प्रौद्योगिकी
दिल्ली वायु प्रदूषण : ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान
- 15 Oct 2018
- 3 min read
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राजधानी में ख़राब स्थिति की ओर रुख कर रहे वायु प्रदूषण का मुकाबला करने के लिये आपातकालीन कार्य योजना (emergency action plan) लागू की है। इसके तहत वायु गुणवत्ता खराब होने पर तत्काल सख्त कदम उठाए जाएंगे।
प्रमुख बिंदु
- ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान (Graded Response Action Plan-GRP) नामक इस आपातकालीन योजना के तहत शहर की वायु गुणवत्ता के आधार पर कड़े कदम उठाए जाते हैं।
- इस कार्य योजना के अंतर्गत मध्यम से खराब श्रेणी में वायु गुणवत्ता होने पर कचरा जलाने से रोक दिया जाएगा और ईंट भट्ठे, उद्योगों में प्रदूषण नियंत्रण के मानक लागू किये जाएंगे।
- वायु गुणवत्ता बहुत खराब होने पर डीज़ल चालित जेनरेटर पर रोक लगा दी जाएगी। सड़कों की सफाई होगी और पानी का छिड़काव किया जाएगा।
- पार्किंग फीस में तीन से चार गुना तक इजाफा किया जा सकता है। इसके अलावा मेट्रो और बसों के फेरे बढ़ाए जाएंगे। हवा इससे ज़्यादा जहरीली होने पर ट्रकों का दिल्ली में प्रवेश रोकने, निर्माण कार्य पर रोक लगाने, स्कूलों में छुट्टी जैसे कदम उठाए जाएंगे।
- वर्तमान में वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी (poor category) में है लेकिन अधिकारियों ने बताया है कि यह अगले कुछ दिनों में 'बहुत ख़राब' (very poor) की श्रेणी तक पहुँच जाएगी।
- प्रदूषण पैदा करने वाले कारकों पर रोकथाम के लिये केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने GRAP के अलावा दिल्ली-एनसीआर में 41 टीमों की तैनाती की है।
- इन टीमों ने 11 अक्तूबर तक 96 जगहों का निरीक्षण किया, जबकि 554 लोगों का चालान भी किया गया है। आने वाले समय में इसमें और तेज़ी लाई जाएगी।
- निरीक्षण के दौरान नासा के सेटेलाइट द्वारा प्राप्त चित्रों में हरियाणा तथा पंजाब के कुछ जगहों पर पराली जलाने की गतिविधियाँ देखी गई हैं।
- नासा ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर कहा है कि पंजाब और हरियाणा में फसल के अवशेषों को जलाने की गतिविधियों में अमृतसर, अंबाला, करनाल, सिरसा और हिसार के आस पास के क्षेत्रों में करीब 10 दिनों से उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
- उल्लेखनीय है कि पंजाब और हरियाणा में अक्तूबर और नवंबर के दौरान हर साल धान की पराली जलाने तथा अप्रैल में गेहूँ का भूसा दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के प्रमुख योगदानकर्त्ता हैं।