भारतीय बंदरगाह विधेयक, 2022 का मसौदा | 19 Aug 2022
प्रिलिम्स के लिये:भारत में प्रमुख बंदरगाह, प्रमुख बंदरगाह और छोटे बंदरगाह। मेन्स के लिये:भारतीय बंदरगाह विधेयक, 2022 का मसौदा, भारतीय बंदरगाह कानून, 1908 और मेजर पोर्ट ट्रस्ट एक्ट, 1963। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में सरकार ने भारतीय बंदरगाह विधेयक, 2022 का मसौदा तैयार किया है।
- भारतीय बंदरगाह विधेयक, 2022 का मसौदा मौजूदा भारतीय बंदरगाह अधिनियम 1908 को निरस्त करने और बदलने का प्रयास करता है जो कि 110 वर्ष से अधिक पुराना है, यह अनिवार्य हो गया है कि अधिनियम को वर्तमान ढाँचे को प्रतिबिंबित करने के लिये नया रूप दिया जाए।
विधेयक में प्रस्ताव:
- यह समुद्री संधियों और अंतर्राष्ट्रीय उपकरणों के तहत जिसमें भारत एक पक्षकार है, देश के दायित्व का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिये बंदरगाहों पर प्रदूषण की रोकथाम तथा नियंत्रण हेतु बंदरगाहों से संबंधित कानूनों में संशोधन करना चाहता है।
- यह भारत में गैर-प्रमुख बंदरगाहों के प्रभावी प्रशासन, नियंत्रण और प्रबंधन के लिये राज्य समुद्री बोर्डों को सशक्त बनाने तथा स्थापित करने का प्रयास करता है।
- इसका उद्देश्य बंदरगाह से संबंधित विवादों के निवारण के लिये न्यायिक तंत्र प्रदान करना और बंदरगाह क्षेत्र के संरचित वृद्धि और विकास को बढ़ावा देने हेतु राष्ट्रीय परिषद की स्थापना करना है।
- यह भारत के समुद्र तट का आवश्यकतानुसार सहायक एवं प्रासंगिक मामलों या उससे जुड़े मामलों के लिये इष्टतम उपयोग सुनिश्चित करेगा।
भारत हेतु बंदरगाहों का महत्त्व:
- भारत में 7,500 किमी. लंबी तटरेखा, 14,500 किमी. संभावित नौगम्य जलमार्ग और प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय समुद्री व्यापार मार्गों पर रणनीतिक स्थान है।
- भारत का लगभग 95% व्यापार मात्रा के अनुसार से और 65% मूल्य के अनुसार से बंदरगाहों द्वारा सुगम समुद्री परिवहन के माध्यम से किया जाता है।
भारतीय बंदरगाह पारिस्थितिकी तंत्र
- परिचय:
- भारत में बंदरगाह क्षेत्र बाहरी व्यापार में उच्च वृद्धि से प्रेरित है।
- केंद्र सरकार ने बंदरगाह निर्माण और रखरखाव परियोजनाओं के लिये स्वचालित मार्ग के तहत 100% तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति दी है।
- कानूनी प्रावधान:
- प्रमुख बंदरगाह भारतीय संविधान की संघ सूची के अंतर्गत आते हैं तथा भारतीय बंदरगाह अधिनियम, 1908 और प्रमुख बंदरगाह ट्रस्ट अधिनियम, 1963 के तहत प्रशासित होते हैं।
- भारत के प्रमुख बंदरगाह:
- देश में 12 प्रमुख बंदरगाह और 200 गैर-प्रमुख बंदरगाह (छोटे बंदरगाह) हैं।
- प्रमुख बंदरगाहों में दीनदयाल (पूर्ववर्ती कांडला), मुंबई, जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट, मरमुगाओ, न्यू मैंगलोर, कोचीन, चेन्नई, कामराजर (पहले एन्नोर), वी. ओ. चिदंबरनार, विशाखापत्तनम, पारादीप और कोलकाता (हल्दिया सहित) शामिल हैं।
- देश में 12 प्रमुख बंदरगाह और 200 गैर-प्रमुख बंदरगाह (छोटे बंदरगाह) हैं।
- प्रमुख बंदरगाह बनाम छोटे बंदरगाह:
- भारत में बंदरगाहों को भारतीय बंदरगाह अधिनियम, 1908 के तहत परिभाषित केंद्र और राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र के अनुसार प्रमुख एवं छोटे बंदरगाहों के रूप में वर्गीकृत किया गया है
- सभी 12 बंदरगाह, प्रमुख बंदरगाह ट्रस्ट अधिनियम, 1963 के तहत शासित हैं और केंद्र सरकार के स्वामित्व और प्रबंधन में हैं।
- सभी छोटे बंदरगाह, भारतीय बंदरगाह अधिनियम, 1908 के तहत शासित हैं और राज्य सरकारों के स्वामित्व और प्रबंधन में हैं।
- भारत में बंदरगाहों को भारतीय बंदरगाह अधिनियम, 1908 के तहत परिभाषित केंद्र और राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र के अनुसार प्रमुख एवं छोटे बंदरगाहों के रूप में वर्गीकृत किया गया है
- प्रमुख बंदरगाहों का प्रशासन:
- प्रत्येक प्रमुख बंदरगाह भारत सरकार द्वारा नियुक्त न्यासी बोर्ड द्वारा शासित है।
- न्यास भारत सरकार के नीति निर्देशों और आदेशों के आधार पर कार्य करते हैं।
आगे की राह:
- बंदरगाहों में चल रहे विकास और प्रतिबद्ध निवेश (सार्वजनिक और निजी) को वैज्ञानिक और परामर्शी योजना द्वारा सहायता प्रदान करने की आवश्यकता है, जिसमें सुरक्षा और पर्यावरण के मुद्दों में लगातार वृद्धि हो रही है।