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मसौदा क्षेत्रीय योजना 2041: एनसीआर

  • 14 Oct 2021
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, मसौदा क्षेत्रीय योजना-2041 

मेन्स के लिये:

मसौदा क्षेत्रीय योजना-2041 : शहरी विकास एवं प्राकृतिक संरक्षण

चर्चा में क्यों?

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड (NCRPB) ने हाल ही में 'मसौदा क्षेत्रीय योजना -2041' को मंज़ूरी दी है जिसके अनुसार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के विस्तार में कमी की संभावना है।

  • राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड (NCRPB) की स्थापना 1985 में NCR के संतुलित विकास को बढ़ावा देने और अव्यवस्थित विकास से बचने के लिये की गई थी।

NCR

प्रमुख बिंदु

  • परिचय:
    • नई सीमा:
      • क्षेत्र का भौगोलिक आकार राजघाट (दिल्ली) से 100 किमी. तक के दायरे का एक सन्निहित गोलाकार क्षेत्र होगा। 100 किमी. के दायरे के क्षेत्र को कोर एरिया के रूप में विकसित किया जा सकता है।
        • NCR 1985 में दिल्ली और उसके आसपास समन्वित शहरी विकास के लिये परिकल्पित क्षेत्र है।
      • 100 किमी. की सीमा से बाहर के क्षेत्रों और मौजूदा एनसीआर सीमा तक, सभी अधिसूचित शहरों/कस्बों के साथ-साथ एक्सप्रेसवे/राष्ट्रीय राजमार्गों/राज्य राजमार्गों/क्षेत्रीय रैपिड ट्रांज़िट सिस्टम को जोड़ने के लिये दोनों ओर एक किमी. का कॉरिडोर शामिल किया जाएगा।
        • वर्तमान में NCR में उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के 24 ज़िले तथा संपूर्ण दिल्ली क्षेत्र शामिल है, जो 55,083 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।
    • प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्र के  नाम में बदलाव:
      • प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्र का नाम, जैसा कि क्षेत्रीय योजना-2021 में शुरू किया गया था, को आगामी क्षेत्रीय योजना-2041 में "प्राकृतिक क्षेत्र" में कर दिया जाएगा।
    • सशक्त राज्य:
      • राज्यों को यह तय करने का अधिकार होगा कि NCR सीमा के भीतर आंशिक रूप से आने वाली तहसीलें उसमें रहेंगी या नहीं।
    • स्लम मुक्त एनसीआर:
      • मसौदा क्षेत्रीय योजना 2041 (DRP 2041): यह योजना भविष्य के झुग्गी-झोपड़ी मुक्त राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिये एक एयर एम्बुलेंस सुविधा और हेलिटैक्सी, सड़क, रेल एवं अंतर्देशीय जलमार्ग के माध्यम से उच्च गति कनेक्टिविटी का मार्ग प्रशस्त करेगी।
    • बेहतर रेल संपर्क:
      • योजना में एनसीआर की निकटतम सीमा से दिल्ली तक 30 मिनट के मास ट्रांज़िट रेल सिस्टम (MTRS) की व्यवहार्यता का विस्तार करने का प्रस्ताव है।
  • प्रयास के निहितार्थ:
    • इसके लागू होने पर हरियाणा में पानीपत और उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर के कुछ हिस्सों को नए NCR मानचित्र से हटा दिया जाएगा।
    • इसका उद्देश्य एक कॉम्पैक्ट क्षेत्र का निर्माण करना है ताकि विकास की योजना बेहतर तरीके से बनाई जा सके।
    • इससे ग्रामीण क्षेत्रों को लाभ होगा क्योंकि राज्य सरकारें उनके विकास के लिये बेहतर तरीके से योजना बना सकेंगीं।
  • शामिल मुद्दे:
    • वर्तमान में NCR का क्षेत्र लगभग 150-175 किलोमीटर तक फैला है, जो दिल्ली-NCR के कई दूर-दराज़ वाले गाँवों को कवर करता है लेकिन क्षेत्रीय योजना 2041 के मुताबिक, इस क्षेत्र को 100 किलोमीटर तक सीमित कर दिया जाएगा। 
    • क्षेत्र में पानी, स्वच्छता और अन्य सुविधाओं जैसी बुनियादी सेवाओं की पहुँच का अभाव।
    • अन्य मुद्दों में संपत्तियों की वैधता, संकरी सड़कें, भीड़भाड़, वाणिज्यिक एवं आवासीय उपयोग को लेकर संघर्ष, पेयजल की गुणवत्ता और जलभराव आदि शामिल हैं।
    • आग, भूकंप आदि जैसी आपदाओं से संबंधित सुभेद्यता और जोखिम।
    • DDA, दिल्ली जल बोर्ड, बाढ़ एवं सिंचाई विभाग और विभिन्न नगर निगमों की बहुलता के बीच समन्वय का अभाव

आगे की राह

  • एजेंसियों की बहुलता की चुनौती से सरकार को निपटने की आवश्यकता है। इससे इन एजेंसियों के बीच समन्वय और सहयोग बढ़ेगा।
  • जल निकायों और नालों की सफाई की योजनाओं का कड़ाई से लागू किया जाना चाहिये, यह कार्य दिल्ली में एजेंसियों के लिये वर्षों से एक चुनौती रही है। यमुना नदी में अपशिष्ट की डंपिंग को भी सख्ती से नियंत्रित करने की आवश्यकता है।

स्रोत: द हिंदू

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