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आंतरिक सुरक्षा

रक्षा खरीद स्वीकृति

  • 16 Apr 2020
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

AGM-84L हार्पून ब्लॉक II एयर मिसाइल, MK-54 ऑल-अप राउंड लाइटवेट टॉरपीडो

मेन्स के लिये:

रक्षा खरीद स्वीकृति से भारत और अमेरिका के संबंधों पर प्रभाव 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में अमेरिका ने भारत को 155 मिलियन डॉलर की AGM-84L हार्पून ब्लॉक II एयर मिसाइलों और MK-54 ऑल-अप राउंड लाइटवेट टॉरपीडों की बिक्री को मंजू़री दी है।

प्रमुख बिंदु:

  • 10 AGM-84L हार्पून ब्लॉक II एयर मिसाइल (AGM-84L Harpoon Block II Air Missiles) की अनुमानित कीमत 92 मिलियन डॉलर है, जबकि 16 MK-54 ऑल-अप राउंड लाइटवेट टॉरपीडो (MK 54 All Up Round Lightweight Torpedoes) और तीन MK-54 एक्सरसाइज टॉरपीडो (MK 54 Exercise Torpedoes) की कीमत 63 मिलियन डॉलर है।
  • AGM-84L हार्पून ब्लॉक II एयर मिसाइलों का विनिर्माण बोइंग (Boeing) कंपनी द्वारा तथा MK-54 ऑल-अप राउंड लाइटवेट टॉरपीडों का विनिर्माण रेथियॉन (Raytheon) कंपनी द्वारा किया जाएगा।
  • पेंटागन के अनुसार, हार्पून मिसाइल समुद्री सीमा की रक्षा हेतु सतह से सतह पर वार करने के लिये P-8I विमान में प्रयुक्त की जाएगी।

पेंटागन (Pentagon):

  • पेंटागन संयुक्त राज्य अमेरिका के रक्षा विभाग जिसमें तीनों थलसेना, नौसेना और वायु सेना शमिल हैं, का मुख्यालय है। पेंटागन में 14 जनवरी, 1943 से कार्य प्रारंभ कर दिया गया था। 

लाभ:

  • मिसाइल और टॉरपीडो से भारत को क्षेत्रीय खतरों से निपटने में मदद मिलेगी साथ ही यह देश की रक्षा प्रणाली को मज़बूती प्रदान करेगा।
  • इस रक्षा खरीद स्वीकृति से भारत की विदेश नीति और भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंध मज़बूत होंगे।
    • यह रक्षा खरीद स्वीकृति हिंद-प्रशांत एवं  दक्षिण एशिया क्षेत्र में राजनीतिक स्थिरता, शांति और आर्थिक प्रगति के लिये महत्त्वपूर्ण होगी।

AGM-84L हार्पून ब्लॉक II एयर मिसाइल

(AGM-84L Harpoon Block II air missiles):

  • AGM-84L हार्पून ब्लॉक II एयर मिसाइल (पेलोड क्षमता: 500 पाउंड) विमानों और बंदरगाहों या औद्योगिक स्थलों तथा बंदरगाहों पर स्थित जहाज़ों को नष्ट करने में सक्षम है। 
  • यह मिसाइल प्रत्येक मौसम में कार्य करने में सक्षम है। 
  • यह रडार से बचने में सक्षम है तथा इसका वजन 1,160 पाउंड है।
  • यह मिसाइल 67 नॉटिकल मील दूर स्थित किसी लक्ष्य को सफलतापूर्वक नष्ट कर सकती है।
  • इस मिसाइल में एयर-ब्रीदिंग टर्बोजेट इंजन (Air-breathing Turbojet Engine) तथा सॉलिड-प्रोप्लेंट बूस्टर (Solid-propellant Booster) का प्रयोग किया गया है।

Air-Missile

MK-54 ऑल-अप राउंड लाइटवेट टॉरपीडो

(MK 54 All Up Round Lightweight Torpedoes):

  • रेथियॉन द्वारा वर्ष  2004 में टॉरपीडो मिसाइलों का विनिर्माण शुरू किया गया था।
  • यह मिसाइल परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियाों को नष्ट करने में सक्षम है। जहाज़ों के सतह, फिक्स्ड-विंग विमानों और हेलीकॉप्टरों द्वारा टॉरपीडो मिसाइल को प्रक्षेपित किया जाता है।
  • MK 46 टॉरपीडो को संशोधित कर MK-54 ऑल-अप राउंड टॉरपीडो बनाया गया है जिसका वज़न कम है।
  • Mk 50 टारपीडो का उन्नत सोनार ट्रांसीवर (Advanced Sonar Transceiver) और Mk 46 का प्रोपल्शन सिस्टम (Propulsion System) को Mk 54 में उपयोग किया गया है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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