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जैव विविधता और पर्यावरण

ओडिशा में डॉल्फिन आबादी

  • 17 Apr 2021
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में ओडिशा सरकार द्वारा डॉल्फिन जनगणना (Dolphin Census) से संबंधित अंतिम आँकड़े प्रकाशित किये गए हैं जिसके अनुसार, डॉल्फिन की संख्या में शानदार वृद्धि दर्ज हुई है।

प्रमुख बिंदु: 

जनगणना डेटा:

  • चिल्का, ओडिशा तट पर भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है डेटा के अनुसार चिल्का झील (Chilika Lake) में डॉल्फिन की आबादी पिछले वर्ष  की तुलना में इस वर्ष (2021) दोगुनी हो गई है।
  • डॉल्फ़िन गणना के दौरान इसकी तीन प्रजातियों, इरावदी डॉल्फिन (Irrawaddy Dolphin), बॉटलनोज़ डॉल्फिन (Bottlenose Dolphin) तथा हंपबैक डॉल्फिन (Humpback Dolphin) की कुल संख्या 544 दर्ज की गई है, जबकि वर्ष 2019- 2020 में इनकी कुल संख्या 233 थी।
  • इरावदी डॉल्फिन की संख्या में वृद्धि का मुख्य कारण अवैध रूप से मछली पकड़ने की गतिविधियों पर अंकुश लगाना है। 

इरावदी डॉल्फिन के बारे में:  

  • निवास स्थान: इरावदी डॉल्फिन दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में तटीय क्षेत्रों तथा तीन प्रमुख नदियों- अय्यारवाडी (म्याँमार), महाकाम (इंडोनेशियाई बोर्नियो) और मेकांग में पाई जाती है। 
    • मेकांग नदी में पाई जाने वाली इरावदी डॉल्फिन कंबोडिया और लाओस लोकतांत्रिक गणराज्य के मध्य मेकांग नदी में  118 मील तक पाई जाती है।
  • संरक्षण स्थिति:

इंडो-पैसिफिक बॉटलनोज़ डॉल्फिन के बारे में:

  • निवास स्थान: इंडो-पैसिफिक बॉटलनोज़ डॉल्फिन सामान्यत हिंद महासागर, दक्षिण पूर्व एशिया और ऑस्ट्रेलिया के उथले तटीय जल में पाई जाती है।
  • संरक्षण स्थिति:
    • IUCN रेड लिस्ट:  निकट संकटापन्न (Near Threatened)
    • CITES:  परिशिष्ट-II

हिंद महासागर हंपबैक डॉल्फिन के बारे में:

  • निवास-स्थान: हिंद महासागर हंपबैक डॉल्फिन हिंद महासागर में  दक्षिण अफ्रीका से भारत तक पाई जाती है।
  • संरक्षण स्थिति:
    • IUCN रेड लिस्ट: संकटग्रस्त (Endangered)
    • CITES:  परिशिष्ट-I
    • वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972: अनुसूची-I 

चिल्का झील: 

  • ओडिशा की चिल्का झील एशिया की सबसे बड़ी एवं विश्व की दूसरी सबसे बड़ी समुद्री झील है।
  • यह ओडिशा राज्य में भारत के पूर्वी तट पर स्थित है, जो बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) से रेत की एक छोटी सी पट्टी से अलग होती है।
  • यह भारत के पूर्वी तट पर ओडिशा के पुरी, खुर्दा और गंजम ज़िलों में फैली है तथा दया नदी (Daya River) के मुहाने से बंगाल की खाड़ी तक  1,100 वर्ग किलोमीटर तक का क्षेत्र कवर करती है 
  • शीतकाल के दौरान भारतीय उपमहाद्वीप में प्रवासी पक्षियों को आकर्षित करने वाला सबसे बड़ा मैदान होने के साथ ही यह पौधों और जानवरों की कई संकटग्रस्त प्रजातियों का निवास स्थान है।
  • वर्ष 1981 में चिल्का झील को रामसर कन्वेंशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व का पहला भारतीय आर्द्रभूमि नामित किया गया था।
  • चिल्का में प्रमुख आकर्षण इरावदी डॉलफिन (Irrawaddy Dolphins) हैं जिन्हें अक्सर सातपाड़ा द्वीप के पास देखा जाता है।
  • लैगून क्षेत्र में लगभग 16 वर्ग किमी. में फैला नलबाना द्वीप (फारेस्ट ऑफ रीडस) को वर्ष 1987 में पक्षी अभयारण्य घोषित किया गया था।
  • कालिजई मंदिर- यह मंदिर चिल्का झील में एक द्वीप पर स्थित है।

स्रोत: द हिंदू

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