जैव विविधता और पर्यावरण
पेरियार नदी का जल काले रंग में बदला
- 08 Apr 2019
- 3 min read
चर्चा में क्यों?
कोच्चि स्थित पथलम नियंत्रक-सह-पुल (Pathalam Regulator-cum-bridge) के रंग में परिवर्तन दिखाई दे रहा है। जबकि पेरियार नदी के पानी का रंग काला पड़ चुका है जो पहले दूधिया रंग का हुआ करता था।
- प्रमुख बिंदु
- रंग में परिवर्तन जो पहली बार सुबह के घंटों में देखा गया था दोपहर 2 बजे तक जारी रहा।
- चेतावनी के बावजूद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PCB) के अधिकारियों ने इस मामले पर अधिक ध्यान नहीं दिया है।
- कोच्चि शहर और आस-पास के इलाकों को पीने का पानी मुहैया कराने वाली नदी प्रणाली की बदहाली यहाँ के निवासियों के लिये चिंता का कारण बनी हुई है।
- पर्यावरण कार्यकर्त्ता नदी के प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन कर इसके संरक्षण के लिये कदम उठा रहे हैं।
सुपोषण (Eutrophication)
- पर्यावरण निगरानी केंद्र के पर्यावरण अभियंता के अनुसार, सुपोषण के परिणामस्वरूप जल की खराब गुणवत्ता के कारण जल के रंग में बदलाव हुआ है।
- जब अत्यधिक पोषक तत्त्व वाटरबॉडी तक पहुँच जाते हैं तो शैवालों की संख्या में तेज़ी से वृद्धि को बढ़ावा मिलता है।
- कुछ दिनों बाद शैवालों की मृत्यु हो जाती है और वे नष्ट हो जाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप पानी में दुर्गंध बढ़ जाती है और रंग में परिवर्तन दिखाई देने लगता है।
- नदी प्रणाली के कुछ हिस्सों में पानी स्थिर हो गया है। नदी प्रणाली में जल का बहाव कम होने से पानी की गुणवत्ता में गिरावट आई है।
- आस-पास के कस्बों से कूड़ा कचरा भारी मात्रा में नियमित रूप से नदी प्रणाली तक पहुँच रहा है।
- औद्योगिक इकाइयों के पास के क्षेत्रों की नियमित रूप से निगरानी किये जाने के साथ पानी की गुणवत्ता के मापदंडों में किसी भी बदलाव का तुरंत पता लगाया जाना चाहिये।
पेरियार नदी
- पेरियार नदी केरल में पश्चिमी घाट से निकलकर पश्चिम में प्रवाहित होती हुई अरब सागर में गिरती है। यह तीव्र ढाल में प्रवाहित होने के कारण समानांतर प्रतिरूप का निर्माण करती है।
- भारत के केरल राज्य की यह सबसे लंबी नदी है, जिसकी लंबाई 244 किमी. है।
- इस पर 'पेरियार जलविद्युत परियोजना' स्थित है। इस नदी पर बना इडुक्की बाँध केरल प्रांत की विद्युत आपूर्ति का प्रमुख स्रोत है।