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भारतीय राजनीति

ई-सेवा केंद्र

  • 24 Dec 2020
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में त्रिपुरा के उच्च न्यायालय में भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) द्वारा एक ई-सेवा केंद्र का उद्घाटन किया गया।

प्रमुख बिंदु:

ई-सेवा केंद्र: (e-Seva Kendra) :

  • प्रायोगिक आधार पर प्रत्येक राज्य के उच्च न्यायालयों में और एक ज़िला न्यायालय में ई-सेवा केंद्र बनाए गए हैं।
  • ये केंद्र सभी प्रकार की कानूनी सहायता प्रदान करेंगे और आम वादियों तथा अधिवक्ताओं के लिये वन-स्टॉप सेंटर के रूप में सेवा करने के लिये समर्पित हैं।
  • यह मुकदमों की स्थिति के संबंध में जानकारी प्राप्त करने और निर्णय और आदेशों की प्रतियाँ प्राप्त करने में सक्षम बनाता है।
  • ये केंद्र मामलों के ई-फाइलिंग में सहायता करते हैं।
  • ये केंद्र आम आदमी के लिये एक महत्त्वपूर्ण कदम और न्याय तक उसकी पहुँच के अधिकार का प्रतिनिधित्त्व करते हैं।

कानूनी सेवाएँ प्रदान करने के लिये अन्य तकनीकी पहलें:

टेली लॉ कार्यक्रम:

  • मुकदमेबाजी पूर्व चरण में मामलों को संबोधित करने के लिये इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के सहयोग से कानून और न्याय मंत्रालय द्वारा टेली-लॉ कार्यक्रम शुरू किया गया था।
  • वकीलों को वादियों से संबंधित करना: यह एक ऐसी सेवा है जो वकीलों को सुनवाई के लिये वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाओं और टेलीफोन सेवाओं की सुविधा प्रदान करती है। इस सेवा का उद्देश्य विशेष रूप से हाशिए और वंचितों वर्गों तक न्याय की पहुँच उपलब्ध कराना है।
  • कॉमन सर्विस सेंटर: इस कार्यक्रम के तहत, पंचायत स्तर पर कॉमन सर्विस सेंटरों के विशाल नेटवर्क पर उपलब्ध वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, टेलीफोन/इंस्टेंट कॉलिंग सुविधाओं की स्मार्ट तकनीक का उपयोग वंचित समूहों, कमज़ोर, अप्राप्य समूहों और समुदायों को न्याय व्यवस्था से जोड़ने के लिये किया जाता है।

ई-कोर्ट परियोजना:

  • ई-कोर्ट परियोजना की अवधारणा उच्चतम न्यायालय की ई-कमेटी द्वारा प्रस्तुत ‘भारतीय न्यायपालिका में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) के कार्यान्वयन के लिये राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना - 2005’ {National Policy and Action Plan for Implementation of Information and Communication Technology (ICT) in the Indian Judiciary – 2005} नामक रिपोर्ट के आधार पर ली गई थी। यह अखिल भारतीय परियोजना है, जिसकी निगरानी और वित्त पोषण विधि एवं न्याय मंत्रालय के न्याय विभाग द्वारा किया जाता है।

परियोजना के उद्देश्य:

  • ई-कोर्ट प्रोजेक्ट वादी चार्टर के माध्यम से विस्तृत रूप से कुशल और समयबद्ध नागरिक-केंद्रित सेवाएँ प्रदान करना।
  • न्यायालयों में निर्णय समर्थन प्रणाली को विकसित और स्थापित करना।
  • अपने हितधारकों को सूचना की पारदर्शिता और पहुँच प्रदान करने के लिये प्रक्रियाओं को स्वचालित करना।
  • न्यायिक वितरण प्रणाली को सस्ती, सुलभ, लागत प्रभावी, पूर्वानुमेय, विश्वसनीय और पारदर्शी बनाकर गुणात्मक और मात्रात्मक दोनों रूप से न्यायिक उत्पादकता को बढ़ाना।

स्रोत- इंडियन एक्सप्रेस

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