राष्ट्रीय उच्च शिक्षा योग्यता फ्रेमवर्क के लिये मसौदा | 02 Feb 2022
प्रिलिम्स के लिये:राष्ट्रीय उच्च शिक्षा योग्यता फ्रेमवर्क, राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020। मेन्स के लिये:शिक्षा से संबंधित पहल। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने विभिन्न स्तरों पर छात्रों का आकलन करने के लिये राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020 के एक भाग के रूप में राष्ट्रीय उच्च शिक्षा योग्यता फ्रेमवर्क (NHEQF) के लिये एक मसौदा जारी किया है।
- NEP, 2020 का उद्देश्य "भारत को एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना (India a global knowledge superpower)" है।
- भारत में उच्च शिक्षा प्रणाली के आकार, संस्थानों और अध्ययन कार्यक्रमों की विविधता को देखते हुए देश को सभी स्तरों पर उच्च शिक्षा योग्यता की पारदर्शिता एवं तुलनीयता की सुविधा हेतु राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तुलनीय एवं स्वीकार्य योग्यता ढाँचे को विकसित करने की दिशा में बढ़ने की ज़रूरत है।
राष्ट्रीय उच्च शिक्षा योग्यता फ्रेमवर्क मसौदा:
- NHEQF का उद्देश्य एक समान पाठ्यक्रम या राष्ट्रीय सामान्य पाठ्यक्रम को बढ़ावा देना नहीं है। इसका उद्देश्य सभी उच्च शिक्षा संस्थानों (Higher Education Institutions) को बेंचमार्किंग के एक सामान्य स्तर पर लाना/उन्नत करना है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सभी संस्थान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।
- मसौदा ढांँचे में सीखने के स्तर "डिस्क्रीप्टर " या पैरामीटर की रूपरेखा दी गई है, जिसके आधार पर छात्रों का हर स्तर पर मूल्यांकन किया जा सकता है।
- इन मापदंडों में सामान्य सीखने के परिणाम, संवैधानिक और नैतिक मूल्य, रोज़गार हेतु तैयार कौशल, उद्यमशीलता की मानसिकता तथा दूसरों के मध्य ज्ञान और कौशल का अनुप्रयोग शामिल है।
- NHEQF ने मापदंडों को 5 से 10 के स्तर/लेबल में विभाजित किया है।
- स्तर 1 से 4 स्कूली शिक्षा को कवर करता है।
- NHEQF स्तर 5, अध्ययन के स्नातक कार्यक्रम के पहले वर्ष (पहले दो सेमेस्टर) के लिये उपयुक्त सीखने के परिणामों से संबंधित है, जबकि स्तर 10 अध्ययन के डॉक्टरेट स्तर के कार्यक्रम हेतु उपयुक्त सीखने के परिणामों पर केंद्रित है।
- NHEQF में इस बात की परिकल्पना की गई है कि अध्ययन के एक कार्यक्रम के पूरा होने पर छात्रों को प्राप्त अपेक्षित स्नातक प्रोफाइल/विशेषताओं को प्रदर्शित करना चाहिये।
- यह चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम स्नातकोत्तर डिग्री और डॉक्टरेट डिग्री के विभिन्न स्तरों को पूरा करने के लिये आवश्यक क्रेडिट संख्या भी तय करता है।
- NEP 2020 स्नातक स्तर पर एकाधिक प्रवेश और निकास की अनुमति देता है। इसका प्रभावी अर्थ यह है कि छात्र एक प्रमाण पत्र के साथ स्नातक कार्यक्रम का एक वर्ष पूरा करने के बाद, डिप्लोमा के साथ दो वर्ष के बाद, स्नातक की डिग्री के साथ तीन वर्ष के बाद बाहर निकलने का विकल्प रखते हैं, या चार साल पूरे कर सकते हैं और सम्मान/शोध डिग्री प्राप्त कर सकते हैं।
- क्रेडिट एक इकाई है जिसके द्वारा शोध कार्य को मापा जाता है।
भारत में राष्ट्रीय योग्यता फ्रेमवर्क की पृष्ठभूमि:
- भारत ने सामान्य शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा व प्रशिक्षण (VET) दोनों के लिये NQF की आवश्यकता को पहचाना।
- श्रम और रोज़गार मंत्रालय ने राष्ट्रीय व्यावसायिक योग्यता फ्रेमवर्क (NVQF) विकसित किया और मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एनईपी 2020 की सिफारिशों के बाद शिक्षा मंत्रालय के रूप में नाम परिवर्तित) ने व्यावसायिक शिक्षा योग्यता फ्रेमवर्क (NVEQF) विकसित किया।
- वर्ष 2013 में अधिसूचित राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (NSQF) को विकसित करते समय इन दो रूपरेखाओं पर विचार किया गया और उनका उपयोग किया गया।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC)
- यह 28 दिसंबर, 1953 को अस्तित्व में आया, जिसके पश्चात् शिक्षा मंत्रालय के तहत यूजीसी अधिनियम, 1956 द्वारा भारत सरकार का एक वैधानिक संगठन बन गया।
- UGC के जनादेश में शामिल हैं:
- विश्वविद्यालय शिक्षा को बढ़ावा देना एवं समन्वय स्थापित करना।
- विश्वविद्यालयों में शिक्षण, परीक्षा एवं अनुसंधान के मानकों का निर्धारण।
- शिक्षा के न्यूनतम मानकों पर नियम बनाना।
- कॉलेजिएट और विश्वविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में विकास की निगरानी करना; विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को अनुदान वितरित करना।
- केंद्र एवं राज्य सरकारों और उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच एक महत्त्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करना।
- विश्वविद्यालय में सुधार हेतु आवश्यक उपायों पर केंद्र एवं राज्य सरकारों को सलाह देना।