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जीवन सुगमता सूचकांक और नगरपालिका कार्य प्रदर्शन सूचकांक-2019

  • 10 Feb 2020
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

जीवन सुगमता सूचकांक और नगरपालिका कार्य प्रदर्शन सूचकांक-2019

मेन्स के लिये:

सूचकांकों का महत्त्व एवं उदेश्य

चर्चा में क्यों:

आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (Ministry of Housing & Urban Affairs) द्वारा जीवन सुगमता सूचकांक तथा नगरपालिका कार्य प्रदर्शन सूचकांक -2019 (Ease of Living Index and Municipal Performance Index) की रूपरेखा प्रस्तुत की गई है।

मुख्य बिंदु:

  • दोनों सूचकांकों को तैयार करने के लिये 100 स्मार्ट शहरों और 10 लाख से अधिक आबादी वाले 14 शहरों को शामिल किया जाएगा।
  • सूचकांकों का उद्देश्य नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता का आकलन करना है।

नगरपालिका कार्य प्रदर्शन सूचकांक-2019

  • नगरपालिका कार्य प्रदर्शन सूचकांक में पाँच क्षेत्रों सेवा (Service), वित्त (Finance), योजना (Planning), प्रौद्योगिकी (Technology) और शासन (Governance) के आधार पर नगरपालिकाओं के कार्य प्रदर्शन का आकलन किया जाएगा।
  • इन पाँच क्षेत्रों को पुनः 20 अन्य क्षेत्रों में विभाजित किया गया है जिनका आकलन 100 संकेतों के आधार पर किया जाएगा।

महत्त्व:

  • इस सूचकांक के माध्यम से नगरपालिकाओं का बेहतर नियोजन और प्रबंधन किया जा सकेगा।
  • सूचकांक नगर प्रशासन में उत्पन्न खामियों को दूर करने में भी मददगार साबित होगा।

जीवन सुगमता सूचकांक-2019

  • इसके माध्यम से स्थानीय निकायों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं, प्रशासन की प्रभावशीलता, शहरों में रहने हेतु स्थान के संदर्भ में शहरों में प्रदत्त सेवाओं के द्वारा उत्पन्न परिणाम और इन सबके प्रति नागरिकों की सोच को शामिल किया गया है जो कि भारतीय शहरों के प्रति नागरिकों के एक समग्र दृष्टिकोण को प्रस्तुत करता है।

उद्देश्य :

  • जीवन सुगमता सूचकांक चार प्रमुख उद्देश्यों को शामिल करता है जिनमें शामिल हैं-
    • साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण के निर्देशन के लिये जानकारी उत्पन्न करना।
    • सतत विकास लक्ष्य सहित व्यापक विकासात्मक परिणाम को प्राप्त करने के लिये कार्रवाई करना।
    • विभिन्न शहरी नीतियों और योजनाओं से प्राप्त परिणामों का आकलन और उनकी तुलना करना।
    • शहरी प्रशासन द्वारा उपलब्ध‍ कराई जा रही सेवाओं के बारे में नागरिकों की अवधारणाओं को जानना।

जीवन सुगमता सूचकांक के स्तंभ:

  • जीवन सुगमता सूचकांक-2019 तीन प्रमुख स्तंभों के आधार पर नागरिकों के जीवन जीने में सुगमता का मूल्यांकन/निर्धारण करेगा-
    • जीवन की गुणवत्ता (Quality of Life)
    • आर्थिक क्षमता (Economic Ability)
    • स्थिरता (Sustainability)
  • इन तीन स्‍तंभों को 14 श्रेणियों तथा 50 संकेतकों में विभाजित किया गया है।
  • पहली बार जीवन सुगमता सूचकांक-2019 के मूल्यांकन में नागरिक अवधारणा सर्वेक्षण को भी शामिल किया जा रहा है जिसका सूचकांक में 30% अधिभार होगा।
  • नागरिक अवधारणा मूल्यांकन, सर्वेक्षण का एक महत्त्वपूर्ण घटक है क्योंकि यह अप्रत्यक्ष रूप से शहरों में जीवन की गुणवत्ता के संबंध में नागरिकों की धारणा को जानने में मददगार होगा।
  • सर्वेक्षण, ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरीके से संपन्न किया जा रहा है जो 1 फरवरी, 2020 से शुरू हो चुका है तथा 29 फरवरी, 2020 तक जारी रहेगा।
  • ऑफलाइन संस्करण में लोगों के प्रत्यक्ष साक्षात्‍कार लिये जाएंगे। यह 1 फरवरी से शुरू हो गया है जो ऑनलाइन संस्‍करण के साथ-साथ ही चल रहा है।
  • सर्वेक्षण को बड़ी मात्रा में एसएमएस और सोशल मीडिया के माध्यम से बढ़ावा दिया जा रहा है।

विभिन्न पहलों के माध्यम से शहरों में हुई प्रगति का आकलन करने ,कार्य हेतु योजना बनाने, योजनाओं के बेहतर ढंग से कार्यान्वयन तथा योजनाओं की निगरानी हेतु उपयोग किये जाने वाले माध्यमों के लिये इन सूचकांकों की रूपरेखा प्रस्तुत की गई है।

स्रोत: पी.आई.बी

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