शासन व्यवस्था
चिकित्सा पंजीकरण हेतु मसौदा दिशा-निर्देश
- 08 Apr 2022
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प्रिलिम्स के लिये:चिकित्सा पंजीकरण हेतु मसौदा दिशा-निर्देश, चिकित्सा उपकरणों हेतु राष्ट्रीय नीति मसौदा, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग। मेन्स के लिये:सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप, शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं का प्रबंधन, चिकित्सा पंजीकरण हेतु मसौदा दिशा-निर्देश, चिकित्सा उपकरणों हेतु राष्ट्रीय नीति का मसौदा। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने डॉक्टरों को चिकित्सा अभ्यास हेतु पंजीकृत करने संबंधी दिशा-निर्देश जारी किये हैं।
- इसका उद्देश्य भारत में चिकित्सकों की पंजीकरण प्रक्रिया में एकरूपता लाना है।
- इससे पहले रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के फार्मास्यूटिकल्स विभाग (DoP) ने चिकित्सा उपकरणों के लिये राष्ट्रीय नीति, 2022 के मसौदे हेतु एक दृष्टिकोण पत्र जारी किया।
NMC द्वारा प्रस्तावित चिकित्सा पंजीकरण के लिये मसौदा दिशा-निर्देश:
- विशिष्ट आईडी: ये दिशा-निर्देश एक गतिशील राष्ट्रीय मेडिकल रजिस्टर बनाने हेतु फ्रेमवर्क प्रदान करते हैं, जिसमें NEET एवं अन्य पेशेवर योग्यताओं को उत्तीर्ण करने वाले प्रत्येक छात्र को एक विशिष्ट आईडी प्रदान की जाती है।
- विदेशी डॉक्टरों को अनुमति देना: यह उन विदेशी डॉक्टरों के लिये भी पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध कराता है जो स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों, फेलोशिप, नैदानिक अनुसंधान, या स्वैच्छिक नैदानिक सेवाओं में अध्ययन करने के लिये भारत आना चाहते हैं।
- राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (NExT): मसौदे में कहा गया है कि भारतीय मेडिकल स्नातक किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री पूरी करने, अपनी साल भर की अनिवार्य इंटर्नशिप पूरी करने और नेशनल एग्जिट टेस्ट (National Exit Test- NExT) पास करने के बाद नेशनल मेडिकल रजिस्टर में पंजीकरण के लिये पात्र होंगे।
- NExT न केवल दोनों के लिये समान अवसर प्रदान करेगा, यह NEET-PG के बजाय स्नातकोत्तर कार्यक्रमों हेतु योग्यता परीक्षा के रूप में भी कार्य करेगा, जिसके लिये उम्मीदवारों को वर्तमान में उपस्थित होना आवश्यक है।
- गाइडलाइंस में कहा गया है कि जब तक NExT को शामिल नहीं किया जाता, तब तक मौजूदा प्रक्रियाएंँ जारी रहेंगी।
- सरकार द्वारा वर्ष 2024 से NExT को आयोजित कराने की उम्मीद है।
- राष्ट्रीय चिकित्सा रजिस्टर में भारत भर में विभिन्न राज्य चिकित्सा परिषदों के साथ पंजीकृत डॉक्टरों की सूची है।
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC):
- भारतीय चिकित्सा परिषद (Medical Council of India- MCI) की स्थापना वर्ष 1934 में भारतीय चिकित्सा परिषद (IMC) अधिनियम, 1933 के तहत की गई थी, जिसका मुख्य कार्य चिकित्सा क्षेत्र में उच्च योग्यता के समान मानकों को स्थापित करना तथा भारत और विदेशों में चिकित्सा योग्यता को मान्यता देना था।
- वर्ष 2018 में सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद भारतीय चिकित्सा परिषद (MCI) को भंग कर दिया और इसे बोर्ड ऑफ गवर्नर्स (BoG) में बदल दिया गया, जिसकी अध्यक्षता नीति आयोग (NITI Aayog) के एक सदस्य द्वारा की गई।
- अब भारतीय चिकित्सा परिषद (MCI), 1956 राजपत्र अधिसूचना के बाद इसे निरस्त कर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम के रूप में प्रतिस्थापित किया गया है जो 8 अगस्त, 2019 को अस्तित्व में आया।
- परिवर्तन का उद्देश्य चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में सुधार लाना है तथा विशेष रूप से भ्रष्टाचार और अन्य समस्याओं से दूषित एमसीआई को बदलना इसका मुख्य उद्देश्य है।
- NMC चिकित्सा शिक्षा में देश के शीर्ष नियामक के रूप में कार्य करेगा।
- इसके लिये चार अलग-अलग स्वायत्त बोर्ड होंगे:
- स्नातक चिकित्सा शिक्षा।
- स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा।
- चिकित्सा मूल्यांकन और रेटिंग।
- नैतिकता और चिकित्सा पंजीकरण।