इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


आपदा प्रबंधन

भूकंप आपदा जोखिम इंडेक्स रिपोर्ट

  • 28 Nov 2019
  • 4 min read

प्रीलिम्स के लिये

भूकंप आपदा जोखिम इंडेक्स रिपोर्ट क्या है?

मेन्स के लिये

आपदा प्रबंधन में भूकंप आपदा जोखिम इंडेक्स रिपोर्ट की उपयोगिता

चर्चा में क्यों?

हाल ही में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अथॉरिटी (National Disaster Management Authority-NDMA) तथा IIIT- हैदराबाद के सहयोग से भूकंप आपदा जोखिम इंडेक्स रिपोर्ट (Earthquake Disaster Risk Index) का प्रकाशन किया गया।

मुख्य बिंदु:

    • इस रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के 56 प्रतिशत क्षेत्र, जहाँ लगभग 82 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है, बड़े भूकंपों के दृष्टिकोण से सुभेद्य हैं।
    • इस इंडेक्स में देश के 50 शहरों तथा 1 ज़िले (बरेली) को शामिल किया गया।
    • इस सर्वेक्षण में शहरों को जनसंख्या घनत्व, घरों की बनावट में जोखिम के आधार पर तथा स्मार्ट सिटी योजना को ध्यान में रखते हुए शामिल किया गया।
    • वे शहर जो पहाड़ों की ढलान पर बसे थे, वहाँ भूकंप की निम्न अनावृति (Low Exposure) थी, जबकि समतल क्षेत्रों में जहाँ जनसंख्या घनत्व अधिक है वहाँ इसकी उच्च अनावृति (High-Exposure) थी।
    • सर्वेक्षण में शामिल सभी शहरों में भूकंप सुभेद्यता (Vulnerability)- पाँच शहरों में निम्न (Low), 36 शहरों में मध्यम (Medium) तथा 9 शहरों में उच्च (High) पाई गई।
    • 50 शहरों के सर्वेक्षण से प्राप्त अंतिम आँकड़ों के आधार पर केवल सात शहरों को निम्न स्तरीय जोखिम की श्रेणी में रखा गया है, जबकि 30 शहरों को मध्यम तथा 13 शहरों को उच्च जोखिम की श्रेणी में शामिल किया गया है।
  • खतरा (Hazard) का तात्पर्य है कि भूकंप के दौरान कोई क्षेत्र कितनी तीव्रता का कंपन महसूस करता है। यह प्राकृतिक घटना है तथा इस पर नियंत्रण नहीं किया जा सकता है।
  • अनावृति (Exposure) का आशय इससे है कि किसी स्थान विशेष में कितने भवनों का निर्माण हुआ है जो भूकंप के दौरान प्रभावित हो सकते हैं।
  • सुभेद्यता (Vulnerability) का तात्पर्य भूकंप प्रवण (Prone) क्षेत्र में बनी इमारतों की सहनशक्ति से है। सुभेद्यता को व्यवस्थित इंजीनियरिंग तथा आर्किटेक्चर द्वारा ठीक किया जा सकता है।

आगे की राह:

  • इस रिपोर्ट के माध्यम से तथा अन्य जन जागरूकता के प्रयासों द्वारा भूकंप के खतरों के प्रति सचेत होने की आवश्यकता है जिससे भूकंप प्रवण क्षेत्रों में घरों के निर्माण से बचा जा सके।
  • आर्किटेक्ट तथा इंजीनियरों को यह सुनिश्चित करना चाहिये कि भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में नए भवनों के निर्माण में निर्धारित मानदंडों का प्रयोग करते हुए भूकंपरोधी घर बनाए जाएँ।
  • इस अध्ययन से प्राप्त आँकड़े नीति निर्माताओं के लिये भूकंप जैसी आपदा से बचाव तथा उसके प्रभाव को कम करने में सहायक हो सकते हैं।

स्रोत: द हिंदू

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2