अंतर्राष्ट्रीय संबंध
ड्रोन और सुरक्षा चुनौतियाँ
- 13 Sep 2017
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चर्चा में क्यों ?
नागर विमानन मंत्रालय (The Ministry of Civil Aviation) ने गृह मंत्रालय द्वारा ड्रोन के विनियमन संबंधी कानून बनाने के प्रस्ताव पर आपत्तियाँ उठाई हैं। नागरिक उड्डयन महानिदेशक (The Director General of Civil Aviation-DGCA) का कहना है कि मानव रहित या मानव सहित सभी तरह के विमानों के लाइसेंस और सुरक्षा के बारे में नियम बनाने का अधिकार क्षेत्र उनके पास है।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि हाल ही में गृह मंत्रालय ने निम्न ऊँचाई पर उड़ने वाली किसी भी वस्तु को विनियमित करने संबंधी एक कानून के मसौदे को अंतर-मंत्रालयीय परामर्श के लिये परिचालित किया था।
- अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन के दिशा-निर्देशों के अनुसार विमानों की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी डीजीसीए की होती है।
- विमान चाहे मानव रहित हो या मानव सहित इससे उसकी वस्तु-स्थिति पर कोई असर नहीं पड़ता। डीजीसीए इसकी सुरक्षा के लिये गृह मंत्रालय की एजेंसियों की मदद ले सकता है।
डीजीसीए के दिशा-निर्देश
- अप्रैल 2016 में डीजीसीए ने ड्रोनों के नागरिक उपयोग के लिये विस्तृत दिशा-निर्देशों का प्रस्ताव किया था। इसके अनुसार ड्रोन का इस्तेमाल करने वालों को इसकी अनुमति की आवश्यकता होगी और प्रत्येक ड्रोन के लिये डीजीसीए से एक विशिष्ट पहचान संख्या लेनी होगी।
- ड्रोन मालिकों को नागरिक उड्डयन ब्यूरो (Bureau of Civil Aviation) से सुरक्षा मंज़ूरी लेनी होगी और 200 फिट से ऊपर उड़ने वाले सभी ड्रोनों को डीजीसीए की मंज़ूरी की आवश्यकता होगी।
नए कानून की आवश्यकता ?
- दरअसल नए कानून की आवश्यकता इस बात से महसूस हुई जब कुछ औद्योगिक प्रतिष्ठानों ने अपनी तेल पाइप-लाइनों और कोयला क्षेत्र की निगरानी के लिये ड्रोन का इस्तेमाल करने की इज़ाज़त के लिये गृह मंत्रालय के पास अपने-अपने प्रतिनिधियों को भेजा था।
- पिछले महीने दिल्ली के इंदिरा गाँधी हवाई अड्डे पर एयर एशिया के पायलट द्वारा लैंडिंग करते समय आसमान में किसी वस्तु को उड़ते हुए देखे जाने के कारण सेवा दो घंटे तक बाधित रही।
- डीजीसीए के पास कुछ विशेष किस्म के एयरक्राफ्ट और विशेष आकार के एयरक्राफ्ट का पता लगाने के लिये रडार हैं, लेकिन यदि कोई मानवरहित वस्तु निम्न ऊँचाई पर उड़ती हो तो किसी रडार से उसका पता नहीं लगाया जा सकता है। अतः इससे किसी की सुरक्षा और निजता को खतरा हो सकता है।
- ऐसी परिस्थिति में किसी शत्रु ड्रोन के खतरे को पहचानने और उसे बेअसर करने के लिये एंटी-यूएवी तकनीक की आवश्यकता है। अतः ऐसे कई कारण हैं जिसकी वज़ह से गृह मंत्रालय नए नियम बनाना चाहता है।
ड्रोन के कुछ उपयोग
- ड्रोन मानव रहित विमानों को कहा जाता है। इनका उपयोग कई तरह के कार्यों के लिये किया जा सकता है। जैसे -
→ शहरों के विभिन्न इलाकों का हवाई दृश्य लिया जा सकता है।
→ घने वनों में किसी विशेष वस्तु या विशेष वन्य जीव की निगरानी की जा सकती है।
→ बड़ी-बड़ी कंपनियाँ उपभोक्ता वस्तुओं को पहुँचाने में इसका इस्तेमाल कर रही हैं।
→ रेलमार्गों के सर्वेक्षण में।
→ सीमाओं की निगरानी में, इत्यादि।