भारतीय अर्थव्यवस्था
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर
- 30 Dec 2020
- 6 min read
चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश में खुर्जा और भाऊपुर के बीच ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (EDFC) के 351किमी. लंबे खंड और एक ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर (OCC) का उद्घाटन किया है।
- ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (EDFC) 1,839 किलोमीटर लंबी भारत की एक सबसे बड़ी रेल अवसंरचना परियोजना है, जिसे वर्ष 2006 में शुरू किया गया था।
प्रमुख बिंदु
- डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC)
- यह उच्च गति और उच्च क्षमता वाला विश्व स्तरीय तकनीक के अनुसार बनाया गया एक रेल मार्ग होता है, जिसे विशेष तौर पर माल एवं वस्तुओं के परिवहन हेतु बनाया जाता है।
- डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) में बेहतर बुनियादी ढाँचे और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का एकीकरण शामिल होता है।
- सरकार द्वारा दो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर- ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (EDFC) और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (WDFC) बनाए जा रहे हैं।
- ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (EDFC)
- यह डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पंजाब में साहनेवाल (लुधियाना) से शुरू होकर पश्चिम बंगाल के दनकुनी में समाप्त होता है।
- ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (EDFC) के मार्ग में कोयला खदानें, थर्मल पावर प्लांट और औद्योगिक शहर मौजूद हैं।
- इसके मार्ग में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल आदि राज्य शामिल हैं।
- इस परियोजना का अधिकांश हिस्सा विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित है।
- 351 किमी. लंबा ‘न्यू भूपुर-न्यू खुर्जा खंड’ ’मौजूदा कानपुर-दिल्ली लाइन पर भीड़ को कम करेगा और साथ ही यह मालगाड़ियों की गति को 25 किमी. प्रति घंटा से 75 किमी. प्रति घंटा कर देगा।
- वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (WDFC)
- 1504 किलोमीटर लंबा वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, जवाहरलाल नेहरू पोर्ट टर्मिनल (महाराष्ट्र) से दादरी (उत्तर प्रदेश) तक है और यह देश के प्रमुख बंदरगाहों से होकर गुज़रता है।
- इसमें हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश शामिल हैं।
- यह जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (JICA) द्वारा वित्तपोषित है।
- ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर को आपस में जोड़ने के लिये दादरी और खुर्जा के बीच एक खंड निर्माणाधीन है।
महत्त्व
- क्षमता में बढ़ोतरी
- डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) भारत के परिवहन क्षेत्र में सुधार करेगा और भारतीय रेलवे के ट्रंक मार्गों की क्षमता में बढ़ोतरी करेगा, क्योंकि इस मार्ग पर माल गाड़ियाँ बिना किसी रोक-टोक के स्वतंत्र रूप से आवागमन कर सकेंगी।
- भीड़ में कमी
- वर्तमान में भारतीय रेलवे नेटवर्क पर चलने वाली लगभग 70 प्रतिशत माल गाड़ियाँ डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) पर स्थानांतरित कर दी जाएंगी, जिससे यात्री ट्रेनों को अधिक रास्ता मिल सकेगा।
- व्यापार सृजन
- डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) रेल लाइन को भारतीय रेलवे की अन्य रेल लाइनों की तुलना में अधिक भार उठाने के लिये डिज़ाइन किया गया है, जो कि व्यावसायिक एवं व्यापारिक दृष्टि से भी काफी महत्त्वपूर्ण है।
- सामयिकता
- इस नए फ्रेट रेल मार्ग से भारतीय रेलवे की मुख्य लाइनों पर अधिक गाड़ियाँ चलाई जा सकेंगी, जिससे भारतीय ट्रेनें अधिक समयबाद्ध हो सकेंगी।
लाभ
- इससे रसद लागत कम हो जाएगी।
- उच्च ऊर्जा दक्षता।
- माल की तीव्रता से आवाजाही।
- यह पर्यावरण के अधिक अनुकूल है।
- यह व्यापार की सुगमता प्रदान करेगा।
- रोज़गार सृजन में सहायक।
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड
- यह रेल मंत्रालय के तहत गठित एक इकाई है, जिसका उद्देश्य 3,306 किलोमीटर लंबे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से संबंधित योजना बनाना और इसके निर्माण का कार्य पूरा करना है।
- इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है और यह एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम (PSU) है।
- यह डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के नियोजन एवं विकास, वित्तीय साधनों की तैनाती, निर्माण, रखरखाव और संचालन आदि गतिविधियों में संलग्न है।