'e-DAR' पोर्टल | 16 Apr 2022
प्रिलिम्स के लिये:'e-DAR' (ई-विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट), सड़क सुरक्षा पर ब्रासीलिया घोषणा। मेन्स के लिये:सड़क सुरक्षा, सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने 'e-DAR' (ई-विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट) नामक पोर्टल विकसित किया है।
- यह पोर्टल सड़क दुर्घटनाओं की तत्काल जानकारी प्रदान करता है और दुर्घटना के मुआवज़े दावों को तेज़ी से निपटाने में मदद करता है ताकि पीड़ित परिवारों को राहत मिल सके।
भारत में सड़क दुर्घटनाओं की स्थिति:
- सड़क सुरक्षा एक प्रमुख विकासात्मक और सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता का विषय है, जो दुनिया भर में मौत एवं चोट का एक प्रमुख कारण बना हुआ है।
- वैश्विक सड़क सुरक्षा स्थिति रिपोर्ट के मुताबिक, सड़क दुर्घटना के कारण वैश्विक स्तर पर 1.35 मिलियन से अधिक लोगों की मौत होती है, जिसमें से 90% से अधिक लोग विकासशील देशों से और 11% अकेले भारत से होते हैं।
- भारत में वर्ष 2019 में दुर्घटना के कारण हुई मौतों की संख्या 1,51,113 थी।
‘e-DAR’ पोर्टल के लाभ:
- एकीकृत डेटाबेस: आसान पहुँच के लिये डिजिटलीकृत विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (DAR) को पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।
- वेब पोर्टल को एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस (iRAD) से जोड़ा जाएगा।
- एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस (iRAD) से 90% से अधिक डेटासेट को एप्प्लीकेशन के माध्यम से सीधे ही ‘e-DAR’ पोर्टल में पहुँचा दिया जाएगा।
- पुलिस, सड़क प्राधिकरण, अस्पताल आदि जैसे हितधारकों को ‘e-DAR’ फॉर्म के लिये बहुत कम जानकारी दर्ज करने की आवश्यकता होती है।
- इस प्रकार, ‘e-DAR’ पोर्टल iRAD का विस्तार एवं ई-संस्करण होगा।
- फर्जी दावों से निपटना: DAR पोर्टल दुर्घटना में शामिल वाहनों, दुर्घटना की तारीख और प्रथम सूचना रिपोर्ट संख्या की व्यापक तलाशी द्वारा फर्जी दावों के खिलाफ जाँच करेगा।
- क्रॉस-प्लेटफॉर्म लिंकेज: पोर्टल को अन्य सरकारी पोर्टलों से जोड़ा जाएगा जिससे वाहन या ड्राइविंग लाइसेंस संबंधी विवरण तथा वाहनों के पंजीकरण के बारे में जानकारी प्राप्त की जाएगी।
- दुर्घटना हॉटस्पॉट की पहचान करना: दुर्घटना हॉटस्पॉट की भी पहचान की जाएगी ताकि इन हॉटस्पॉट पर दुर्घटनाओं से बचने हेतु समाधान प्राप्त किया जा सके।
सड़क सुरक्षा से संबंधित अन्य पहलें:
- वैश्विक स्तर:
- सड़क सुरक्षा पर ब्रासीलिया घोषणा (2015):
- ब्राज़ील में आयोजित सड़क सुरक्षा पर दूसरे वैश्विक उच्च स्तरीय सम्मेलन में घोषणा पर हस्ताक्षर किये गए। भारत घोषणापत्र का हस्ताक्षरकर्त्ता है।
- देशों ने सतत् विकास लक्ष्य 3.6 यानी वर्ष 2030 तक सड़क यातायात दुर्घटनाओं से होने वाली वैश्विक मौतों की संख्या में कमी लाने की योजना बनाई है।
- संयुक्त राष्ट्र वैश्विक सड़क सुरक्षा सप्ताह:
- यह प्रत्येक दो वर्ष में मनाया जाता है। इसके छठे संस्करण (17 से 23 मई, 2021 तक आयोजित) ने सड़क सुरक्षा के लिये मज़बूत नेतृत्व की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
- अंतर्राष्ट्रीय सड़क मूल्यांकन कार्यक्रम (iRAP):
- यह एक पंजीकृत चैरिटी है जो सुरक्षित सड़कों के माध्यम से लोगों की जान बचाने हेतु समर्पित है।
- सड़क सुरक्षा पर ब्रासीलिया घोषणा (2015):
- भारत:
- मोटर वाहन संशोधन अधिनियम, 2019:
- यह अधिनियम यातायात उल्लंघन, दोषपूर्ण वाहन, जुवेनाइल ड्राइविंग आदि के लिये दंड में वृद्धि करता है।
- यह एक मोटर वाहन दुर्घटना कोष की स्थापना करता है, जो भारत में सभी सड़क उपयोगकर्त्ताओं को कुछ विशेष प्रकार की दुर्घटनाओं के लिये अनिवार्य बीमा कवर प्रदान करेगा।
- अधिनियम एक राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड को मंज़ूरी प्रदान करता है, जिसे केंद्र सरकार द्वारा एक अधिसूचना के माध्यम से स्थापित किया जाना है।
- यह मदद करने वाले व्यक्तियों के संरक्षण का भी प्रावधान करता है।
- सड़क मार्ग द्वारा वहन अधिनियम, 2007:
- यह अधिनियम सामान्य माल वाहकों के विनियमन से संबंधित प्रावधान करता है, उनकी देयता को सीमित करता है और उन्हें वितरित किये गए माल के मूल्य की घोषणा करता है ताकि ऐसे सामानों के नुकसान या क्षति के लिये देयता का निर्धारण किया जा सके, जो लापरवाही या आपराधिक कृत्यों के कारण स्वयं, उनके नौकरों या एजेंटों के कारण हुआ हो।
- राष्ट्रीय राजमार्ग नियंत्रण (भूमि और यातायात) अधिनियम, 2000:
- यह अधिनियम राष्ट्रीय राजमार्गों के भीतर भूमि का नियंत्रण, रास्ते का अधिकार और राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात का नियंत्रण करने संबंधी प्रावधान प्रदान करता है तथा साथ ही उन पर अनधिकृत कब्ज़े को हटाने का भी प्रावधान करता है।
- भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अधिनियम, 1998:
- यह अधिनियम राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास, रखरखाव और प्रबंधन के लिये एक प्राधिकरण के गठन और उससे जुड़े या उसके आनुषंगिक मामलों से संबंधित प्रावधान करता है।
- मोटर वाहन संशोधन अधिनियम, 2019: