मधुमेह संबंधी मामले | 19 Dec 2019

प्रीलिम्स के लिये:

अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह महासंघ (International Diabetes Federation), मधुमेह और उसके प्रकार

मेन्स के लिये:

बच्चों में स्वास्थ्य की चुनौतियाँ

चर्चा में क्यों?

हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह महासंघ (IDF) द्वारा जारी IDF मधुमेह एटलस के 9वें संस्करण में भारतीय बच्चों और युवाओं में हर वर्ष तेज़ी से बढ़ते मधुमेह के मामलों को चिंताजनक बताया गया है। इस रिपोर्ट के नए संस्करण के अनुसार, विश्व भर मे मधुमेह के मामले 51% बढ़े हैं जबकि दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में मधुमेह के मामलों में 74% की वृद्धि देखी गई है।

क्या है मामला?

  • IDF की रिपोर्ट में जारी आँकड़ों के अनुसार, दक्षिण-पूर्वी एशिया क्षेत्र में केवल 2019 में ही मधुमेह के 8.8 करोड़ नए मामले पंजीकृत किये गए।
  • IDF के अनुमान के अनुसार, वर्ष 2045 तक इनकी संख्या बढ़ कर 15.3 करोड़ हो सकती है।
  • रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में विश्व में 46.3 करोड़ लोग मधुमेह से पीड़ित हैं और 2030 तक इनकी संख्या बढ़कर 57.8 करोड़ तथा 2045 तक 70 करोड़ हो सकती है।
  • इस रिपोर्ट में पाया गया कि भारत में वर्ष 2019 में 14 वर्ष की उम्र के बच्चों में मधुमेह (टाइप-1) के 95,600 पुराने मामलों के अलावा 15,900 नए मामले दर्ज किये गए।
  • वर्तमान में विश्व के ज़्यादातर देशों में मधुमेह को लेकर कोई राष्ट्रीय योजना नहीं है तथा विश्व की लगभग आधी आबादी मधुमेह के सही और अनिवार्य उपचार से वंचित है, ऐसे में यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि ज़्यादातर देश WHO के “2025 तक टाइप-2 मधुमेह मुक्त विश्व” के लक्ष्य का साथ देने में असफल रह रहे हैं।”

मधुमेह

मधुमेह एक गैर-संचारी (Non-Communicable Disease) रोग है जो किसी व्यक्ति में तब पाया जाता है जब मानव अग्न्याशय (Pancreas) पर्याप्त इंसुलिन (एक हार्मोन जो रक्त शर्करा या ग्लूकोज को नियंत्रित करता है) का उत्पादन नहीं करता है, या जब शरीर प्रभावी रूप से उत्पादित इंसुलिन का उपयोग करने में असफल रहता है।

मधुमेह के प्रकार: मधुमेह तीन प्रकार का होता है-

1. टाइप (Type)-1: इसे ‘किशोर-मधुमेह’ के रूप में भी जाना जाता है (क्योंकि यह ज़्यादातर 14-16 वर्ष की आयु के बच्चों को प्रभावित करता है), टाइप-1 मधुमेह तब होता है जब अग्न्याशय (Pancreas) पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन करने में विफल रहता है। टाइप-1 मधुमेह वाले लोग इंसुलिन पर निर्भर होते हैं, जिसका अर्थ है कि उन्हें जीवित रहने के लिये रोज़ाना कृत्रिम (इंजेक्शन द्वारा) इंसुलिन लेना पड़ता है।

2. टाइप (Type)-2: यह मानव शरीर के इंसुलिन के उपयोग के तरीके को प्रभावित करता है। इस अवस्था में टाइप-1 के विपरीत अग्नाशय में इंसुलिन तो बनाता है लेकिन शरीर की कोशिकाएँ इस बने इन्सुलिन का स्वस्थ शरीर की तरह प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पाती (प्रतिक्रिया नहीं देती हैं)।

  • टाइप-2 मधुमेह ज़्यादातर 45 वर्ष की आयु से अधिक के लोगों में पाया जाता है।
  • यह लोगों में तेज़ी से बढ़ते मोटापे (Obesity) का कारण बनता है।

3. गर्भावस्था के दौरान मधुमेह: यह गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में तब होता है जब कभी-कभी गर्भावस्था के कारण शरीर अग्नाशय में बनने वाले इंसुलिन के प्रति कम संवेदनशील हो जाता है। गर्भकालीन मधुमेह सभी महिलाओं में नहीं होता है और आमतौर पर बच्चे के जन्म के बाद यह समस्या दूर हो जाती है।

  • मधुमेह लम्बे समय तक बगैर उपचार या सही रोकथाम के रहने पर गुर्दे, हृदय, रक्त वाहिकाएं, तंत्रिका तंत्र और आँखें (रेटिना) आदि से संबंधित रोगों का कारण बनता है।

मधुमेह की रोकथाम में भारत सरकार की पहल:

  • मधुमेह के मरीजों की सुविधा के लिये mDiabetes app
  • स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण (Ministry of Health and Family Welfare) ने WHO के राष्ट्रीय कार्यालय (भारत) तथा कई अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर इस क्षेत्र में जनहित योजनाएँ चलायी हैं।
  • नेशनल हेल्थ पोर्टल द्वारा मधुमेह से संबंधित जानकारियों से जनता को जागरूक करना।
  • हर वर्ष 14 नवंबर के दिन विश्व मधुमेह दिवस मनाया जाता है, इस वर्ष का विषय था “परिवार और मधुमेह” (Family and Diabetes)।
    • 14 नवंबर, 1891 को जन्मे “सर फ्रेडरिक बैंटिंग” ने “चार्ल्स बेस्ट” के साथ मिलकर वर्ष 1922 में इन्सुलिन की खोज की थी।

क्या है अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह महासंघ?

  • अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह महासंघ की स्थापना नीदरलैंड की राजधानी अम्स्टर्डाम (Amsterdam) में वर्ष 1950 में हुई थी।
  • वर्ष 1985 में IDF का कार्यकारी मुख्यालय ब्रसेल्स, बेल्जियम में स्थानांतरित हो गया।
  • भारत के डॉ. ज़सबीर सिंह बजाज़ (पद्म विभूषण,1982) 1985 से 1988 तक इस संघ के अध्यक्ष रहे।
  • यह संगठन विश्व के लगभग 170 देशों तथा 230 से अधिक संगठनों के साथ मिलकर मधुमेह के उपचार, शोध एवं जागरूकता आदि पर काम करता है।

स्रोत: द हिंदू