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जैव विविधता और पर्यावरण

अपशिष्ट प्रबंधन पर CPCB के निर्देश

  • 15 Jul 2019
  • 5 min read

चर्चा में क्यों ?

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board-CPCB) ने अमेज़न, फ्लिपकार्ट और पतंजलि जैसी 52 कंपनियों को उनके द्वारा फैलाए गए अपशिष्टों के उचित प्रबंधन हेतु निर्देश दिये हैं।

waste management

प्रमुख बिंदु:

  • केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा निर्धारित प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 (2018 में संशोधित) के अनुसार, पैकेजिंग और उत्पादन के दौरान प्लास्टिक अपशिष्ट के निपटान की ज़िम्मेदारी कंपनियों की होगी।
  • निष्पादन योग्य अपशिष्ट के प्रबंधन की ज़िम्मेदारी को विस्तारित निर्माता ज़िम्मेदारी (Extended Producers Responsibility-EPR) कहते हैं। EPR हेतु कंपनी किसी मध्यस्थ कंपनी का भी प्रयोग कर सकती है।
  • अपशिष्ट प्रबंधन के लिये स्थानीय निकायों, ग्राम पंचायतों और खुदरा विक्रेताओं को भी EPR के दायरे में रखा गया है।
  • CPCB के अनुसार, जिन 52 कंपनियों को अपशिष्ट प्रबंधन के संबंध में निर्देश दिये गए हैं, उन्होंने अपशिष्ट के निपटान से संबंधित किसी भी योजना का विवरण मंत्रालय को नहीं दिया है।
  • नए निर्देशों का पालन न करने की स्थिति में इन कंपनियों पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत ज़ुर्माना लगाया जा सकता है या उन्हें कारावास की सज़ा हो सकती है।

अपशिष्ट प्रबंधन की स्थिति

  • विभिन्न कानूनों के बावजूद भी भारत में अपशिष्टों के निपटान को लेकर बहुत कम प्रगति देखी गई है।
  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा वर्ष 2015 में जारी अनुमानों के अनुसार, भारतीय शहरों में प्रतिदिन लगभग 15,000 टन प्लास्टिक अपशिष्ट का उत्पादन होता है और इनमें से लगभग 70 प्रतिशत प्लास्टिक अपशिष्ट के रूप में ही समाप्त हो जाता है।
  • भारत में लगभग 40 प्रतिशत प्लास्टिक अपशिष्ट को न तो एकत्र किया जाता है और न ही उनका पुनर्चक्रण हो पाता है। यही अपशिष्ट अंततः भूमि और जल को प्रदूषित करता है।
  • प्लास्टिक अपशिष्ट का सर्वाधिक उत्पादन पैकेजिंग के दौरान होता है।
  • राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (National Green Tribunal-NGT) के अनुसार, 30 अप्रैल 2019 तक 25 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम (Plastic Waste Management Rules) 2016 के नियमों का पालन नहीं किया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

(Central Pollution Control Board- CPCB)

  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का गठन एक सांविधिक संगठन के रूप में जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के अंतर्गत सितंबर 1974 को किया गया।
  • इसके पश्चात् केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के अंतर्गत शक्तियाँ व कार्य सौंपे गए।
  • यह बोर्ड क्षेत्र निर्माण के रूप में कार्य करने के साथ-साथ पर्यावरण (सुरक्षा) अधिनियम, 1986 के प्रावधानों के अंतर्गत पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को तकनीकी सेवाएँ भी उपलब्ध कराता है।
  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रमुख कार्यों को जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 तथा वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के तहत वर्णित किया गया है।

अपशिष्ट प्रबंधन एवं नवीन विधिक प्रावधान

हानिकारक और अन्य अपशिष्ट नियम, 2016 संशोधन

संसाधन क्षमता पर रणनीति

स्रोत: द हिंदू

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