डिफेंस टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर योजना | 16 May 2020
प्रीलिम्स के लिये:परियोजना के मुख्य प्रावधान मेन्स के लिये:परियोजना का महत्त्व |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में घरेलू रक्षा क्षेत्र तथा अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में विनिर्माण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रक्षा मंत्रायल द्वारा बुनियादी ढाँचे को अत्याधुनिक एवं उन्नत करने के लिये 400 करोड़ रुपए की रक्षा परीक्षण अवसंरचना योजना (Defence Testing Infrastructure Scheme-DTIS) को मंज़ूरी प्रदान की गई है।
योजना के प्रमुख बिंदु:
- डिफेंस टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर योजना की अवधि पाँच वर्षों के लिये होगी।
- योजना में निज़ी उद्योगों की साझेदारी के साथ 6- 8 नई परीक्षण सुविधाएँ (Test Facilities) स्थापित करने की परिकल्पना की गई है।
- परियोजना लागत का कुल 75% केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाएगा जबकि अन्य 25% का वहन ‘विशेष प्रयोजन वाहन’ (Special Purpose Vehicle-SPV) के द्वारा किया जाएगा, जिसके घटक भारतीय निजी संस्थाएँ एवं राज्य सरकारें होंगी।
विशेष प्रयोजन वाहन (SPV)-
- यह एक प्रायोजक कंपनी होती है जो प्रारंभिक पूंजी और संपत्ति प्रदान करती है
- तकनीकी रूप से SPV एक लिमिटेड कंपनी होती है जिसे कंपनी अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के तहत स्थापित किया जाता है।
- इसका स्वामित्व सार्वजनिक, निजी या संयुक्त हो सकता है।
- योजना के तहत एसपीवी को कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत पंजीकृत किया जाएगा।
- इस योजना के तहत विशेष प्रयोजन वाहन को यह अधिकार होगा कि वह स्व-स्थायी तरीके से उपयोगकर्ता शुल्क एकत्र करके तथा योजना के अंतर्गत शामिल सभी परिसंपत्तियों का संचालन और रखरखाव सुनिश्चित करे।
- इस योजना के तहत परीक्षण किये गए उपकरण/प्रणाली को उपयुक्त मान्यता के अनुसार प्रमाणिकता प्रदान की जाएगी।
परियोजना का महत्त्व:
- सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम को गति मिलेगी ।
- स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, फलस्वरूप सैन्य उपकरणों के आयात पर देश की निर्भरता कम होगी।
- परियोजना आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना में एक महत्त्वपूर्ण कड़ी साबित होगी।