नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


अंतर्राष्ट्रीय संबंध

ई-कूटनीति

  • 11 Jun 2020
  • 7 min read

प्रीलिम्स के लिये:

ई-कूटनीति

मेन्स के लिये:

ई-कूटनीति

चर्चा में क्यों?

हाल ही में प्रथम ‘भारत-ऑस्ट्रेलिया आभासी शिखर सम्मेलन’ (Virtual Leaders’ Summit) आयोजित किया गया था, जिसमें महत्त्वपूर्ण रणनीतिक निर्णय लिये गए थे।

प्रमुख बिंदु:

  • COVID-19 महामारी द्वारा उत्पन्न खतरों से बचने के लिये विभिन्न देश पारंपरिक शिखर सम्मेलनों के माध्यम से की जाने वाली कूटनीति के स्थान पर डिजिटल तरीकों को अपना रहे हैं।
  • भारतीय प्रधानमंत्री ने COVID-19 महामारी के बाद अनेक द्विपक्षीय तथा बहुपक्षीय सम्मेलनों में आभासी माध्यमों से भाग लेकर ई-कूटनीति को आगे बढ़ाया है। 

ई-कूटनीति (e-Diplomacy):

  • ई-कूटनीति (e-Diplomacy) अर्थात इलेक्ट्रॉनिक कूटनीति का तात्पर्य राजनयिक लक्ष्यों एवं उद्देश्यों की पूर्ति के लिये विभिन्न देशों द्वारा प्रौद्योगिकी का प्रयोग करने से है।
  • ई- कूटनीति के माध्यम से निम्नलिखित कार्यों को संपन्न किया जा सकता है:
    • देश का प्रतिनिधित्व और संवर्द्धन; 
    • देशों के द्विपक्षीय तथा बहुपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देना;
    • राजनयिक सेवाओं में वृद्धि; 
    • सामाजिक जुड़ाव स्थापित करना।

ई-कूटनीति का महत्त्व:

  • महामारी के दौरान 'सामाजिक दूरी' के नियमों का पालन करना होता है, अत: ‘ई-कूटनीति’ नेताओं के लिये शारीरिक रूप से सुरक्षित है क्योंकि इसमें किसी के साथ शारीरिक संपर्क में आने की आवश्यकता नहीं होती है।
  • प्रक्रिया में समय की बचत होती है क्योंकि नेताओं को शारीरिक रूप से किसी कार्यक्रम स्थल या अन्य देश में पहुँचने की आवश्यकता नहीं होती है तथा वे अपने कार्यालयों से ही शिखर सम्मेलनों में भाग ले सकते हैं।
  • इससे यात्राओं तथा कार्यक्रम प्रबंधन पर होने वाले खर्चों में बचत होती है, अत: इसकी आर्थिक व्यवहारिकता है।

ई-कूटनीति के साथ जुड़ी चुनौतियाँ:

  • इस बात को लेकर संशय है कि ई-कूटनीति के माध्यम से उन समझौतों तथा निर्णयों को लागू किया जा सकता है जिन्हें लागू करने के लिये के लिये नेताओं को निश्चित प्रोटोकॉल तथा संवाद प्रक्रिया को पूरा करने की आवश्यकता होती है।
  • साइबर सुरक्षा संबंधी मुद्दे:
    • ई-कूटनीति में महत्त्वपूर्ण सामग्री की हैकिंग किये जाने की संभावना रहती है।
    • इसमें व्यक्ति की संवाद करने में सहजता तथा खुलापन कम हो सकता है।
    • विदेश नीति से जुड़ी संवेदनशील सामग्री की जासूसी अथवा लीक किया जा सकता है।
  • ब्रिटिश विद्वान अर्नेस्ट सैटॉव (Ernest Satow) ने सम्मेलनों को 'राजनयिक स्थलाकृति की एक स्थायी विशेषता' के रूप में उल्लिखित किया है। शिखर वार्ता के दौरान औपचारिक बातचीत, बंद दरवाजे में होने वाले सत्र, फोटो-ऑप्स मोमेंट, मेजबान देशों के दर्शक आदि सभी सम्मेलनों का एक आवश्यक हिस्सा है।
  • आभासी सम्मेलन कुछ भागीदार देशों को कृत्रिम तथा असंतोषजनक लग सकते हैं। 

बहुपक्षीय ई-कूटनीतिक पहल:

  • COVID-19 महामारी के बाद भारत ने ऑस्ट्रेलिया के साथ आभासी शिखर सम्मेलन के अलावा निम्नलिखित  बहुपक्षीय ई-कूटनीतिक पहल प्रारंभ की हैं।
  • सार्क नेताओं का आभासी सम्मेलन:
    • 15 मार्च, 2020 को भारतीय प्रधानमंत्री के आग्रह पर COVID-19 की चुनौती से निपटने की रणनीति पर विचार-विमर्श के लिये सार्क समूह के सदस्य देशों के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। 
    • कॉन्फ्रेंस में भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा COVID- 19 महामारी की चुनौती से निपटने के लिये ‘सार्क COVID- 19 आपातकालीन निधि’ स्थापित किये जाने का प्रस्ताव रखा गया।
  • G-20 आभासी सम्मेलन:
    • हाल ही में G- 20 समूह के राष्ट्रीय नेताओं द्वारा COVID-19 महामारी से निपटने की दिशा में एक वीडियो सम्मेलन आयोजित किया गया।
    • भारतीय प्रधानमंत्री की पहल पर  G-20 आभासी नेतृत्त्व शिखर सम्मेलन (Virtual Leadership Summit) किया गया था।
  • NAM संपर्क समूह शिखर सम्मेलन:
    • हाल में COVID-19 महामारी के प्रबंधन में सहयोग की दिशा में ‘गुट निरपेक्ष आंदोलन’ (Non-Aligned Movement- NAM) समूह द्वारा 'NAM संपर्क समूह शिखर सम्मेलन' (NAM Contact Group Summit- NAM CGS) का आयोजन किया गया।
    • यहाँ ध्यान देने योग्य तथ्य यह है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2014 में सत्ता संभालने के बाद पहली बार ‘गुट निरपेक्ष आंदोलन’ को संबोधित किया गया।

आगे की राह:

  • पारंपरिक व्यक्ति-व्यक्ति शिखर सम्मेलनों (In-Person Summits) का अपना महत्त्व है, अत: COVID-19 महामारी की समाप्ति के बाद इनको पुनः आरंभ किया जाएगा। लेकिन वर्तमान में महामारी के दौरान कूटनीतिक संबंधों को बनाए रखने में ई-कूटनीति ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 

स्रोत: द हिंदू

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow