ड्राफ्ट कॉपीराइट संशोधन नियम, 2019 | 04 Jun 2019
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (Department for Promotion of Industry and Internal Trade- DPIIT) ने ड्राफ्ट कॉपीराइट (संशोधन नियम), 2019 जारी किया।
- डिजिटल युग में टेक्नोलॉजी की प्रगति को देखते हुए कॉपीराइट अधिनियम का सहज और दोषरहित परिपालन सुनिश्चित करने और कानून को प्रासंगिक विधानों के समकक्ष लाने के लिये भारत सरकार के उद्योग तथा आतंरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग ने कॉपीराइट संशोधन नियम, 2019 को लागू करने का प्रस्ताव किया है।
- भारत में कॉपीराइट शासन, कॉपीराइट अधिनियम, 1957 और कॉपीराइट नियम, 2013 द्वारा शासित है।
- कॉपीराइट नियम, 2013 को पिछली बार वर्ष 2016 में कॉपीराइट नियम, 2016 के माध्यम से संशोधित किया गया था।
ड्राफ्ट नियमों में प्रस्ताव
- कॉपीराइट बोर्ड (Copyright Board) को बदलने के लिये एक अपीलीय बोर्ड (Appellate Board) का गठन किया जाएगा।
- बोर्ड के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति ट्रेड मार्क अधिनियम, 1999 (Trade Marks Act, 1999) के प्रावधानों के अनुसार की जाएगी।
- यह उन तरीकों को भी संशोधित करने का प्रस्ताव करता है जिसकी सहायता से कॉपीराइट सोसायटी (Copyright Societies) अपनी टैरिफ योजनाओं (Tariff Schemes) को सुनिश्चित करती हैं।
- कॉपीराइट सोसायटी एक कानूनी निकाय है जो वाणिज्यिक प्रबंधन के रचनात्मक लेखकों को उनके हितों की सुरक्षा का आश्वासन है।
- ये सोसाइटी लाइसेंस जारी करती हैं और टैरिफ स्कीम के अनुसार रॉयल्टी जमा करती हैं।
- DPIIT ने संशोधनों में प्रस्ताव दिया है कि कॉपीराइट सोसायटी टैरिफ का निर्धारण करते समय “क्रॉस-सेक्शनल टैरिफ तुलना’, आर्थिक अनुसंधान, लेखन के उपयोग की प्रकृति और विस्तार, उपयोग संबंधी अधिकारों का व्यावसायिक मूल्य एवं लाइसेंस धारियों को लाभ" आदि पहलुओं पर विचार कर सकती है।
प्रस्तावित संशोधनों अनुसार, कॉपीराइट सोसायटी द्वारा अपनी वेबसाइट पर प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिये ‘वार्षिक पारदर्शिता रिपोर्ट’ (The Annual Transparency) प्रकाशन अनिवार्य किया जाना चाहिये।