विविध
डेटा पॉइंट: मतदान प्रतिशत और विभिन्न कारक
- 28 Nov 2018
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संदर्भ
छत्तीसगढ़ के हालिया विधानसभा चुनाव में मतदान के लिये 76 प्रतिशत से ज़्यादा मतदाता पहुँचे। छत्तीसगढ़ एक ऐसा प्रदेश है जिसकी साक्षरता तथा मानव विकास सूचकांक (HDI) पूरे देश की तुलना में कम है। हालाँकि छत्तीसगढ़ असम, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और मेघालय जैसे कुछ राज्यों में से एक है जहाँ मानव विकास सूचकांक (HDI) कम होने के बावजूद भी मतदान, राष्ट्रीय औसत मतदान से अधिक था।
- आमतौर पर बेहतर मानव विकास सूचकांक वाले भारतीय राज्यों में मतदान प्रतिशत उच्च होता है।
- जीवन प्रत्याशा, शिक्षा और प्रति व्यक्ति आय को ध्यान में रखते हुए मानव विकास सूचकांक का निर्धारण किया जाता है। विशेष रूप से शिक्षा या साक्षरता राज्यवार मतदान प्रतिशत से काफी हद तक संबंधित होती है।
मतदान प्रतिशत Vs. मानव विकास सूचकांक
- हालिया विधानसभा चुनावों के मतदान प्रतिशत तथा मानव विकास सूचकांक के मध्य खींचे गए उपर्युक्त ग्राफ से प्राप्त निष्कर्ष-
- अमूमन किसी राज्य का मानव विकास सूचकांक ज़्यादा होने पर मतदान प्रतिशत भी ज़्यादा होता है।
- किंतु छत्तीसगढ़, असम, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और मेघालय जैसे राज्यों का मानव विकास सूचकांक राष्ट्रीय औसत से कम होने के बावजूद इनमें मतदान प्रतिशत राष्ट्रीय औसत से भी ज़्यादा है।
मतदान प्रतिशत Vs. साक्षरता दर
- हालिया विधानसभा चुनावों के मतदान प्रतिशत तथा साक्षरता दर के मध्य खींचे गए उपर्युक्त ग्राफ से प्राप्त निष्कर्ष-
- अमूमन किसी राज्य की साक्षरता दर बढ़ने के साथ मतदान प्रतिशत भी बढ़ता है।
- किंतु मेघालय, असम, छतीसगढ़, पंजाब, हरियाणा तथा राजस्थान राज्यों की साक्षरता दर राष्ट्रीय औसत से कम होने के बावजूद इनमें मतदान प्रतिशत राष्ट्रीय औसत से भी ज़्यादा है।
निष्कर्ष
डाटा विश्लेषण में प्रदर्शित आँकड़े इस अवधारणा को ख़ारिज कर देते हैं कि मानव विकास सूचकांक तथा साक्षरता दर बढ़ने के साथ किसी राज्य में मतदान प्रतिशत भी बढ़ता है। किसी राज्य में या किसी क्षेत्र विशेष में मतदान प्रतिशत बढ़ने के कई अन्य सामाजिक, राजनीतिक एवं स्थानीय कारक भी होते हैं, मसलन- ध्रुवीकरण, चुनाव प्रक्रिया में जनता की आस्था, राजनीतिक दलों द्वारा अपनाई गई रणनीति आदि।