साइकिल उद्योग के लिये विकास परिषद | 16 Nov 2019

प्रीलिम्स के लिये:

साइकिल उद्योग के लिये विकास परिषद

मेन्स के लिये:

साइकिल उद्योग के लिये विकास परिषद स्थापित करने का उद्देश्य

चर्चा में क्यों?

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (Department for Prmotion of Industry and Internal Trade- DPIIT) द्वारा साइकिल उद्योग क्षेत्र के विकास के लिये एक विकास परिषद की स्थापना को मंज़ूरी दी गई है।

मुख्य बिंदु:

  • DPIIT द्वारा हल्की. सुरक्षित, तेज़, मूल्यवर्द्धित और स्मार्ट साइकिलों के निर्माण की योजना बनाने के लिये विकास परिषद की स्थापना की गई है।
  • इस विकास परिषद का उद्देश्य ऐसी साइकिलों का निर्माण करना है जो निर्यात और घरेलू स्तर पर प्रयोग के लिये वैश्विक मानकों के अनुरूप हों।
  • इस 23 सदस्यीय विकास परिषद की अध्यक्षता DPIIT के सचिव द्वारा की जाएगी।
  • इस विकास परिषद की कार्यावधि 2 वर्ष की होगी।
  • DPIIT के प्रकाश अभियांत्रिकी प्रभाग (Light Engineering Industry Division) के संयुक्त सचिव इस विकास परिषद के सदस्य सचिव होंगे।
  • इस विकास परिषद में विभिन्न मंत्रालयों तथा विभागों से संबंधित 9 पदेन सदस्य (Ex-officio Members) होंगे।
  • इस विकास परिषद में सात डोमेन (Domain) विशेषज्ञ तथा चार नामांकित सदस्य होंगे।

साइकिल उद्योग के लिये स्थापित विकास परिषद निम्नलिखित गतिविधियों के माध्यम से ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम तथा साइकिल उद्योग को बढ़ावा देगी-

  • विकास परिषद के माध्यम से साइकिल निर्माण क्षेत्र में प्रतिस्पर्ध्दा तथा सेवाओं के स्तर में सुधार करना।
  • भारतीय साइकिल प्रौद्योगिकी तथा इसकी मूल्य श्रृंखला में बदलाव लाना।
  • विभिन्न हितधारकों को समन्वित रूप से निरंतर प्रोत्साहन देते हुए समग्र पर्यावरण प्रणाली के विकास को सुनिश्चित करना।
  • साइकिल की मांग बढ़ाने के लिये हरसंभव प्रयास करना तथा साइकिल उद्योग क्षेत्र में बुनियादी ढाँचे के विकास और इसके उचित संचालन को सुनिश्चित करना।
  • विभिन्न योजनाओं और व्यापार अनुकूल नीतियों के माध्यम से साइकिल उद्योग क्षेत्र में निर्यात प्रतिस्पर्ध्दा बढ़ाना।
  • स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय तथा आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा विभिन्न अभियान चलाकर क्रमशः स्वास्थ्य, वायु प्रदूषण से मुक्ति, ऊर्जा बचत, विसंकुचन से लाभ संबंधी जानकारी देकर लोगों को साइकिल के अविश्वसनीय लाभों की जानकारी देना।
  • अभिनव योजनाओं के माध्यम से सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को नए रूप में विकसित करना।
  • साइकिल निर्माण और मरम्मत की दुकानों के लिये कुशल मानव संसाधन का विकास करना।
  • भारत में साइकिल के निर्माण, पुनर्चक्रण और बुनियादी ढाँचा क्षेत्र के विकास के लिये अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सफल प्रयोगों और उदाहरणों की पहचान और अध्ययन करना।

स्रोत-PIB