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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

नियंत्रण रेखा के पार व्यापार, विश्वास बहाली के लिये आवश्यक

  • 10 Aug 2017
  • 4 min read

संदर्भ
इस हफ्ते उरी-मुज़फ्फराबाद मार्ग पर नियंत्रण रेखा के निकट फिर से व्यापार की शुरूआत हुई है। 21 जुलाई को एक ट्रक से प्रतिबंधित दवाओं के प्राप्त होने के कारण इसे रोक दिया गया था। भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा के पार व्यापार विश्वास बहाली का एक महत्त्वपूर्ण उपाय है।

वस्तु विनिमय व्यापार

  • गौरतलब है कि राष्ट्रीय जाँच एजेंसी द्वारा नियंत्रण रेखा के आर-पार व्यापार करने वाले व्यापारियों के वित्त पोषण के तरीके की जाँच शुरू करने के बाद से नियंत्रण रेखा  का व्यापार चर्चा में है।
  • यद्दपि, ऐसी प्रशासनिक जाँचे आवश्यक होती हैं, परंतु वे व्यापार अनियमितताओं के मूल कारण को संबोधित नहीं करती हैं। 
  • हालाँकि राष्ट्रीय जाँच एजेंसी के जाँच के परिणाम सार्वजनिक नहीं किये गए हैं, लेकिन यह समझना महत्त्वपूर्ण है कि यह व्यापार वस्तु-विनिमय के रूप में होता है, जिसमें किसी भी मौद्रिक विनिमय के बिना सामानों का आदान-प्रदान किया जाता है।
  • इसलिये  इसमें नियमित रूप से लेखाकरण और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की अन्य प्रथाएँ  यहाँ  लागू नहीं हो सकती हैं।
  • अब इस व्यापार को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया गया है, तो यह ज़रूरी है कि व्यापार व्यवहारों को मज़बूत करने के लिये  कदम उठाए जाएँ और यह सुनिश्चित किया  जाए कि यह एक बार फिर अटकलों और आरोपों का शिकार न हो।           
  • इस व्यापार को सुव्यवस्थित बनाने के लिये दोनों पक्षों के अधिकारियों के बीच हाल ही में यह निर्णय लिया गया कि दोनों देशों के व्यापार अधिकारियों के बीच स्थायी और औपचारिक रूप से संचार सुविधाएँ  स्थापित की जाएंगी। 

व्यापार की बेहतरी के लिये कदम

  • सबसे पहले, सीमा पार नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी के मामलों की जाँच  के लिये  भारत और पाकिस्तान की एक संयुक्त जाँच  टीम की स्थापना की जानी चाहिये। 
  • दूसरा, व्यापारियों और व्यापार प्रथाओं पर नज़र रखने के लिये, राज्य और केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारियों की एक निगरानी कक्ष का गठन किया जाना चाहिये। 
  • तीसरा, दोनों ओर के व्यापारिक समुदाय को संस्थागत बनाने और औपचारिक रूप देने की आवश्यकता है। यह व्यापारियों और दोनों पक्षों के बीच लेन-देन और सूचना प्रवाह को अधिक पारदर्शी बनाने में भी मदद करेगा।
  • अंत में, नियंत्रण रेखा के व्यापारियों को प्रशिक्षण प्रदान करना आवश्यक है। इससे व्यापारियों और सरकारी एजेंसियों को व्यापार पर नज़र रखने और व्यापारी जवाबदेही सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

विश्वास बहाली के उपाय

  • पिछले साल, कई आरोपों से नियंत्रण रेखा के आर-पार व्यापार प्रभावित हुआ है। व्यापार की बहाली के साथ सरकार को विश्वास बहाली उपायों को अगले स्तर तक ले जाने के अपने वादे को पूरा करना चाहिये। 
  • अक्टूबर में, नियंत्रण रेखा पर व्यापार का नौवां साल पूरा होगा। नकारात्मक धारणाओं  के बावजूद, यह व्यापार भारत और पाकिस्तान के बीच सबसे सफल विश्वास बहाली  उपायों में से एक है। सरकारों को यह सुनिश्चित करना चाहिये कि यह व्यापार आगे बढ़ता रहे।
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