विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
अंटार्कटिका में कोविड-19
- 26 Dec 2020
- 6 min read
चर्चा में क्यों?
अंटार्कटिका में चिली के एक अनुसंधान केंद्र में 36 लोग नोवल कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए हैं। अंटार्कटिका में वायरस की उपस्थिति का यह पहला मामला है।
प्रमुख बिंदु:
- अंटार्कटिका भारत सहित कई देशों द्वारा स्थापित लगभग 60 स्थायी स्टेशनों को छोड़कर निर्जन है।
- अंटार्कटिका पृथ्वी का सबसे दक्षिणतम महाद्वीप है। इसमें भौगोलिक रूप से दक्षिणी ध्रुव शामिल है और यह दक्षिणी गोलार्द्ध के अंटार्कटिक क्षेत्र में स्थित है।
- 14,0 लाख वर्ग किलोमीटर (5,4 लाख वर्ग मील) में विस्तृत यह विश्व का पाँचवाँ सबसे बड़ा महाद्वीप है।
- भारतीय अंटार्कटिक कार्यक्रम एक बहु-अनुशासनात्मक, बहु-संस्थागत कार्यक्रम है, जो पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के ‘नेशनल सेंटर फॉर अंटार्कटिक एंड ओशियन रिसर्च’ (National Centre for Antarctic and Ocean Research) के नियंत्रण में है।
- भारत ने आधिकारिक रूप से अगस्त, 1983 में अंटार्कटिक संधि प्रणाली को स्वीकार किया।
अंटार्कटिक में अनुसंधान स्टेशन:
दक्षिण गंगोत्री:
- यह भारतीय अंटार्कटिक कार्यक्रम के एक भाग के रूप में अंटार्कटिका में स्थापित पहला भारतीय वैज्ञानिक अनुसंधान बेस स्टेशन था।
- वर्तमान में इसकी स्थिति दुर्बल हो गई है और यह सिर्फ एक आपूर्ति स्टेशन बनकर रह गया है।
मैत्री:
- अंटार्कटिका में मैत्री भारत का दूसरा स्थायी अनुसंधान केंद्र है। इसका निर्माण वर्ष 1989 में हुआ था।
- मैत्री पथरीले पहाड़ी क्षेत्र पर स्थित है जिसे ‘शिरमाकर ओएसिस’ (Schirmacher Oasis) कहा जाता है। भारत में मैत्री के चारों ओर एक मीठे पानी की झील भी बनाई गई है, जिसे प्रियदर्शनी झील के नाम से जाना जाता है।
भारती:
- भारती, वर्ष 2012 से भारत का नवीनतम अनुसंधान स्टेशन है। इसका निर्माण कठोर मौसम में शोधकर्त्ताओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिये किया गया है।
- यह भारत की पहली प्रतिबद्ध अनुसंधान सुविधा है और मैत्री से लगभग 3000 किमी. पूर्व में स्थित है।
अन्य अनुसंधान सुविधाएँ:
सागर निधि:
- वर्ष 2008 में भारत ने अनुसंधान हेतु सागर निधि पोत को शामिल किया।
- यह एक आइसबर्ग पोत है जो 40 सेमी. गहराई की पतली बर्फ की परत को काट सकता है और अंटार्कटिक के पानी को नेविगेट करने वाला पहला भारतीय पोत है।
अंटार्कटिक संधि प्रणाली
- अंटार्कटिक संधि और संबंधित समझौतों को सामूहिक रूप से अंटार्कटिक संधि प्रणाली के रूप में जाना जाता है।
- यह अंटार्कटिका के संबंध में अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को नियंत्रित करती है।
- अंटार्कटिक संधि सचिवालय का मुख्यालय ब्यूनस आयर्स, अर्जेंटीना में है।
अंटार्कटिक संधि:
- वर्ष 1961 में लागू हुई
- वर्तमान में इसमें 53 दल शामिल हैं।
- एक वैज्ञानिक संरक्षण क्षेत्र के रूप में अंटार्कटिका को अलग करता है
प्रावधान:
- इसका उपयोग केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिये किया जाएगा।
- अंटार्कटिका में वैज्ञानिक जाँच की स्वतंत्रता और सहयोग जारी रहेगा।
- अंटार्कटिका से वैज्ञानिक टिप्पणियों और परिणामों का आदान-प्रदान तथा उन्हें स्वतंत्र रूप से उपलब्ध कराया जाएगा।
राष्ट्रीय ध्रुवीय एवं समुद्री अनुसंधान केंद्र
National Centre for Polar and Ocean Research
- राष्ट्रीय ध्रुवीय एवं समुद्री अनुसंधान केंद्र को वर्ष 1998 में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के एक स्वायत्त अनुसंधान और विकास संस्थान के रूप में स्थापित किया गया था।
- यह गोवा में स्थित है।
- यह ध्रुवीय और दक्षिणी महासागर क्षेत्र में देश की अनुसंधान गतिविधियों के लिये ज़िम्मेदार है।
- यह देश में ध्रुवीय और दक्षिणी महासागर वैज्ञानिक अनुसंधान के साथ-साथ संबंधित लॉजिस्टिक गतिविधियों के लिये संपूर्ण योजना, संवर्द्धन, समन्वय और निष्पादन हेतु नोडल एजेंसी है।
इसके प्रमुख कार्यों में शामिल हैं:
- भारतीय अंटार्कटिक अनुसंधान मामलों के प्रबंधन और मैत्री, भारती तथा भारतीय आर्कटिक स्टेशन हिमाद्री का रख-रखाव।
- हिमाद्री: भारत ने वर्ष 2007 में आर्कटिक महासागर में अपना पहला वैज्ञानिक अभियान शुरू किया और ग्लेशियोलॉजी, एट्रोसोनिक विज्ञान और जैविक विज्ञान जैसे विषयों में अध्ययन करने के लिये जुलाई 2008 में नॉर्वे के स्वालबार्ड में "हिमाद्री" नाम से एक शोध स्टेशन खोला।