‘प्रोक्सिमा बी’ ग्रह में जीवन की संभावना नहीं : नासा | 11 Feb 2017
पृष्ठभूमि
नासा के वैज्ञानिकों द्वारा यह पाया गया है कि हाल ही में खोजे गए पृथ्वी के आकार के एक नए ग्रह प्रोक्सिमा बी (Proxima B) में बार-बार होने वाले तारकीय विस्फोटों के कारण जीवन सम्भव नहीं है| विदित हो कि यह ग्रह अपने मेज़बान तारे (पृथ्वी) के आवासीय क्षेत्र में अवस्थित है|
प्रमुख बिंदु
- पिछले कुछ समय से नासा के वैज्ञानिकों द्वारा अपने पारंपरिक ग्रह पृथ्वी के अतिरिक्त दूसरे अन्य ग्रहों पर जीवन की खोज करने हेतु इसके आवासीय क्षेत्र से खोज आरंभ की गई है|
- वस्तुतः आवासीय क्षेत्र तारों के चारों ओर का वह क्षेत्र होता है जहाँ की परिस्थितियों में इतनी सक्षमता विद्यमान होती है कि इनके चलते द्रवित जल ग्रह की सतह पर प्रवाहमान हो सकता है|
- चूँकि तारे सूर्य से अधिक विशाल होते हैं इसलिये वे अधिक ऊष्मा एवं प्रकाश का उत्सर्जन करते हैं, ऐसे में वहाँ आवासीय क्षेत्र के होने की सम्भावना भी अधिक प्रबल होती है| वस्तुतः छोटे एवं ठंडे तारे आवासीय क्षेत्रों के निकट पाए जाते हैं|
- हालाँकि, ऊष्मा और दृश्य प्रकाश (visible light) के साथ-साथ तारे एक्स किरणों (X-Ray) और पराबैंगनी विकिरण (Ultraviolet Radiation) का भी उत्सर्जन करते हैं|
- इसके अतिरिक्त, तारे फ्लेयर्स (Flares) और कोरोनल मास इजेक्शन (Coronal Mass Ejections) जैसे तारकीय विस्फोट को भी उत्पन्न करते हैं| ज्ञात हो कि इन दोनों तारकीय विस्फोटों को संयुक्त रूप से अंतरिक्ष मौसम (space weather) कहा जाता है|
- हालाँकि, इस विकिरण का एक संभावित प्रभाव वायुमंडलीय अपक्षरण के रूप में परिलक्षित होता है, जिसमें वायुमंडलीय अणुओं जैसे हाइड्रोजन और ऑक्सीजन (पानी के दो अवयव) से युक्त उच्च ऊर्जा वाले कण को अंतरिक्ष की ओर आकर्षित करने की क्षमता विद्यमान होती है|
वर्तमान शोध के परिणाम
- नासा द्वारा हाल ही में किये गए इस शोध में खोजे गए नए ग्रह के लिये कुछ निहितार्थ भी शामिल किये गए हैं|
- ध्यातव्य है कि यह ग्रह हमारे सबसे नज़दीकी तारकीय पड़ोसी बौने लाल ग्रह प्रोक्सिमा सेंचुरी (Proxima Centauri) की कक्षा में परिक्रमा कर रहा है|
- शोधकर्ताओं ने अपने इस मॉडल को पृथ्वी के आकार के ग्रह (जिसे प्रोक्सिमा सेंचुरी बी कहा जाता है) पर भी लागू किया है जो कि पृथ्वी की तुलना में सूर्य के 20 गुना अधिक नज़दीक अवस्थित है|
- ध्यातव्य है कि मेज़बान तारे और इस मेज़बान तारे के निकट के ग्रहों की आयु को ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिकों द्वारा यह उम्मीद जताई गई है कि प्रत्येक दो घंटे में होने वाले सुपरफ्लेयर्स (Superflares) के परिणामस्वरूप प्रोक्सिमा बी, एक्स किरणों के प्रवाह और अत्यधिक पराबैंगनी विकिरणों के अधीन हो जाता है|
- वैज्ञानिकों द्वारा यह अनुमान लगाया गया है कि 10 मिलियन वर्षों में ऑक्सीजन गैस के प्रोक्सिमा बी के वायुमंडल में विलुप्त होने की प्रबल संभावना है|
समस्याएँ तथा समाधान
- हालाँकि इन सभी संभावनाओं के इतर कुछ समस्याएँ भी हैं, जिनके विषय में गंभीरता से विचार किये जाने की आवश्यकता है|
- संभवतः क्या इस ग्रह पर तीव्र चुंबकीय गतिविधि और तारकीय वायु भी अवस्थित होंगी? क्या एक तारे से आवेशित कणों का प्रवाह लगातार होता रहेगा अथवा कुछ समय बाद इसके बाधित होने की भी संभावना है? क्या इससे उत्पन्न परिणाम कठोर मौसमी स्थितियों को खराब कर देंगे अथवा यथावत बना रहने देंगे? इत्यादि|
- इन सभी प्रश्नों के विषय में विचार करने के उपरांत वैज्ञानिक इस निष्कर्ष पर पहुँचे हैं कि प्रोक्सिमा बी में निवास कर पाना संभव नहीं है|
- गौरतलब है कि इस अध्ययन के दौरान जहाँ एक ओर वैज्ञानिकों को युवा लाल बौने ग्रहों (young red dwarfs) के चारों ओर के ग्रहों के संबंध में निराशाजनक परिणाम प्राप्त हुए हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ अन्य ग्रहों के विषय में भी कुछ विशेष जानकारी प्राप्त हुई है|