नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


शासन व्यवस्था

ड्राफ्ट ईपीआर अधिसूचना: प्लास्टिक पैकेजिंग अपशिष्ट

  • 13 Oct 2021
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

एकल-उपयोग प्लास्टिक, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016

मेन्स के लिये:

प्लास्टिक पैकेजिंग अपशिष्ट के लिये ईपीआर ड्राफ्ट 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के तहत विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व (Extended Producer Responsibility-EPR) के नियमन के लिये एक मसौदा अधिसूचना जारी की है।

  • यह मसौदा अपशिष्ट की मात्रा को निर्दिष्ट करता है जिसे उन उत्पादकों, आयातकों और ब्रांड मालिकों द्वारा प्रबंधित किया जाना है जो भारत में प्लास्टिक पैकेजिंग अपशिष्ट उत्पन्न करते हैं।
  • इससे पहले मंत्रालय ने प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन संशोधन नियम, 2021 को अधिसूचित किया था। इन नियमोन का उद्देश्य वर्ष 2022 तक विशिष्ट एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक की उन वस्तुओं को प्रतिबंधित करना है जिनकी "कम उपयोगिता और उच्च अपशिष्ट क्षमता" है।

प्रमुख बिंदु

  • निर्माता का आदेश:
    • यह प्लास्टिक पैकेजिंग सामग्री के उत्पादकों के लिये वर्ष 2024 तक निर्मित सभी उत्पादों को एकत्र करना अनिवार्य बनाता है और यह सुनिश्चित करता है कि इसके न्यूनतम प्रतिशत के पुनर्नवीनीकरण के साथ-साथ बाद की आपूर्ति में भी उपयोग किया जाए।
    • प्लास्टिक के निर्माता केंद्रीकृत वेबसाइट के माध्यम से सरकार के समक्ष यह घोषणा करने के लिये बाध्य होंगे कि वे वार्षिक तौर पर कितना प्लास्टिक का उत्पादन करते हैं।
  • ईपीआर प्रमाणपत्र:
    • इसने एक ऐसी प्रणाली भी निर्दिष्ट की है जिससे प्लास्टिक पैकेजिंग के निर्माता और उपयोगकर्त्ता प्रमाणपत्र एकत्र कर सकते हैं- इसे ईपीआर प्रमाणपत्र कहा जाता है और वे इसके ज़रिये व्यापार कर सकते हैं।
      • ईपीआर का अर्थ है उत्पाद (प्लास्टिक पैकेजिंग) के पर्यावरण के अनुकूल प्रबंधन के लिये निर्माता की ज़िम्मेदारी उस उत्पाद की उपयोग अवधि तक होगी।
    • प्रमाणपत्र संगठनों के अन्दर व्याप्त कमियों को दूर करने के लिये उन संगठनों से मदद प्राप्त करेंगे जिन्होंने अपने दायित्व से अधिक पुनर्नवीनीकरण सामग्री का उपयोग किया है।
  • उत्पाद अवधि में निपटान:
    • प्लास्टिक का केवल एक अंश जिसका पुनर्नवीनीकरण नहीं किया जा सकता है, जैसे- बहु-स्तरित बहु-सामग्री वाले प्लास्टिक सड़क निर्माण, अपशिष्ट से ऊर्जा, अपशिष्ट से तेल और सीमेंट भट्टों आदि उत्पाद अवधि में निपटान के लिये भेजे जाने के योग्य होंगे।
    • उनके निपटान के लिये केवल केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा निर्धारित विधियों की अनुमति होगी।
  • प्लास्टिक पैकेजिंग का वर्गीकरण:
    • कठोर प्लास्टिक: 
      • इसमें ऐसे प्लास्टिक उत्पाद शामिल हैं जिनका निपटान करने पर वे आसानी से नष्ट नहीं होते हैं, कई बड़े व भारी सामान जैसे- लॉन चेयर, बाल्टी, टॉडलर खिलौने आदि।
    • लचीला प्लास्टिक:
      • इसमें सिंगल लेयर या मल्टीलेयर (विभिन्न प्रकार के प्लास्टिक के साथ एक से अधिक लेयर), प्लास्टिक शीट और प्लास्टिक शीट से बने कवर, कैरी बैग (कम्पोस्टेबल प्लास्टिक से बने कैरी बैग सहित), प्लास्टिक पाउच या पाउच की पैकेजिंग शामिल है।
    • बहुस्तरीय प्लास्टिक पैकेजिंग:
      • इसमें वे प्लास्टिक शामिल हैं जिनमें प्लास्टिक की कम-से-कम एक परत होती है और प्लास्टिक के अलावा अन्य सामग्री की कम-से-कम एक परत होती है।
  • लक्ष्य:
    • कंपनियों द्वारा प्लास्टिक अपशिष्ट एकत्र/संग्रह करने का लक्ष्य:
      • 2021-22 में लक्ष्य का 35 फीसदी।
      • 2022-23 तक लक्ष्य का 70%।
      • 2024 तक लक्ष्य का 100%।
    • वर्ष 2024 में उनके कठोर प्लास्टिक (श्रेणी 1) के न्यूनतम 50% को उनकी श्रेणी 2 और 3 के अंतर्गत प्लास्टिक के 30% का पुनर्नवीनीकरण करना होगा।
    • इस प्रकार प्रत्येक वर्ष उत्तरोत्तर उच्च लक्ष्य प्रदर्शित होंगे और 2026-27 के बाद उनकी श्रेणी 1 के 80% और अन्य दो श्रेणियों के 60% को पुनर्चक्रित करने की आवश्यकता होगी।
    • पैकेजिंग सामग्री का उपयोग करने के साथ-साथ उन्हें आयात करने वाली कंपनियों के लिये भी थोड़े बदलाव के साथ समान लक्ष्य हैं।
  • ईपीआर प्रमाणपत्र खरीदना:
    • यदि संस्थाएँ अपने दायित्वों को पूरा नहीं कर पाती हैं, तो उन्हें "मामले के आधार पर" प्रमाणपत्र खरीदने की अनुमति दी जाएगी।
    • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) एक केंद्रीकृत ऑनलाइन पोर्टल पर ऐसे एक्सचेंजों के लिये एक तंत्र विकसित करेगा।
  • गैर अनुपालन:
    • हालाँकि गैर-अनुपालन पारंपरिक जुर्माना नहीं लगाया जाएगा। इसके बजाय पर्यावरणीय मुआवज़ा देना होगा, हालाँकि नियम यह निर्दिष्ट नहीं करते हैं कि यह मुआवज़ा कितना होगा।
  • ज़ुर्माना:
    • जो संस्थाएँअपने लक्ष्यों को पूरा नहीं करती हैं या अपने वार्षिक लक्ष्य को पूरा करने के लिये पर्याप्त क्रेडिट नहीं खरीदती हैं, उन्हें ज़ुर्माना देना होगा
      • अगर वे तीन वर्ष के भीतर अपने लक्ष्यों को पूरा करते हैं, तो उन्हें 40% रिफंड मिलेगा, नहीं तो धनराशि ज़ब्त कर लिया जाएगा।
    • इस तरह से एकत्र की गई धनराशि को एस्क्रो खाते (Escrow Account) में डाल दिया जाएगा और उस प्लास्टिक पैकेजिंग अपशिष्ट के संग्रह एवं पुनर्चक्रण/निपटान में इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे पर्यावरण मुआवज़ा प्राप्त किया है।
  • प्लास्टिक पर प्रतिबंध :
    • जुलाई 2022 से प्लास्टिक उत्पादों की एक शृंखला के निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। इस सूची में प्लास्टिक स्टिक के साथ ईयरबड्स, गुब्बारों के लिये प्लास्टिक स्टिक, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक आदि शामिल हैं।

स्रोत: द हिंदू

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow