लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

भारतीय विरासत और संस्कृति

क्वाड के लिये प्रधानमंत्री के उपहारों का सांस्कृतिक महत्त्व

  • 31 May 2022
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये :

भारतीय कलाएँ, क्वाड समूह 

मेन्स के लिये:

सांझी कला, रोगन चित्रकला, गोंड कला। 

चर्चा में क्यों? 

टोक्यो में आयोजित क्वाड शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री अपने साथ अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के नेताओं के लिये भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत एवं कला रूपों को प्रदर्शित करने हेतु उपहार ले गए। 

उपहार और महत्त्व: 

  • अमेरिकी राष्ट्रपति के लिये सांझी कला पैनल: 
    • जटिल सांझी कला पैनल ठकुरानी घाट की थीम पर आधारित है, जो गोकुल में यमुना की पवित्र नदी के तट पर सबसे प्रसिद्ध घाटों में से एक है।  
    • पारंपरिक कला रूप जो कृष्णपंथ से उत्पन्न हुआ, में देवता के जीवन की घटनाओं के आधार पर स्टैंसिल बनाना और फिर कैंची का उपयोग करके कागज़ की पतली शीट पर हाथ से काटना शामिल है।  
    • पुराने समय में स्टेंसिल को मोटे कागज़ या केले के पत्तों का उपयोग करके बनाया जाता था, लेकिन अब यह हस्तनिर्मित और पुनर्नवीनीकरण कागज़ में बदल गया है।  
    • राधा, हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, अपने प्रिय कृष्ण के लिये दीवारों पर सांझी पैटर्न पेंट करती थीं और बाद में वृंदावन की गोपियों ने उनका अनुसरण किया। 
    • बाद में भगवान कृष्ण को समर्पित मंदिरों में औपचारिक रंगोली बनाने के लिये इसका इस्तेमाल किया जाता था। 
    • वास्तव में 'सांझी' शब्द 'सांझ' या शाम (शाम) से लिया गया है और शाम को मंदिरों में रंगोली बनाने की प्रथा से संबंधित है। 
    • चित्रकला के रूप में, सांझी को वैष्णव मंदिरों द्वारा 15वीं और 16वीं शताब्दी में लोकप्रिय बनाया गया था और पुजारियों द्वारा इसका अभ्यास किया गया था। 
    • मुगल काल के दौरान समकालीन विषयों को जोड़ा गया था और कई परिवारों ने आज तक इसका अभ्यास करना जारी रखा है। 
    • वर्ष 2010 राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान पिक्टोग्राम पारंपरिक सांझी कला से प्रेरित थे। 

Sanjhi-painting

  • ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री के लिये गोंड कला पेंटिंग: 
    • भारत के सबसे बड़े जनजातीय समूहों में से एक, मध्य प्रदेश में गोंड समुदाय द्वारा प्रचलित चित्रकला का एक रूप। 
      • कला के दृश्य प्रायः जनगढ़ सिंह श्याम की कलाकृतियों से प्रेरित हैं, जिसने1970 और 80 के दशक में पाटनगढ़ गाँव में घरों की दीवारों पर बड़े पैमाने पर जनजातीय मौखिक मिथकों और किंवदंतियों को चित्रित करना शुरू किया था।  
    • बिंदीदार पैटर्न, दाँंतेदार पैटर्न, डॉट्स, लहरें और स्क्वीगल्स ने उनके देवी-देवताओं की कहानी साथ ही मध्य प्रदेश में गहरे जंगलों की वनस्पतियों एवं जीवों को बताया। 
    • प्रमुख नामों में भज्जू श्याम, वेंकट श्याम, दुर्गाबाई व्याम, राम सिंह उर्वेती और सुभाष व्याम शामिल हैं। 
    • ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री को पीएम मोदी द्वारा दिया गया उपहार- जटिल पैटर्न और रेखाओं से युक्त जीवन वृक्ष (ट्री ऑफ लाइफ) गोंड कला शैली के लोकप्रिय आदर्श का महत्त्वपूर्ण प्रतीक है। 

painting

  • जापानी प्रधानमंत्री के लिये रोगन पेंटिंग के साथ लकड़ी के हस्तनिर्मित बॉक्स: 
    • रोगन कपड़े की पेंटिंग का एक रूप है जिसे चार शताब्दी से अधिक पुराना माना जाता है और यह मुख्य रूप से गुजरात के कच्छ ज़िले में प्रचलित है। 
    • 'रोगन' शब्द फारसी से आया है, जिसका अर्थ वार्निश या तेल है। 
    • शिल्प में उबले हुए तेल और वनस्पति रंगों से बने पेंट का उपयोग किया जाता है, जहांँ अरंडी के बीज को तेल निकालने के लिये हाथ से पीसा जाता है और उबालकर पेस्ट में बदल दिया जाता है।  
    • रंगीन पाउडर को पानी में घोलकर अलग-अलग रंगों के पेस्ट बनाने के लिये मिट्टी के बर्तनों में रखा जाता है। 
    • कलाकार पेंट पेस्ट की  कम मात्रा को अपनी हथेलियों में रखते हैं और कपड़े पर बनावट की उपस्थिति के लिये इसे रॉड से घुमाते हैं। छड़ वास्तव में कभी भी कपड़े के संपर्क में नहीं आती है और इसे ऊपर ले जाकर कलाकार कपड़े पर पतली रेखाएंँ बनाता है। 
    • आमतौर पर केवल आधा कपड़ा ही पेंट किया जाता है और इसे मिरर इमेज़ बनाने के लिये मोड़ा जाता है, जबकि मूल रूप से केवल पुरुष ही कला का अभ्यास करते थे, अब गुजरात में कई महिलाएंँ भी इसका अनुसरण करती हैं। 

Japani-Painting

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2