ग्रामीण आबादी के वित्तीय समावेशन हेतु “दर्पण परियोजना” | 22 Dec 2017
चर्चा में क्यों?
संचार मंत्रालय द्वारा सेवा गुणवत्ता में सुधार लाने, सेवाओं में मूल्यवर्द्धन तथा बैंक सेवाओं से वंचित ग्रामीण आबादी के वित्तीय समावेशन के लक्ष्य को हासिल करने के लिये ‘दर्पण – डिजिटल एडवांसमेंट ऑफ रूरल पोस्ट ऑफिस फॉर ए न्यू इंडिया” (DARPAN – “Digital Advancement of Rural Post Office for A New India) परियोजना का शुभारंभ किया गया।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- 1400 करोड़ रुपए की इस परियोजना का लक्ष्य प्रत्येक पोस्ट ऑफिस की शाखा के पोस्ट मास्टर (Branch Postmaster - BPM) को कम शक्ति वाली तकनीकी व्यवस्था उपलब्ध कराना है।
- इसके अंतर्गत सभी राज्यों के ग्रामीण उपभोक्ताओं की सेवा में सुधार के लिये लगभग 1.29 लाख डाकघरों को शामिल किया जाएगा।
- इस परियोजना के शुरू होने के साथ ही तकरीबन 43,171 शाखा डाकघरों द्वारा दर्पण परियोजना को अपनाया गया, ताकि ग्रामीण आबादी के वित्तीय समावेशन के लक्ष्य को कम से कम समय में प्राप्त किया जा सके।
- इस परियोजना में लक्षित उद्देश्य को मार्च, 2018 तक पूरा करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई है।
इससे क्या लाभ होगा ?
- इस परियोजना से ग्रामीण आबादी तक डाक विभाग की पहुँच में विस्तार होगा।
- इससे सभी वित्तीय प्रेक्षणों, बचत खातों, ग्रामीण डाक जीवन बीमा और नकद प्रमाण पत्रों में वृद्धि होगी।
- इससे स्वचालित बुकिंग-अनुमति तथा खाता योग्य सामग्री की डिलीवरी हेतु मेल संचालनों की प्रक्रिया में सुधार होगा।
- खुदरा डाक व्यवसाय से राजस्व में वृद्धि होगी।
- मनरेगा जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं हेतु वितरण व्यवस्था को और अधिक सहज बनाया जा सकेगा।
आईटी आधुनिकीकरण परियोजना की विशेषताएँ
- आईटी आधुनिकीकरण परियोजना (IT modernization project) के हिस्से के रूप में डाक विभाग द्वारा विभिन्न कामकाजी क्षेत्रों में बिज़नेस प्रोसेस रिइंजीनियरिंग (business process reengineering) का काम किया गया है और इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिये टू-बी प्रोसेस (To-Be processes) को भी निर्मित किया गया है।
- इसके अतिरिक्त डाक विभाग द्वारा देश भर में 991 एटीएम स्थापित किये गए हैं जो अन्य बैंकों के साथ अंतर-संचालित हैं।
- डाक विभाग का व्यापक नेटवर्क क्षेत्र ग्रामीण क्षेत्र है। यही कारण है कि इसके माध्यम से सामान्य जन को प्रत्यक्ष लाभ पहुँचना आसान हो जाता है।
- डाक विभाग इस क्षेत्र में संलग्नित एकमात्र सरकारी संस्था है।
इसकी आवश्यकता क्यों हैं?
- शहरीकरण, वित्तीय सेवाओं की बढ़ती मांग, सरकार द्वारा समाज के कमज़ोर वर्गों तथा ग्रामीण क्षेत्र के लिये अधिक मात्रा में धन के आवंटन जैसी प्रवृत्तियों को अपनाने के लिये डाक विभाग द्वारा नए प्रोसेस तथा समर्थनकारी टेकनोलॉजी को अपनाने पर बल देना चाहिये।
- जैसा कि हम सभी जानते हैं दिनोंदिन तकनीकी के बढ़ते प्रयोग और तकनीकी रूप से सशक्त होते समाज को ध्यान में रखते हुए डाक विभाग के समक्ष स्पर्धा बढ़ाने और संचार प्रौद्योगिकी विशेषकर मोबाइल टेलीफोनी तथा इंटरनेट में अग्रिम कदम बढ़ाने की दोहरी चुनौती खड़ी है।
- श्रेष्ठ उपभोक्ता सेवाएँ प्रदान करने, नई सेवाएँ देने तथा संचालन संबंधी सक्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से डाक विभाग द्वारा आईटी आधुनिकीकरण योजना प्रारंभ की गई है, ताकि विभाग द्वारा स्वयं को आवश्यक आधुनिक उपायों तथा टेकनोलॉजी से अपडेट किया जा सके।
आईटी आधुनिकीकरण परियोजना में निम्नलिखित लक्ष्यों को निहित किया गया है –
- उपभोक्ताओं के साथ सक्रियता बढ़ाकर व्यापक स्तर पर लोगों तक अपनी पहुँच सुनिश्चित करना।
- बेहतर उपभोक्ता सेवाएँ उपलब्ध कराना।
- नए व्यवसायों के माध्यम से विकास सुनिश्चित करना।
- आईटी सक्षम बिज़नेस प्रोसेस तथा समर्थनकारी कार्य को बढ़ावा देना।
पृष्ठभूमि
- एक लंबे अरसे से डाक विभाग (Department of Posts – DoP) देश की संचार व्यवस्था की रीढ़ रहा है। डाक विभाग ने देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में बेहद महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- विभाग द्वारा मेल डिलीवरी करने के साथ बहुत सी सेवाएँ प्रदान की जाती हैं। इसके अंतर्गत लघु बचत योजनाओं के अंतर्गत जमा स्वीकार किये जाते हैं।
- डाक जीवन बीमा (Postal Life Insurance -PLI) तथा ग्रामीण डाक जीवन बीमा (Rural Postal Life Insurance - RPLI) के अंतर्गत जीवन बीमा कवच प्रदान किया जाता है तथा बिल एकत्र करने तथा विभिन्न फार्मों की बिक्री जैसी खुदरा सेवाएँ भी दी जाती हैं।
- डाक विभाग द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना (Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Scheme - MGNREGS) के तहत मज़दूरी के वितरण तथा वृद्धावस्था पेंशन भुगतान जैसी सेवाओं का भी संचालन किया जाता है।
- 1.5 लाख डाक घरों के साथ भारतीय डाक विभाग विश्व का सबसे अधिक विस्तृत डाक नेटवर्क है।