अंतर्राष्ट्रीय संबंध
सेबी द्वारा भारतीय महानगर स्टॉक एक्सचेंज की जाँच
- 14 Jul 2017
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संदर्भ
एक मुखबिर (whistle-blower ) की शिकायत के आधार पर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड - सेबी (SEBI) भारतीय महानगर स्टॉक एक्सचेंज़ पर कथित वित्तीय अनियमितता की जाँच कर रही है।
प्रमुख बिंदु
- मुखबिर का आरोप है कि भारतीय महानगर स्टॉक एक्सचेंज ने अपने मुद्रा डेरीवेटिव्स सेगमेंट के अंतर्गत व्यापार करने के लिये दलालों को नकद भुगतान किया था और उसके कुछ अधिकारीयों ने दलालों से मिलकर उस पैसे में हेरफेर की थी।
- आरोप में कहा गया है कि आईसीआईसीआई बैंक से दस करोड़ रुपए के कर्ज़ का इस्तेमाल करेंसी डेरीवेटिव्स, जो भारतीय महानगर स्टॉक एक्सचेंज का एकमात्र कार्यात्मक सेगमेंट है, के ट्रेडिंग मूल्य को बढ़ाने के लिये दलालों को नकद प्रोत्साहन देने में किया गया था।
- मुखबिर ने आरोप लगाया कि भारतीय महानगर स्टॉक एक्सचेंज के खातों में ऐसी अनेक अनुचित प्रविष्टियाँ हैं। भारतीय महानगर स्टॉक एक्सचेंज ने इस भुगतान को करने में समुचित प्रक्रिया का पालन नहीं कियाहै।
- सेबी ने भारतीय महानगर स्टॉक एक्सचेंज के अधिकारीयों को इस बावत उनका पक्ष सुनने के लिये बुलाया है।
क्या है सेबी?
- यह एक बाज़ार नियामक है।
- भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड भारत में प्रतिभूति और वित्त का नियामक बोर्ड है। इसकी स्थापना सेबी अधिनियम 1992 के तहत 12 अप्रैल 1992 में की गई थी। इसका मुख्यालय मुंबई में है।
- इसके अलावा नई दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और अहमदाबाद में इसके क्षेत्रीय कार्यालय हैं। इसका प्रमुख कार्य प्रतिभूति बाज़ार का नियमन करना तथा स्टॉक निवेशकों के हितों की रक्षा करना है।
भारतीय महानगर स्टॉक एक्सचेंज क्या है ?
- एमएसईआई पूंजी बाज़ार, वायदा एवं विकल्प, मुद्रा डेरीवेटिव्स और ऋण बाज़ार खंडों में व्यापार के लिये एक इलेक्ट्रॉनिक, पारदर्शी और उच्च तकनीकी मंच प्रदान करता है।
- यह सिक्योरिटीज़ कॉन्ट्रैक्ट (विनियमन) अधिनियम 1956 की धारा 4 के तहत सेबी द्वारा मान्यता प्राप्त है।
- इस एक्सचेंज़ के शेयरधारकों में भारत के शीर्ष सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, निजी क्षेत्र के बैंक और घरेलू वित्तीय संस्थान शामिल हैं, जो इसमें एक साथ 88% हिस्सेदारी रखते हैं।
- एमएसईआई को सीएजी ऑडिट के अधीन किया गया है।
- इसका एक स्वतंत्र व्यावसायिक प्रबंधन है।