महँगाई व औद्योगिक उत्पादन में सुधार : राहत के संकेत | 13 Apr 2018

चर्चा में क्यों?

भारत की खुदरा मुद्रास्फीति (India’s retail inflation) दर मार्च में पाँच महीने के निचले स्तर पर पहुँच गई है, लेकिन केंद्रीय बैंक के मध्यावधि लक्ष्य से उपर रहने के बाद भी आगामी समीक्षा तक मौद्रिक नीति (monetary policy) के अपरिवर्तित रहने की संभावना है। केंद्रीय सांख्यिकी विभाग द्वारा जारी आँकड़ों के मुताबिक सीपीआई (consumer price index) आधारित महँगाई दर 4.44 फीसदी से घटकर 4.28 फीसदी पर आ गई है। इसके 4.20 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया गया था।

  • शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में महँगाई कम हुई है। जहाँ एक ओर ग्रामीण क्षेत्र की महँगाई दर 4.45 फीसदी से घटकर 4.4 फीसदी पर आ गई है। वहीं, शहरी क्षेत्र की महँगाई दर 4.52 फीसदी से घटकर 4.12 फीसदी पर आ गई है।

खाद्य महँगाई दर

  • जहाँ तक बात है खाद्य महँगाई दर की तो मार्च महीने के दौरान खाने-पीने की चीजें भी सस्ती हुई हैं। मार्च महीने में खाद्य महँगाई दर 3.26 फीसदी से घटकर 2.81 फीसदी पर आ गई है।
  • वेजिटेबल इन्फ्लेशन दर फरवरी महीने में 17.57 फीसदी से घटकर मार्च में 11.7 फीसदी पर आ गई है।
  • वहीं, दालों की महँगाई दर फरवरी महीने में 17.35 फीसदी से घटकर 13.4 फीसदी पर आ गई है। वहीं मार्च में कोर महँगाई दर 5.30 फीसदी से घटकर 5.17 फीसदी रही है।
  • फूड एवं बेवरेज इन्फ्लेशन 3.01 फीसदी रही है जो कि फरवरी में 3.38 फीसदी रही थी।
  • इसके अलावा फ्यूल एवं लाइट इन्फ्लेशन (Fuel and light inflation) से जुड़ी महँगाई दर में इज़ाफा देखने को मिला है। मार्च महीने में यह 6.8 फीसदी से घटकर 5.73 फीसदी पर आ गई है।
  • वहीं, क्लाथिंग एवं फुटवेयर की महँगाई दर 5 फीसदी से घटकर 4.91 फीसदी पर आ गई है। 

आईआईपी की स्थिति

  • फरवरी महीने में इंडस्ट्री की रफ्तार में भी सुस्ती देखने को मिली है। फरवरी में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (Index of Industrial Production –IIP) विकास दर 7.1 फीसदी के स्तर पर रही है।
  • वहीं, नवंबर में 8.54 फीसदी तथा जनवरी में 7.4 फीसदी रही थी। आपको जानकारी के लिये बता दें कि जनवरी की आईआईपी ग्रोथ 7.5 फीसदी के स्तर से संशोधित होकर 7.4 फीसदी रह गई है।
  • यदि साल दर साल के आधार पर देखा जाए तो अप्रैल - फरवरी के दौरान आईआईपी विकास दर 4.7 फीसदी से घटकर 4.3 फीसदी के स्तर पर आ गई है। 
  • वहीं, फरवरी में विनिर्माण क्षेत्र की विकास दर 8.7 फीसदी दर्ज की गई है। 
  • फरवरी महीने में खनन क्षेत्र की विकास दर 0.1 फीसदी से घटकर 0.3 फीसदी पर आ गई है।
  • इसी प्रकार फरवरी में ऊर्जा क्षेत्र की विकास दर 7.6 फीसदी से घटकर 4.5 फीसदी के स्तर पर रही है।
  • कैपिटल गुड्स की विकास दर में बढ़त दर्ज की गई है। यह 14.6 फीसदी से बढ़कर 20 फीसदी हो गई है। वहीं, दूसरी ओर महीने-दर-महीने के आधार पर फरवरी में प्राइमरी गुड्स की विकास दर की बात करें तो यह 5.8 फीसदी से घटकर 3.7 फीसदी पर आ गई है।
  • फरवरी में इंटरमीडिएट गुड्स की विकास दर में भी गिरावट दर्ज की गई है। यह 4.9 फीसदी से घटकर 3.3 फीसदी पर आ गई है।
  • इसी क्रम में महीने-दर-महीने के आधार पर फरवरी में कंज्यूमर ड्यूरेबल्स की विकास दर 8 फीसदी से घटकर 7.9 फीसदी के स्तर पर गई है।
  • महीने-दर-महीने के आधार पर फरवरी महीने में कंज्यूमर नॉन-ड्यूरेबल्स की विकास दर 10.5 फीसदी से घटकर 7.4 फीसदी रही है।