लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

कृषि

CSIR का फ्लोरीकल्चर मिशन

  • 08 Mar 2021
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (Council of Scientific and Industrial Research-CSIR) के “फ्लोरीकल्चर मिशन” (Floriculture Mission) को भारत के 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में लागू करने की मंज़ूरी दी गई है।

  • इसके अतिरिक्त एंड्रायड ऐप के साथ CSIR सामाजिक पोर्टल (CSIR’s Societal Portal ) भी जारी किया गया।

प्रमुख बिंदु:

मिशन के बारे में:

  • फ्लोरीकल्चर, बागवानी (Horticulture) विज्ञान की एक शाखा है जो छोटे या बड़े क्षेत्रों में सजावटी पौधों की खेती, प्रसंस्करण और विपणन से संबंधित है। यह आसपास के  वातावरण को सुहावना बनाने तथा बगीचों व उद्यानों के रखरखाव में सहायक है।
  • इस मिशन के तहत  मधुमक्खी पालन हेतु वाणिज्यिक फूलों की खेती, मौसमी/वर्ष भर होने वाले  फूलों की खेती, जंगली फूलों की खेती  पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
    • कुछ लोकप्रिय फूलों की खेती में ग्लैडियोलस (Gladiolus), कन्ना (Canna), कार्नेशन (Carnation), गुलदाउदी (Chrysanthemum), जरबेरा (Gerber), लिलियम (Lilium), गेंदा (Marigold), गुलाब (Rose), ट्यूबरोज (Tuberose) आदि शामिल हैं।
  • इस मिशन में वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद के संस्थानों में उपलब्ध जानकारियों का उपयोग किया जाएगा जो देश के किसानों तथा  उद्योगों की  निर्यात ज़रूरतों  को पूरा करने में सहायक होगी । 
    • वर्ष 2018 में भारतीय फूलों की खेती का बाज़ार मूल्य 15700 करोड़ रुपए का था। जिसके वर्ष 2019-24 के दौरान  47200 करोड़ रुपए तक होने का अनुमान है।
  • इस मिशन के कार्यान्वयन में CSIR के साथ निम्नलिखित अन्य एजेंसियाँ ​​शामिल हैं:

अभियान का महत्त्व:

  • आय में वृद्धि: फ्लोरीकल्चर में नर्सरी लगाने, फूलों की खेती तथा उत्पादों के व्यापार हेतु उद्यमिता विकास, मूल्य संवर्द्धन और निर्यात के माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों को रोज़गार प्रदान करने की क्षमता है।
  • कृषि जलवायु विविधता: विविध कृषि-जलवायु और इडेफिक परिस्थितियों (मिट्टी के भौतिक, रासायनिक और जैविक गुण) तथा पौधों की समृद्ध विविधता जैसे कारक विद्यमान होने के बावजूद भी वैश्विक पुष्प कृषि बाज़ार में भारत का केवल 0.6% ही योगदान है।
  • आयात प्रतिस्थापन: विभिन्न देशों से हर वर्ष कम से कम 1200 मिलियन अमेरिकी डाॅलर के पुष्प उत्पाद का आयात किया जा रहा है 
  • अभियान में उल्लेखित  एपीकल्चर (मधुमक्खी पालन) को फ्लोरीकल्चर को सम्मिलित करने पर अधिक लाभ प्राप्त होगा 

अन्य संबंधित पहल (एकीकृत बागवानी विकास मिशन):

  • एकीकृत बागवानी विकास मिशन (Mission for Integrated Development of Horticulture- MIDH) बागवानी क्षेत्र को कवर करने के उद्देश्य से एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसके अंतर्गत फलों, सब्जियों, जड़ और कंद फसलों, मशरूम, मसाले, फूल, सुगंधित पौधों, नारियल, काजू, कोको और बाँस को शामिल  किया जाता है।

 CSIR’s के सामाजिक पोर्टल के बारे में: 

  • इस पोर्टल को CSIR द्वारा द्वारा MyGov की मदद से विकसित किया गया है।
  • यह पोर्टल के माध्यम से सामाजिक समस्याओं का समाधान वैज्ञानिक और तकनीकी हस्तक्षेपों के माध्यम से किया जाएगा।   
  • यह समाज में विभिन्न हितधारकों के समक्ष उपलब्ध चुनौतियों और समस्याओं पर इनपुट से संबंधित पहला प्रयास है।

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद

  • भारत सरकार द्वारा इसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत सितंबर 1942 में एक स्वायत्त निकाय के रूप में स्थापित किया गया था।
  • इसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों में अत्याधुनिक अनुसंधान एवं विकास के लिये जाना जाता है।
  • CSIR को नेचर रैंकिंग रैंकिंग -2020 में पहले स्थान पर रखा गया है।
    • नेचर इंडेक्स संस्थागत, राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर उच्च-गुणवत्ता वाले शोध परिणामों एवं सहयोग के संदर्भ वास्तविक समय परिपत्र प्रदान करता है।

स्रोत: पी.आई.बी

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2