है।
- समझौते बुनियादी ढाँचे, परिवहन परियोजनाओं, खनिज उत्खनन, निर्माण, उद्योग और कृषि पर केंद्रित हैं।
- प्रमुख अभिकर्त्ता:
- चीन, दक्षिण कोरिया, जापान और भारत इस क्षेत्र के प्रमुख अभिकर्त्ता हैं, जहाँ चीन सबसे बड़ा निवेशक है।
- चीन RFE में चीनी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) और पोलर सी रूट को बढ़ावा देने की क्षमता देखता है।
- इस क्षेत्र में चीन द्वारा किया गया निवेश कुल निवेश का 90% है।
- चीन, दक्षिण कोरिया, जापान और भारत इस क्षेत्र के प्रमुख अभिकर्त्ता हैं, जहाँ चीन सबसे बड़ा निवेशक है।
- उद्देश्य:
- रूस ने एशियाई व्यापारिक मार्गों से रूस को जोड़ने के उद्देश्य से इस क्षेत्र को रणनीतिक रूप से विकसित किया है।
- व्लादिवोस्तोक, खाबरोवस्क, उलान-उडे, चिता और अन्य शहरों के तेज़ी से आधुनिकीकरण के साथ रूस का लक्ष्य इस क्षेत्र में अधिक निवेश आकर्षित करना है।
- चीन और अन्य एशियाई शक्तियों की मदद से आर्थिक संकट और प्रतिबंधों से बचना।
RFE का महत्त्व:
- इस क्षेत्र में रूस का एक-तिहाई क्षेत्र शामिल है और यह मछली, तेल, प्राकृतिक गैस, लकड़ी, हीरे तथा अन्य खनिजों जैसे प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है।
- इस क्षेत्र में रहने वाली छोटी आबादी को सुदूर पूर्व में प्रवास करने और काम करने के लिये प्रोत्साहित करने का एक अन्य कारक है।
- इस क्षेत्र की संपत्ति और संसाधन रूस के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 5% योगदान करते हैं।
- लेकिन सामग्री की प्रचुरता और उपलब्धता के बावजूद कर्मियों की अनुपलब्धता के कारण उनकी खरीद और आपूर्ति एक समस्या है।
- RFE भौगोलिक रूप से एक रणनीतिक अवस्थिति के रूप में है, जो एशिया में प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है।
फोरम का भारत के लिये महत्त्व:
- भारत RFE में अपने प्रभाव का विस्तार करना चाहता है। फोरम में भारत ने रूस में व्यापार, संपर्क और निवेश के विस्तार के लिये अपनी तत्परता व्यक्त की।
- भारत ऊर्जा, फार्मास्यूटिकल्स, समुद्री संपर्क, स्वास्थ्य सेवा, पर्यटन, हीरा उद्योग और आर्कटिक में अपने सहयोग को मज़बूत करने का इच्छुक है।
- वर्ष 2019 में भारत ने इस क्षेत्र में बुनियादी ढाँचे को विकसित करने के लिये 1 बिलियन अमेरिकी डाॅलर की लाइन ऑफ क्रेडिट की पेशकश की।
- EEF के माध्यम से भारत का लक्ष्य रूस के साथ मज़बूत अंतर-राज्यीय संपर्क स्थापित करना है।
- गुजरात और सखा गणराज्य (रूस) के व्यापार प्रतिनिधियों ने हीरा एवं फार्मास्यूटिकल्स उद्योग में समझौते किये हैं।
भारत EEF और IPEF के बीच संतुलन:
- चूँकि EEF के लिये म्याँमार, आर्मेनिया, रूस और चीन जैसे देशों का एक साथ आना अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था में प्रतिबंध-विरोधी समूह के गठन की तरह लगता है, इसलिये दोनों मंचों, EEF और अमेरिका के नेतृत्व वाले इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क (IPEF) में भारत के निहित स्वार्थ हैं।
- भारत वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय परिस्थितियों के बावजूद रूस द्वारा शुरू किये गए EEF में निवेश करने से पीछे नहीं हट रहा है, जबकि पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाया है।
- वहीं भारत ने IPEF के चार में से तीन स्तंभों की पुष्टि कर अपनी स्वीकृति दे दी है।
- भारत RFE के विकास में शामिल होने के लाभों को समझता है लेकिन यह IPEF को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को मज़बूत करने के लिये महत्त्वपूर्ण मंच के रूप में भी मानता है।
- IPEF चीन के नेतृत्व वाली क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी या ट्रांस-पैसिफिक साझेदारी के लिये व्यापक और प्रगतिशील समझौते जैसे अन्य क्षेत्रीय समूहों का हिस्सा बने बिना भारत के लिये इस क्षेत्र में कार्य करने का एक आदर्श अवसर प्रदान करता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न:प्रश्न. भारत निम्नलिखित में से किसका सदस्य है? (2015)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (b) व्याख्या:
प्रश्न. भारत-रूस रक्षा सौदों पर भारत-अमेरिका रक्षा सौदों का क्या महत्त्व है? हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता के संदर्भ में चर्चा कीजिये। (मुख्य परीक्षा, 2020) |