असम में स्वायत्तता की मांग | 09 Jan 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में अनुच्छेद 244A (Article 244A) को असम के भीतर एक स्वायत्त राज्य के निर्माण के लिये लागू करने की मांग की गई है।
प्रमुख बिंदु
- पृष्ठभूमि:
- कार्बी आंगलोंग (Karbi Anglong) क्षेत्र के लिये एक स्वायत्त राज्य के निर्माण हेतु केंद्र सरकार से अपील की गई है।
- इस क्षेत्र के लिये अलग राज्य की मांग वर्ष 1986 से की जा रही है।
- वर्तमान में यह क्षेत्र दो स्वायत्त परिषदों (कार्बी आंगलोंग और उत्तरी कछार पहाड़ी) द्वारा शासित है।
- कार्बी आंगलोंग (Karbi Anglong) क्षेत्र के लिये एक स्वायत्त राज्य के निर्माण हेतु केंद्र सरकार से अपील की गई है।
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अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्र:
- आदिवासियों द्वारा बसाए गए सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों को अनुसूचित क्षेत्र कहा जाता है।
- अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्रों का प्रशासन:
- भारतीय संविधान की दो अनिसूचियाँ (5वीं और 6वीं) अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्रों के नियंत्रण तथा प्रबंधन के विषय में विस्तृत विवरण प्रदान करती हैं।
- भारतीय संविधान की पाँचवीं अनुसूची:
- इस अनुसूची में चार राज्यों (असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिज़ोरम) को छोड़कर अन्य सभी राज्यों के अनुसूचित तथा जनजातीय क्षेत्रों में प्रशासन एवं नियंत्रण के प्रावधानों का उल्लेख है।
- वर्तमान में पाँचवीं अनुसूची के अंतर्गत 10 राज्यों (आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान और तेलंगाना) के क्षेत्र आते हैं।
- भारतीय संविधान की छठी अनुसूची:
- इस अनुसूची में चार राज्यों यथा- असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिज़ोरम के अनुसूचित तथा जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन एवं नियंत्रण के प्रावधान हैं।
- अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्रों को दो अनुच्छेदों में शामिल किया गया है:
- अनुच्छेद 244:
- इस अनुच्छेद में अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन के विषय में उपबंध किये गए हैं।
- इन क्षेत्रों को राष्ट्रपति द्वारा परिभाषित किया जाता है जिनका उल्लेख संविधान की पाँचवीं अनुसूची में किया गया है।
- अनुच्छेद 244A:
- असम के कुछ आदिवासी क्षेत्रों को शामिल करते हुए एक स्वायत्त राज्य का गठन और उसके लिये स्थानीय विधायिका या मंत्रिपरिषद अथवा दोनों का निर्माण करना।
- अनुच्छेद 244:
स्रोत: द हिंदू